Monday, December 29, 2008

जब तक पेयजल समस्या हल नहीं तब तक सम्मान नहीं कराऊंगा-रमेश सक्सेना, अनौपचारिक पत्रकार वार्ता में कहा विधायक ने

सीहोर 28 दिसम्बर (नि.सं.)। शहर की गंभीर पेयजल संकट को देखते हुए क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक रमेश सक्सेना ने कल कवि सम्मेलन के सार्वजनिक मंच पर और आज पत्रकारों को दिये गये सहभोज में भी घोषणा की कि शहर को जब तक पेयजल समस्या से छुटकारा नहीं दिला सकूंगा तब तक मैं कोई सम्मान या स्वागत स्वीकार नहीं करुंगा।
आज कुईयाश्री गार्डन में आयोजित सहभोज कार्यक्रम में विधायक श्री सक्सेना ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इस बार चुनाव प्रचार में जिस जगह भी गया उसी गली-मोहल्ले में पेयजल की समस्या एक गंभीर मुद्दा बनकर मेरे सामने आया। पिछले पाँच वर्ष के कार्यकाल में मैने अपनी और से जितनी बन सकी कोशिश विधायक निधि के माध्यम से स्थान-स्थान पर बोर-नलकूप खनन कराकर उसके माध्यम से पानी उपलब्ध कराया। लेकिन इससे समाधान नहीं हो सका। अब जब मैं आभार व्यक्त करने भी निकल रहा हूँ तो यह समस्या महत्वपूर्ण रुप से फिर सामने आई है। उस समस्या के हल की मैं पूरी कोशिश करुंगा।
पत्रकारों से इस विषय पर उठाये गये प्रश्न पर विधायक श्री सक्सेना ने कहा कि शहर को पानी चाहिये और वो किस माध्यम से आयेगा यह काम देखना शासन का है। कोलार से अगर पानी आ सकता है तो कोलार से दिया जाये या नर्वदा मैया जब बैरागढ़ तक आ गई हैं तो उस माध्यम से भी अगर पानी आ सकता है तो दिया जाये। आपने कहा कि हमें पानी चाहिये और शासन कैसे उपलब्ध कराता है यह काम उन्हे देखना है।
एक अन्य सवाल के जबाव पर आपने कहा कि माननीय अटल जी का जो स्वप् नदी जोड़ो अभियान का था उस स्वप्न को भी इस तरह युवा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साकार कर सकते हैं कि नर्वदा जी का पानी आष्टा के निकट पार्वती नदी में छुड़वाया जाये तो आष्टा से लेकर सीहोर जैसे बड़े दो शहरों के अलावा सैकड़ो गांव भरपूर जल से सम्पन्न हो जायेंगे। जहाँ आष्टा और सीहोर की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान इस माध्यम से हो सकेगा वहीं क्षेत्र में कृषि को भी लाभ मिलेगा।
श्री सक्सेना ने कहा कि सीहोर में पार्वती योजना का बैरागर्क करने में नगर पालिका यादा जिम्मेदार रही है। पेयजल के लिये आये करोड़ो रुपयाें को दीगर जगह खर्च कर भारी भ्रष्टाचार कर लिया है। नहीं तो केन्द्र शासन से आई एक योजना में पार्वती पेयजल योजना के खारपा डाल पर एक स्टापडेम बनना था, टंकियों का निर्माण होना था, लेकिन यह नहीं हो सका। इसलिये नगर पालिका पर कोई विश्वास किया ही नहीं जा सकता। अब मैं स्वयं प्रयास कर रहा हूँ कि खारपा डाल पर एक बड़ा स्टापडेम बन जाये जिससे योजना के मूल स्थान पर पानी का यादा भंडारण बना रहे ताकि आगामी वर्षों में अपने स्तर पर पानी की समस्या से निजात पा सकें।
एक पत्रकार द्वारा पूछे जाने पर की इस बार चुनाव में भाजपा में भीतरघात करने वालों की क्या आपने शिकायत की है या आप शिकायत करने वाले हैं के जबाव में श्री सक्सेना ने कहा कि किनने काम किया और नहीं किया यह काम संगठन को देखना है। मैं शिकायतों पर विश्वास नहीं करता। ना ही मैं चाहता हूँ की वो पार्टी से बाहर हों। श्री सक्सेना ने मुस्कुराते हुए अपने अंदाज में कहा कि पार्टी में रहेंगे तो शांति से अपना समय निकालेंगे और बाहर निकालने के बाद तो वो और बाहर जाकर विरोध ही करेंगे। जो लोग भाजपा छोड़कर गये हैं वो तो पिछले चुनाव में भी मेरे साथ नहीं थे। उस चुनाव में भी उन्होने मेरा विरोध ही किया था। और उनके जाने या रहने का मुझे कोई लाभ हुआ ना ही कोई नुकसान। आज विधायक श्री सक्सेना ने सभी पत्रकारों का चुनाव में दिये गये सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए कहा की जिस तरह का पत्रकारों का मुझे सहयोग बना रहा है वैसा ही सहयोग मुझे आगामी पाँच साल तक मिलता रहे और मार्गदर्शन भी देते रहें। सीहोर विधानसभा प्रभारी प्रकाश व्यास काका ने भी आज सभी का आभार व्यक्त किया।

