सीहोर 10 मार्च (फुरसत)। क्रुध्द जिला प्रशासन ने आज अंतत: राज एक्सप्रेस के ब्यूरोप्रमुख, राष्ट्रीय समाचार एजेंसी वार्ता यूएनआई के जिला संवाददाता वरिष्ठ पत्रकार श्री रामनारायण ताम्रकार के साथ अपना पुराना बदला निकाल ही लिया। नगर के प्रसिध्द ससुराल चौपाटी बस स्टेण्ड स्थित उनकी नई दुकान गिफ्ट हाउस को जहाँ आज प्रशासनिक अमले न सिर्फ अतिक्रमण वाले स्थान बल्कि अंदर तक पूरा तहस-नहस कर दिया वहीं स्वतंत्रता संग्राम सैनानी राणा उदय सिंह जी आर्य के भवन का भी बाहरी हिस्से को तोड़ा गया। इसके बड़ोदा बैंक प्रांगण में बनी एक दुकान को भी तोड़ दिया गया। अचानक बिना बात हुई इस मुहिम को अतिक्रमण विरोधी मुहिम कम बदले की कार्यवाही यादा माना जा रहा था जबकि पूरे नगर में अतिक्रमण फैला हुआ है, कई मकान अतिक्रमण में बन रहे हैं ऐसे में सिर्फ यहीं दुकान को पूरा तोड़ देना और बाकी को छोड़ देने से नगर में प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर प्रश् चिन्ह अंकित हो गया है। अनेकों की आज बोलती भी बंद थी, कई लोग टीका-टिप्पणी करने से भी बचे।
उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह अचानक वरिष्ठ पत्रकार रामनारायण ताम्रकार के प्रतिष्ठान ससुराल चौपाटी बस स्टेण्ड सहित उनके चाणक्यपुरी स्थित निवास को लेकर नगर पालिका ने कुछ नोटिस जारी किये थे जिसमें इन भवनों के निर्माण सही नहीं होने तथा नगर पालिका के नियमों के तहत नहीं होने का उल्लेख था।
हालांकि कुल 13-14 लोगों को इस तरह के नोटिस दिये गये थे । इस पर श्री ताम्रकार ने अपने स्तर पर जबाव देने की कार्यवाही करते हुए न्यायालय में आवेदन भी लगाया था।
ज्ञातव्य यह भी है कि श्री ताम्रकार भारत की प्रसिध्द राष्ट्रीय समाचार एजेंसी वार्ता के सीहोर जिला प्रतिनिधि भी हैं। जिसके माध्यम से विगत दिवस एक समाचार प्रसारित किया गया था जिसमें भाजपा सांसद रामपाल सिंह तथा जिला प्रशासन में हुई नोंक-झोंक का स्पष्ट उल्लेख था। यह समाचार पूरे देश के प्रमुखता से छपा भी था कि भाजपा नेताओं द्वारा किस प्रकार प्रशासनिक अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है और उनके साथ अभद्रता की जा रही है । सीहोर कलेक्टर के पक्ष में और भाजपा के विरोध में इस मामले में कई कांग्रेस के नेताओं के बयान भी छपे थे।
आज सोमवार को अचानक सुबह नगर पालिका का पूरा अमला जिला कलेक्टर कार्यालय में गया था। वहाँ से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के नेतृत्व में यह अमला रवाना हुआ और फिर सीधे बस स्टेण्ड स्थित ससुराल चौपाटी, गिफ्ट हाउस और न्यू कम्प्यूटर ढाबे पर जेसीबी मशीन चलाई जाने लगी। इसका विरोध करते हुए पत्रकार श्री ताम्रकार ने नोटिस के एवज में अपने कागज दिखाये और इस पर शाम तक का समय भी मांगा ताकि वह दुकान का कीमति सामान हटा सकें।
उल्लेखनीय है कि मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे श्री ताम्रकार ने जीवनभर संघर्ष करते पत्रकारिता की। बमुश्किल विषम आर्थिक स्थिति में उन्होने ससुराल चौपाटी पिछले वर्षों में खोली थी लेकिन जब यह यादा सफल नहीं हुई तो विगत दो माह पूर्व ही आपने करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च कर फर्नीचर बनवाकर नई गिफ्ट हाउस की दुकान खोली थी, उनका विश्वास था कि दुकान मौके पर होने से चल निकलेगी तो लगाई हुई रकम धीरे-धीरे चुक जायेगी साथ ही 15 दिन पूर्व ही इंटरनेट ढाबा भी खोला था। दुकान में लगी रकम की उधारी चुकना तो दूर आज पूरी दुकान की बर्वाद कर दी गई।
