Sunday, October 5, 2008

आष्टा सिविल अस्पताल में भर्ती 3 कुपोषित बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों में हालात अच्छे नही, 9 माह में 109 कुपोषण के शिकार बच्चे इलाज के लिये आये

आष्टा 4 अक्टूबर (सुशील संचेती)। म.प्र. कई क्षेत्र में कई क्षेत्र के बच्चे कुपोषण के शिकार है कई बच्चों की मृत्यु भी हुई है यूं तो आष्टा तहसील में ऐसे हालात नहीं है और न ही क्षेत्र में कही से कुपोषित बच्चों की मृत्यु की खबर है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालात अच्छे नहीं है क्योंकि 9 माह में आष्टा के सिविल अस्पताल में चल रहे पोषण पुनर्वास केन्द्र में 109 कुपोषित बच्चे इलाज के लिए आये इसमें से 5 गंभीर बच्चों की जिनमें खून की काफी कमी थी उच्च इलाज के लिए सीहोर रेफर किये गये। वैसे अब दावा किया जा रहा है कि अभी तक जितने भी बच्चे पोषण पुनर्वास केन्द्र सिविल अस्पताल आष्टा में आये वे सभी स्वस्थ है फुरसत ने आज आष्टा सिविल अस्पताल में चल रहे पोषण पुनर्वास केन्द्र का भ्रमण किया तो पाया कि उक्त पुनर्वास केन्द्र में अभी भी तीन कुपोषित बच्चों का इलाज यहां चल रहा है ।