समन्वित प्रयासों से टीकाकरण की लक्ष्यपूर्ति करें - कलेक्टर

सीहोर 28 दिसंबर (नि.सं.)। शासन की मंशा के अनुरूप जिले में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के नियमित और गुणवत्तापूर्ण टीकाकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा ठोस पहल की जा रही है। जिले में विभिन्न विभागों के सहयोग से शत प्रतिशत टीकाकरण की लक्ष्यपूर्ति सुनिश्चित की गई है। इस सिलसिले में बाल्य स्वास्थ्य पर जिला स्तरीय तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई। जिसमें कलेक्टर डी.पी.आहूजा की मौजूदगी में प्रतिभागियों को टीकाकरण, पोषण तथा सुपर विजन की ट्रेनिंग दी गई। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अरूण कुमार तोमर, डी.एफ. ओ. के.पी.बांगर, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल संभाग डॉ बी.एस.ओहरी, इम्यूनाइजेशन बेसिक्स लखनऊ डॉ.मनीष जैन, संभागीय टीकाकरण समन्वयक भोपाल संभाग डॉ. रत्ना मूले, स्टेट प्रोग्राम अधिकारी डॉ. राजन दुबे एवं जिले के सभी एस.डी.एम.,जनपद पंचायतों के सीईओ एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
द क्रिसेन्ट रिसोर्ट क्लब सीहोर में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर डी.पी.आहूजा ने कहा कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं के नियमित टीकाकरण के लिए वर्तमान व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय मानकों का पालन बहुत जरूरी है। नियमित टीकाकरण कार्यम का संचालन बेहतर तरीके से हो इसके लिए यह जरूरी है कि विभिन्न विभागों खासकर स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, जिला पंचायत, वन, शिक्षा और राजस्व, आदिम जाति कल्याण का समन्वय होना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह कार्यशाला आयोजित की गई है।
कलेक्टर श्री आहूजा ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने भ्रमण के दौरान नियमित टीकाकरण कार्यम की समीक्षा करें ताकि इसकी शत प्रतिशत लक्ष्यपूर्ति हासिल की जा सके। उन्हाेंने कहा कि विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों से टीकाकरण के लिए जाने वाली कार्यवाही के संबंध में कार्यशाला में विस्तृत जानकारी दी जायगी ताकि जिला, खण्ड एवं सेक्टर स्तर पर अनुश्रवण की स्थिति को कारगर बनाया जा सके। उन्होने नियमित रूप से कोल्डचेन मेन्टेन करने, समय समय पर व्हेक्सीन और कोल्ड चेन उपकरणों का सुपरवीजन करने, लक्षित बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने, आंगनबाड़ी के जरिए बच्चों को पौष्टिक आहार देने तथा जन जागरूकता लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कार्यशाला में डॉ.बी.एस.ओहरी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों को विभिन्न स्तर पर सपोर्टिव सुपरवीजन के लिए चैक लिस्ट और सार्वभौमिक टीकाकरण के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया तथा आवश्यक प्रपत्र एवं जानकारी उपलब्ध कराई गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ए.एल.मरावी ने बताया कि टीकाकरण एवं बाल्य स्वास्थ्य के संबंध में आयोजित तीन दिवसीय इस कार्यशाला के दूसरे और तीसरे दिन एक-एक टीम जिले के प्रत्येक ब्लाक में अनुश्रवण के लिए भेजी जायगी और टीमों द्वारा एकत्र ब्यौरे की समीक्षा की जायगी।
कार्यशाला में एस.डी.एम. सीहोर चन्द्र शेखर वालिम्बे, एसडीएम आष्टा श्रीमती जी.व्ही.रश्मि, एसडीएम बुधनी चन्द्रमोहन मिश्रा, एसडीएम इछावर रवि शंकर पटले, एसडीएम नसरूल्लागंज एस.के.उपाध्याय, सिविल सर्जन डॉ.टी. एन. चतुर्वेदी सहित सभी ब्लाक मेडिकल ऑफीसर्स, महिला बाल विकास अधिकारी एवं बाल विकास परियोजनाओं के समस्त सी.डी.पी.ओ.,जिला शिक्षा अधिकारी सहित सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, आयुष चिकित्सक, वन एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।