प्रशासन ने शाम तक का समय न देते हुए अचानक सख्त रुख अपनाया, मेहनत की पूंजी को टूटता देख जब श्री ताम्रकार का बालक और एक कर्मचारी जेसीबी के सामने आकर उसे रोकने लगा तो यहाँ मौजूद भारी पुलिस बल ने सीधे सरेआम डंडे चलाना शुरु कर दिये। पुलिस ने इतनी बेरहमी से डंडे चलाये कि सुमित ताम्रकार की पूरी पीठ लाल सुर्ख हो गई, श्री ताम्रकार को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया गया, उनके भाई अशोक ताम्रकार के पैर डंडो की मार से सूझ गये और घनश्याम कर्मचारी के हाथ, पैर, पीठ सब लाल कर दी गई। पुलिस की इस यादती के आगे यहाँ मजबूर जनता चुपचाप सब तमाशा देखती रही। पहले दुकान का बाहरी हिस्सा तोड़ा गया, नया गिफ्ट का सामान चकना-चूर होने लगा, कुछ लीड-पेन जैसे छोटे सामान यहाँ पुलिस जवानों ने उठाये भी। फिर जेसीबी अंदर गई और पूरी दुकान का हर एक निर्माण तोड़ आई।
इसके बाद पास ही वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सैनानी उदय सिंह जी आर्य राणा जी का राणा भवन जहाँ चिकित्सक भरत आर्य रहते हैं के यहाँ भी अतिक्रमण हटाया गया लेकिन यहाँ सिर्फ बाहरी अतिक्रमण हटाया और जेसीबी लौट गई, इसके आगे बड़ोदौ बैंक के सामने बनी एक गुमठी आज हटा दी गई।
इस प्रकार दिनभर चली कार्यवाही ने पूरे नगर में हवा फैला दी कि सिर्फ ताम्रकार जी की दुकान ही तोड़ी गई है तो निश्चित ही कुछ कारण है ? और जब चौराहों पर चर्चाएं शुरु हुई तो लोगों द्वारा एक-दूसरे को तरह-तरह के कारण भी बताना शुरु कर दिये गये। इन्ही चर्चाओं ने आज प्रशासन के खिलाफ वातावरण बना दिया, साथ ही भय भी पैदा कर दिया है।
उधर आज हुई इस बर्वादी को देखकर काफी व्यथित हो गये और एक बारगी वह बेहोंशी की स्थिति में आ गये तो उन्हे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहीं सुमित ताम्रकार भी मारे दर्द के तड़प रहा था जिसकी आंखो दर्द के कारण अविरल आंसू बह रहे थे, अशोक ताम्रकार अस्पताल में ही एक जगह अचानक गिर पड़े और सुध खोने की स्थिति में आ गये। ऐसी स्थिति में यहाँ चिकित्सकों ने उच्च इलाज के लिये इन्हे भोपाल हमीदिया अस्पताल में भेज दिया है। उधर थाना कोतवाली के पुलिस अधिकारी जो नाली में गिर गये थे, इनके पैर में आई किसी चोंट के कारण यह भोपाल भेज दिये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह अचानक वरिष्ठ पत्रकार रामनारायण ताम्रकार के प्रतिष्ठान ससुराल चौपाटी बस स्टेण्ड सहित उनके चाणक्यपुरी स्थित निवास को लेकर नगर पालिका ने कुछ नोटिस जारी किये थे जिसमें इन भवनों के निर्माण सही नहीं होने तथा नगर पालिका के नियमों के तहत नहीं होने का उल्लेख था।
हालांकि कुल 13-14 लोगों को इस तरह के नोटिस दिये गये थे । इस पर श्री ताम्रकार ने अपने स्तर पर जबाव देने की कार्यवाही करते हुए न्यायालय में आवेदन भी लगाया था।
ज्ञातव्य यह भी है कि श्री ताम्रकार भारत की प्रसिध्द राष्ट्रीय समाचार एजेंसी वार्ता के सीहोर जिला प्रतिनिधि भी हैं। जिसके माध्यम से विगत दिवस एक समाचार प्रसारित किया गया था जिसमें भाजपा सांसद रामपाल सिंह तथा जिला प्रशासन में हुई नोंक-झोंक का स्पष्ट उल्लेख था। यह समाचार पूरे देश के प्रमुखता से छपा भी था कि भाजपा नेताओं द्वारा किस प्रकार प्रशासनिक अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है और उनके साथ अभद्रता की जा रही है । सीहोर कलेक्टर के पक्ष में और भाजपा के विरोध में इस मामले में कई कांग्रेस के नेताओं के बयान भी छपे थे।