जब इस सम्बंध में केन्द्र के प्रभारी डा. ए.के. जैन से चर्चा की तो उन्होंने बताया की वर्तमान में आष्टा के उक्त केन्द्र में तीन बच्चे इलाज हेतु भर्ती है इसमें एक बालक जिसका नाम हरिओम आ. नारायण सिंह निवासी भंवरीकलां है जो कि ग्रेड-4 में आता है इसकी उम्र साढ़े छै: माह है तथा इसका वजन 3 किलो 700 गा्रम है। जबकि इसका वजन उम्र के हिसाब से 4.500 ग्राम से ऊपर होना चाहिए था का इलाज चल रहा है। दूसरी बालिका है जिसका नाम पूनम आत्मज मुकेश निवासी सेमनरी रोड आष्टा है इसकी उम्र 1 साल 4 माह है इस उम्र में इसका वजन 6.500 ग्राम से अधिक होना चाहिये लेकिन इसका वजन 6.400 ग्राम है इसका भी इलाज जारी है तीसरी बालिका है जिसका नाम राधा आत्मज हरिचरण बजरंग कालोनी आष्टा की है इसकी उम्र 9 माह है उम्र के हिसाब से इसका वजन 5.500 गाम से ऊपर होना चाहिये लेकिन इसका वजन 5.300 ग्राम है इसका भी इलाज चल रहा है पूनम और राधा को ग्रेड-3 के रूप में मारकर उचित इलाज कर पोषण दिलाया जा रहा है डा. श्री जैन ने फुरसत को बताया कि जो कुपोषित बच्चे यहां आते है भर्ती होते ही उन्हें 200 रुपये एवं उनकी माता को 65 रुपये रोज के हिसाब से राशि दी जाती है भोजन, दवा सब कुछ नि:शुल्क दिया जाता है तथा 14 दिन तक इन्हें भर्ती रखा जाता है उसके बाद स्वास्थ्य में सुधार होने पर छुट्टी दे दी जाती है तथा समय समय पर पुन: जांच हेतू बुलाया जाता है। अभी तक जितने भी कुपोषित बच्चें यहां इलाज कराकर गये उनका स्वास्थ्य सुधरा है और वे ठीक है। अभी तक 14 बेज पूरे हो चुके है इलाज का वर्तमान में 15 वां वेच चल रहा है लेकिन सूत्र बताते हे कि ग्रामीण क्षेत्रों में खास कर आदिवासी पिछड़े इलाकों में हालात अच्छे नहीं है कई जगहों पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की भी शिकायते यह आती है कि वहां ऐसे बच्चों के प्रति कोई खास-ध्यान नहीं दिया जाता है कई जगहों पर आंगनबाड़ी कब खुलती है कब बंद हो जाती है ग्रामीणों को मालूम ही नहीं पड़ता है पहले आंगनबाड़ी केन्द्र ग्रामों में ही चलते थे कुछ समय से आष्टा में भी आंगनबाड़ी चालू हुई है। फुरसत को जो जानकारी मिली उसके अनुसार आष्टा सिविल अस्पताल में चल रहे पोषण पुनर्वास केन्द्र में 25 फरवरी 08 से 3 अक्टूबर 08 तक जो कुपोषित बच्चों के इलाज हेतु पहुंच उसमें अधिक बच्चे आष्टा तहसील के ग्राम बागैर, जगमालपुर, इन्द्रा कालोनी आष्टा, रिछारिया, रूपाहेड़ा, गुराडिया, बडोदिया, गाडरी खामखेड़ा, बैजनाथ ग्राम से आये है मतलब यह की इन क्षेत्रों में ऐसे बच्चों की संख्या पाई गई है महिला एवं बाल विकास विभाग ने ऐसे ग्रामों के लिए कुपोषित बच्चों के आने के बाद क्या किया। यह भी जांच का विषय है आज कुछ मुद्दों पर फुरसत ने महिला बाल विकास विभाग की प्रमुख से चर्चा करने के लिए सम्पर्क किया लेकिन वे नहीं मिल पायीं। फुरसत ने आज जब एक भर्ती कुपोषित बालक हरिओम की माता जो बाहर ही खड़ी थी जिनका नाम ममता बाई है से जब पोषण पुर्नवास केन्द्र में कैसी व्यवस्था है बच्चों को क्या-क्या दिया जा रहा है आदि के बारे में चर्चा की तो वे बच्चों के इलाज से संतुष्ट नजर आई वैसे फुरसत ने जब उक्त केन्द्र के कक्ष का निरीक्षण किया तो लगा की पूरे अस्पताल में उक्त कक्ष ही साफ और व्यवस्थित रहता है न कोई गंदगी है और ना ही पलंग पर पीछे गादी, चद्दर, कम्बल खराब है सब कुछ व्यवस्थित नजर आया।

क्यों होते है बच्चे कुपोषित :- आज जब इस सम्बन्ध में फुरसत ने डा. ए.के. जैन से चर्चा की कि आखिर ये छोटे-छोटे बच्चे कुपोषण का शिकार क्यों कैसे हो जाते है जैन ने बताया की इसके प्रमुख कारण है अशिक्षा, गरीबी तथा बच्चों के परिजनों की खराब आर्थिक स्थिति कई बार लापरवाही भी इसका उचित स्थान पर इन्हें इलाज के लिए ना लाकर गांव में ही नीम हकीमों से इलाज कराते रहते है जब स्थिति बिगड़ जाती है तब वे अस्पताल पहुंचते है इसके लिए आज भी ग्राम-ग्राम में जागरूकता जगाने की जरूरत है। 274 आंगनबाड़ी है :- फुरसत को मिली जानकारी के अनुसार आष्टा तहसील में कुल 274 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है इसमें से 20 आंगनबाड़ी केन्द्र आष्टा नजर में चल रहे है। पहले आंगनबाड़ी सुबह 8 से 12 बजे तक खुलती थी अब समय बदल कर 9 से 1 बजे कर दिया गया है।