आज सोमवार को अचानक सुबह नगर पालिका का पूरा अमला जिला कलेक्टर कार्यालय में गया था। वहाँ से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के नेतृत्व में यह अमला रवाना हुआ और फिर सीधे बस स्टेण्ड स्थित ससुराल चौपाटी, गिफ्ट हाउस और न्यू कम्प्यूटर ढाबे पर जेसीबी मशीन चलाई जाने लगी। इसका विरोध करते हुए पत्रकार श्री ताम्रकार ने नोटिस के एवज में अपने कागज दिखाये और इस पर शाम तक का समय भी मांगा ताकि वह दुकान का कीमति सामान हटा सकें।
उल्लेखनीय है कि मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे श्री ताम्रकार ने जीवनभर संघर्ष करते पत्रकारिता की। बमुश्किल विषम आर्थिक स्थिति में उन्होने ससुराल चौपाटी पिछले वर्षों में खोली थी लेकिन जब यह यादा सफल नहीं हुई तो विगत दो माह पूर्व ही आपने करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च कर फर्नीचर बनवाकर नई गिफ्ट हाउस की दुकान खोली थी, उनका विश्वास था कि दुकान मौके पर होने से चल निकलेगी तो लगाई हुई रकम धीरे-धीरे चुक जायेगी साथ ही 15 दिन पूर्व ही इंटरनेट ढाबा भी खोला था। दुकान में लगी रकम की उधारी चुकना तो दूर आज पूरी दुकान की बर्वाद कर दी गई।
प्रशासन ने शाम तक का समय न देते हुए अचानक सख्त रुख अपनाया, मेहनत की पूंजी को टूटता देख जब श्री ताम्रकार का बालक और एक कर्मचारी जेसीबी के सामने आकर उसे रोकने लगा तो यहाँ मौजूद भारी पुलिस बल ने सीधे सरेआम डंडे चलाना शुरु कर दिये। पुलिस ने इतनी बेरहमी से डंडे चलाये कि सुमित ताम्रकार की पूरी पीठ लाल सुर्ख हो गई, श्री ताम्रकार को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया गया, उनके भाई अशोक ताम्रकार के पैर डंडो की मार से सूझ गये और घनश्याम कर्मचारी के हाथ, पैर, पीठ सब लाल कर दी गई। पुलिस की इस यादती के आगे यहाँ मजबूर जनता चुपचाप सब तमाशा देखती रही। पहले दुकान का बाहरी हिस्सा तोड़ा गया, नया गिफ्ट का सामान चकना-चूर होने लगा, कुछ लीड-पेन जैसे छोटे सामान यहाँ पुलिस जवानों ने उठाये भी। फिर जेसीबी अंदर गई और पूरी दुकान का हर एक निर्माण तोड़ आई।
इसके बाद पास ही वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सैनानी उदय सिंह जी आर्य राणा जी का राणा भवन जहाँ चिकित्सक भरत आर्य रहते हैं के यहाँ भी अतिक्रमण हटाया गया लेकिन यहाँ सिर्फ बाहरी अतिक्रमण हटाया और जेसीबी लौट गई, इसके आगे बड़ोदौ बैंक के सामने बनी एक गुमठी आज हटा दी गई।
इस प्रकार दिनभर चली कार्यवाही ने पूरे नगर में हवा फैला दी कि सिर्फ ताम्रकार जी की दुकान ही तोड़ी गई है तो निश्चित ही कुछ कारण है ? और जब चौराहों पर चर्चाएं शुरु हुई तो लोगों द्वारा एक-दूसरे को तरह-तरह के कारण भी बताना शुरु कर दिये गये। इन्ही चर्चाओं ने आज प्रशासन के खिलाफ वातावरण बना दिया, साथ ही भय भी पैदा कर दिया है।
उधर आज हुई इस बर्वादी को देखकर काफी व्यथित हो गये और एक बारगी वह बेहोंशी की स्थिति में आ गये तो उन्हे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहीं सुमित ताम्रकार भी मारे दर्द के तड़प रहा था जिसकी आंखो दर्द के कारण अविरल आंसू बह रहे थे, अशोक ताम्रकार अस्पताल में ही एक जगह अचानक गिर पड़े और सुध खोने की स्थिति में आ गये। ऐसी स्थिति में यहाँ चिकित्सकों ने उच्च इलाज के लिये इन्हे भोपाल हमीदिया अस्पताल में भेज दिया है। उधर थाना कोतवाली के पुलिस अधिकारी जो नाली में गिर गये थे, इनके पैर में आई किसी चोंट के कारण यह भोपाल भेज दिये गये हैं।