परियोजना कार्यालय ने ये कहा :- आज इस सम्बंध में फुरसत ने परियोजना कार्यालय में कुपोषित बच्चों के बारे में जानकारी चाही गई तो वहां से बताया कि आष्टा तहसील में 223 अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है ये सभी ग्रेड 3 एवं 4 के है 94 को भर्ती कराकर उनका ग्रेड बड़ाया गया है। 2-3 बच्चे ऐसे थे जिनकी ग्रेड नहीं बड़ी उनके माता-पिता को उचित निर्देश दिए गये। शीघ्र मुस्कान प्रोजेक्ट के तहत आष्टा कोठरी जावर अस्पताल में स्वास्थ्य शिविर लगाये जा रहे है।

क्या देते है बच्चों को :- फुरसत को मिली जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी में जो बच्चे आते है उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में दलिया, मुरमुरे, पंजेरी, हलवा, उपमा बदल-बदल कर दिया जाता है वही शहरी क्षेत्र की आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को पंजेरी, ब्रेड, मुरमुरे दिये जाते है जब से ब्रेड देना शुरु किया है शहरी क्षेत्र की आंगनबाड़ियों में बच्चों की संख्या में पहले से इजाफा हुआ है।

सूचना बोर्ड तो लगवा दो :- आज आष्टा में कुछ आंगनबाड़ी केन्द्रों को जब जाकर बाहर से देखा तो बाहर कोई सूचना बोर्ड ही नहीं लगे दिखे एक दो जगह पर घर के बाहर जरूर लिखा पाया जिसे देखकर लगा की यहां आंगनबाड़ी है महिला एवं बाल विकास विभाग को चाहिये की जहां पर आंगनबाड़ी संचालित हो रही है कम से कम उस स्थान को पहचानने के लिए बाहर बोर्ड तो लगाया ही जा सकता है।

अनजान व्यक्ति को किरायेदार नहीं रखे, वरना कार्यवाही होगी

सीहोर 4 अक्टूबर (नि.सं.)। सब डिवीजन सीहोर के किसी भी थाना क्षेत्र में अब कोई भी व्यक्ति अनजान किराएदार नहीं रख सकेगा और न ही अपने दुकान में कोई ऐसे व्यक्ति को काम पर रखेगा जिसे वह मुकम्मल तरीके से पहचानता नहीं हो। इस सिलसिले में सीहोर एस.डी.एम.श्री चन्द्रमोहन मिश्रा द्वारा दण्ड प्रयिा संहिता में निहित प्रावधानों के तहत आदेश जारी कर दिया गया है।
जारी आदेश के तहत अब सीहोर अनुभाग में कोई भी मकान मालिक और दुकानदार अपने मकान अथवा दुकान पर बिना पुलिस सत्यापन (बेरीफिकेशन) अथवा थाने में सूचना दिए बगैर किसी भी व्यक्ति को अपने मकान में किराये से और अपनी दुकान में कार्य पर नही रख सकेगा। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उगंघन किया जाता है तो उनके विरूध्द नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि देश और प्रदेश में बढ रही आतंकवाद की घटनाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने अनुभाग सीहोर में ऐसे मकान मालिकों एवं दुकानदारों को आगाह किया जाना आवश्यक समझा है कि वे अनजान व्यक्ति को किरायेदार न बनाए और न ही दुकान पर रखे जिससे आपराधिक एवं आतंकी गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए आतंकवादी फर्जी नामों के सहारे विभिन्न स्थानों पर शरण नही ले पाएं। ऐसी परिस्थितियों मे निवासरत किरायेदारों एवं घरेलू अथवा दुकानों में कार्य करने वाले नौकरों के संबंध में पूर्ण विवरण अपने क्षेत्र के थाने को प्रस्तुत करें ताकि उनके आचार एवं व्यवहार का परिचय किया जा सके।

थ्रेसर में सोयाबीन निकालने वक्त युवक के फंसने से मृत्यु

आष्टा 4 अक्टू। आज दिन में डेढ़ से दो बजे के बीच मालीपुरा जोड़ पर एक खेत के खलिहान में रखा सोयाबीन जिसे मनोहर पुत्र लाल सिंह मेवाड़ा निवासी मालीपुरा थ्रेसर के माध्यम से सोयाबीन निकाल रहा था। तभी अचानक वह स्वयं मशीन पर फंस गया जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मृत्यु हो गई। फूल सिंह मालवीय ने ट्रेक्टर चालक फकरुद्दीन खान निवासी राजस्थान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।


हादसे में बालक घायल
सीहोर 4 अक्टूबर (नि.सं.) कोतवाली थाना अन्तर्गत हुये एक सड़क हादसे में एक 4 वर्षीय बालक घायल हो गया। जिसे उपचार हेतु जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना अन्तर्गत स्थानीय लाल मस्जिद निवासी सुधीर सुन्दरानी का 4 वर्षीय पुत्र रोड क्रास कर रहा था कि स्कूल के चालक ने वाहन को तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक चलाकर अंश को टक्कर मारकर घायल कर दिया जिसे प्राथमिक उपचार हेतु जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया।

फोटो ग्राफर को देख कर्मचारी छत पर चढ़ा

आष्टा 4 अक्टूबर (नि.प्र.)। 2 अक्टूबर से पूरे देश में सार्वजनिक स्थानों पर शासकीय कार्यालयों में धूम्रपान पर प्रतिबंध का कानून लागू हो गया ऐसा करने वालों पर 200 रुपये का जुर्माना होगा। कार्यालयों में किस प्रकार प्रतिबंध को धूएं में उठाया जा रहा है इसे अपने कैमरे में कैद करने गत दिवस नगर का एक प्रेस फोटो ग्राफर नगर पालिका कार्यालय जा धमका क्योंकि यहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है जैसे ही कैमरामेन न.पा. कार्यालय में पहुंचा तो एक कर्मारी जो की धूम्रपान के लिए तड़प रहा था परेशान हो गया जब फोटो ग्राफर न.पा. के गलियारे में ही घूमता रहा तो धूम्रपान के लिए तड़प रहा उक्त कर्मचारी न.पा. के कार्या. की छत पर चढ़ गया और वहां जाकर उसने धूम्रपान करके अपनी तड़प मिटाई और फिर नीचे आ गया।

कोटा कम करने से डीजल का संकट किसान हो रहा है परेशान, कैसे खेत करेगा तैयार

आष्टा 4 अक्टूबर (सुशील संचेती)। एक ओर केन्द्र सरकार किसानों का ऋण माफ कर अपने को किसानों की हितैशी सरकार होने का दावा करते नहीं थक रही है वही दूसरी और वो ऐसे निर्णय ले रही जिससे देश का अन्नदाता कहा जाने वाला किसान इन दिनों दर-दर भटक रहा है। इन दिनों पेट्रोल पम्पों पर जो डीजल पेट्रोल आदि पूर्व में दिया जाता था उसमें 30 से 40 प्रतिशत तक की कटौती कर दिये जाने से किसान डीजल के लिए दिन-दिन भर हाथों में ड्रम लिये या टेक्टर खडे कर डीजल का इंतजार करता रहता था।
खेतों में खड़ा सोयाबीन कट गया है उसे निकालने के लिए बाहर से जो बड़ी-बड़ी हडम्बा मशीने आई है उन्हें डीजल नहीं मिलने से वे मंहगा डीजल ला रहे है और सोयाबीन निकालने का प्रति घंटे का शुल्क 300 से बड़कर 350 -400 रुपये कर दिया है। सोयाबीन कटने के बाद किसान गीते खेत को हाथ से नहीं जाने देना चाहता है तुरंत बख्खर फैर कर बोनी करने की इच्छा रखता है लेकिन उसे डीजल नहीं मिल रहा है जिससे वो परेशान है कडकड़ाती धूप के कारण गीले खेत सुखते जा रहे है वही इस बार बरसात कम होने से जल स्त्रोत भी साथ देने की स्थिति में नहीं है की वो पलेवा कर ले और फिर बोवनी क्षेत्र के किसान डीजल नहीं मिलने से परेशान है वही जो डीजल आता है उसे बड़े-बड़े लोग भरवा लेते है और छोटा किसान वंचित रह जाता है स्थानीय एवं जिला प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिये।

कोटा कम करने से डीजल का संकट किसान हो रहा है परेशान, कैसे खेत करेगा तैयार

आष्टा 4 अक्टूबर (सुशील संचेती)। एक ओर केन्द्र सरकार किसानों का ऋण माफ कर अपने को किसानों की हितैशी सरकार होने का दावा करते नहीं थक रही है वही दूसरी और वो ऐसे निर्णय ले रही जिससे देश का अन्नदाता कहा जाने वाला किसान इन दिनों दर-दर भटक रहा है। इन दिनों पेट्रोल पम्पों पर जो डीजल पेट्रोल आदि पूर्व में दिया जाता था उसमें 30 से 40 प्रतिशत तक की कटौती कर दिये जाने से किसान डीजल के लिए दिन-दिन भर हाथों में ड्रम लिये या टेक्टर खडे कर डीजल का इंतजार करता रहता था।
खेतों में खड़ा सोयाबीन कट गया है उसे निकालने के लिए बाहर से जो बड़ी-बड़ी हडम्बा मशीने आई है उन्हें डीजल नहीं मिलने से वे मंहगा डीजल ला रहे है और सोयाबीन निकालने का प्रति घंटे का शुल्क 300 से बड़कर 350 -400 रुपये कर दिया है। सोयाबीन कटने के बाद किसान गीते खेत को हाथ से नहीं जाने देना चाहता है तुरंत बख्खर फैर कर बोनी करने की इच्छा रखता है लेकिन उसे डीजल नहीं मिल रहा है जिससे वो परेशान है कडकड़ाती धूप के कारण गीले खेत सुखते जा रहे है वही इस बार बरसात कम होने से जल स्त्रोत भी साथ देने की स्थिति में नहीं है की वो पलेवा कर ले और फिर बोवनी क्षेत्र के किसान डीजल नहीं मिलने से परेशान है वही जो डीजल आता है उसे बड़े-बड़े लोग भरवा लेते है और छोटा किसान वंचित रह जाता है स्थानीय एवं जिला प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिये।

अवकाश पर प्रतिबंध

सीहोर 4 अक्टूबर (नि.सं.)। विधानसभा चुनाव 2008 से संबंधित कार्य के मद्देनजर जिले में कार्यरत समस्त शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस सिलसिले में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.पी.आहूजा द्वारा आदेश जारी कर दिए गए है।
जारी आदेश के मुताबिक विधानसभा चुनाव से संबंधित कार्य के मद्देनजर जिले में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी के किसी भी प्रकार के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है। निर्वाचन कार्य संपन्न होने तक समस्त प्रकार के अवकाश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति से ही स्वीकृत किए जांएगे। समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी अपने निर्धारित मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे। सार्वजनिक अवकाशों में भी कार्यालय खुले रहेंगे। शासकीय कार्य से मुख्यालय से बाहर जाना है तो उसकी अनुमति भी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सीहोर से प्राप्त की जायगी।

धूम्रपान पूर्णत: वर्जित

सीहोर 4 अक्टूबर (नि.सं.)। भारत सरकार ने 2 अक्टूबर,8 से सभी सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी, सिगरेट और तम्बाकू का सेवन प्रतिबंधित कर दिया है।
इसी तारतम्य में आज जिला चिकित्सालय में तीन व्यक्ति ध्रूमपान करते पाए गए जिनसे जिला चिकित्सालय प्रशासन द्वारा जुर्माना किया गया। जिन तीन लोगों पर जुर्माना किया गया उनमें ग्राम गोलूखेड़ी के रामसिंह आत्मज नन्नूसिंह, ग्राम गुड़भेला के प्रहलाद आत्मज मंदरूप और ग्राम चायनी के आजाद खां आत्मज हिम्मत खां शामिल है। जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक ने जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों एवं उनके अटेण्डेटों को समझाईश दी है कि वे जिला चिकित्सालय के वार्डो एवं परिसरों में ध्रूमपान न करें अन्यथा उन्हें जुर्माना देना पड़ेगा।

अवैध मत चलाना...

आष्टा 4 अक्टूबर (नि.प्र.) गेहूं चने का सीजन शुरू हो गया है विद्युत मण्डल आष्टा के डी.ई. श्यामलाल नरेडा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर क्षेत्र के समस्त कृषकों से अपील की है कि वे विद्युत का उपयोग अवैध तरीके से ना करें विधिवत कनेक्षन लेकर ही थ्रेशर, टयूबवेल, सिंचाई पम्प आदि चलाये अगर कोई उपभोक्ता अवैध रूप से चलाते हुए निरीक्षण के दौरान पाया गया तो भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अन्तर्गत चौकी का प्रकरण पंजीबद्ध किया जायेगा।
सम्बंधित वितरण केन्द्र पर कनेक्षन प्राप्त करने के लिए राशि जमा कर कनेक्षन प्राप्त करे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लिए जो राशि 1,2,3 माह के लिए निर्धारित की है उसे वितरण केन्द्र पर देखा जा सकता है।

तीन शासकीय कर्मचारी निलंबित

सीहोर 4 अक्टूबर (नि.सं.)। तीन शासकीय कर्मचारियों को लापरवाही करना उस समय महंगा साबित हुआ जब इसके बदले उन्हें निलम्बन आदेश थमा दिए गए। इसके अलावा एक सहायक कोषालय अधिकारी को वेतन वृध्दि से हाथ धोना पड़ा।
पोस्ट मेट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास सीहोर के अधीक्षक श्री मेहरबान सिंह जांगडे को निलम्बित कर दिया गया है। कारण श्री जांगडे बिना सक्षम अधिकारी के अवकाश का लाभ उठा रहे थे। तहसील बुधनी के नाजिर इस कारण निलम्बित किए गए कि उन्होंने कैश बुक के संधारण में लापरवाही बरती। नाजिर के सहायक श्री संतोष सिसौदिया भी निलम्बन से नहीं बच पाए। श्री सिसौदिया कोर् कत्तव्य स्थल से बिना अनुमति गायब रहने के चलते सस्पेंड कर दिया गया।
जिला कोषालय के सहायक कोषालय अधिकारी श्री ललित कुमार बिजलानी को प्रतिफल की अपेक्षा ले डूबी। श्री बिजलानी को एक जांच कार्य सौंपा गया था जिसमें उन्होंने लापरवाही तो बरती ही साथ ही प्रतिफल की अपेक्षा भी की जिसके चलते उन्हें वेतन वृध्दि से हाथ धोना पड़ा।
जता और बता का समीकरण
इस कार्यवाही ने यह जता और बता दिया कि कलेक्टर श्री डी.पी.आहूजा केवल निर्देश ही जारी नहीं करते बल्कि उनका पालन कराना भी उन्हें बखूबी आता और भाता है। गौरतलब है कि श्री आहूजा द्वारा पिछले दिनों विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए थे जिनमें शासकीय अनुशासनात्मक नियमों का पालन करने की सख्त ताकीद की गई थी। जारी निर्देशों में उन हिदायतों का भी खास खुलासा किया गया था जिनका शासकीय कर्मचारी को ध्यान रखना होता है। दिशा निर्देशों में मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के हवाले से उन सभी सरकारी तौर तरीको का पालन करने की ताकीद की गई थी जो एक लोक सेवक द्वारा आवश्यक रूप से पालन किए जाते हैं। निलम्बन की इस कार्यवाही से यह जाहिर हो चुका है कि कलेक्टर श्री आहूजा ने सरकारी महकमों में सुधार का मन बना लिया है।