Saturday, October 18, 2008

भाजपाईयों ने बड़े नेताओं से कहा : इछावर से चेहरा बदलो नहीं तो इस बार चाल बदल जायेगी, करण सिंह वर्मा को लेकर क्षेत्र में नाराजगी उभरी

सीहोर 17 अक्टूबर (विशेष संवाददाता)। भाजपा का अभेद गढ़ कहा जाने वाला इछावर विधानसभा क्षेत्र लगता है इस बार हर बार की तरह भाजपा के लिए उतना आसान नहीं है जितना हुआ करता था एवं समझा जा रहा है। मंत्री करण सिंह वर्मा के साथी ही इस बार एक तरह से उनके खिलाफ बगावत का बिगुल बजा चुके हैं वही क्षेत्र में विकास की गति धीमी रहने तथा मंत्री पद प्राप्त होने के बाद भी इछावर जैसे पिछड़े और उपेक्षित क्षेत्र का वे उतना विकास नहीं करा पाये जितना जनता को उम्मीद थी एक नहीं अनेको कारणों से इस बार क्षेत्र की जनता भी और अधिकांश कार्यकर्ता इछावर से लगातार 1985 से विजय होते आने वाले शिवराजसिंह चौहान मंत्री मण्डल के सदस्य इछावर के विधायक करणसिंह वर्मा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही  है वैसे यह भी कही ना कहीं सत्य है कि मंत्री करणसिंह वर्मा ने इस क्षेत्र में उतना दमदार नेता पैदा ही नहीं होने दिया जो उन्हें टक्कर दे सके लेकिन इस बार उन्हीं लोगों ने उनके खिलाफ विरोध का स्वर मुखर किया है जो आज तक करण सिंह वर्मा को ही टिकिट दिये जाने और उन्हें जिताने, उनका चुनाव संचालन करने का जिम्मा अपने कंधों पर लिये हुए रहते थे। क्षेत्र के वरिष्ठ नेता मंत्री करणसिंह वर्मा से इस लिए भी नाराज है कि उनकी कथनी और करनी में अब उन्हें अंतर नजर आने लगा है।

      जानकार सूत्रों के अनुसार मंत्री जी के लिए इस बार इछावर उतनी आसान नहीं है जितनी हमेशा होती थी मंत्री जी जो की खाती समाज के हैं और इस विधानसभा में खाती समाज के कुल 1 लाख 70 हजार मतदाताओं मेें से लगभग 35 से 40 हजार मतदाता खाती समाज के है जातीवाद के गणित से वे अभी तक टिकिट भी पाते रहे है और यह भी सत्य है कि वे इसी गणित से जीतते भी आये हैं लेकिन इस बार इस क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं हमेशा करण सिंह वर्मा के चुनाव के संचालक रहने वाले भाजपा के जिला महामंत्री लीलाधर जोशी ने मंत्री जी की कार्यप्रणाली कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, विकास के कार्यो में रूचि ना लेने व अन्य कारणों से नाराज होकर मंत्री जी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है तथा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश भाजपा के उन सभी नेताओं से भेंटकर जो टिकिट वितरण के प्रमुख है से कह दिया है की इछावर से चेहरा बदला जाये। जब प्रदेश ने उनसे पूछा दूसरा नाम बताओं तो एक नहीं 5-6 नाम प्रदेश को बताये जो नाम बताये उसमें लीलाधर जोशी, राधेश्याम कबाड़ी, सुहागमल मेवाड़ा, धरमसिंह वर्मा, भोपाल दुग्ध संघ अध्यक्ष, करणसिंह सेठी, महेन्द्र प्रगट, कैलाश पटेल, शंकरलाल शर्मा आदि प्रमुख है इन नामों में से तीन नाम ऐसे है जो खाती समाज के ही हैं और वे भी समाज में अपना प्रमुख स्थान रखते है।

      करण सिंह वर्मा से नाराजगी के कुछ कारणों इस क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण कार्य जो शुरु हुआ वो मंत्री जी की अनदेखी के कारण आज भी अधूरी पड़ी है जबकि उन सड़क को कभी का पूरा हो जाना था। ऐसे जो रोड है जो नाराजी के कारण बने है वे है भाऊखेड़ी से अमलाह मार्ग, इछावर से राम नगर मार्ग, 4 साल के बाद भी ये रोड अधूरे पड़े और ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बने हैं वहीं इछावर में विश्रामगृह निर्माण का शुभारंभ हुआ था तब मंत्री जी ने घोषणा की थी की 3 माह में बनकर तैयार हो जायेगा। 3 माह के बदले 5 माह हो गये निर्माण पूरा हीं नहीं हुआ उल्टे उन्हें भूमिपूजन का पत्थर उदघाटन के बाद लोग फोड़ गये। मंत्री जी ने भूमिपूजन किया तब भाषणों में कहा की ये सडक गाल की तरह चिकनी बनेगी वो सडके उन्हें ही चिढ़ा रही है।

      इछावर विधानसभा का इतिहास :- सीहोर जिले की इछावर विधान सभा क्षेत्र भाजपा का अभेदगढ़ माना जाता है अभी तक हुए चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अजीज कुरैशी, हरिचरण वर्मा जीते वही जनता पार्टी से एक बार नारायण प्रसाद गुप्ता 1977 में जीते थे 1985 से 2003 तक पांच चुनावों में लगातार करण  सिंह वर्मा जीतते आये हैं। इस बार क्या होगा इसके लिए इंतजार करना होगा 2003 में करणसिंह वर्मा को बलवीर तोमर ने कड़ी टक्कर दी थी वही कांग्रेस के राधाकिशन को करण सिंह वर्मा ने 15 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था यहां कांग्रेस गुटबाजी के कारण पराजित होती आई है इस बार कांग्रेस से अभय मेहता टिकिट पाने के लिए पूरी तरह से जुटे हुए है बलवीर तोमर भी दिल्ली में सम्पर्क में है अभय मेहता पचौरी समर्थक हैं वही बलवीर तोमर कमलनाथ के भरोसे हैं। वैसे उन्हे केन्द्र में अच्छा पद मिल चुका है फिर भी एक बार विधायक बनने के बरसों से सपना संजोये हुए हैं।

      नाराजी बनेगी परेशानी :- इछावर के वरिष्ठ नेता लीलाधर जोशी, राजेश खंडेलवाल, राधेश्याम कबाड़ी, धरम सिंह वर्मा, कैलाश पटेल जैसे धाकड तथा जनाधार वाले नेताओं की नाराजगी करण सिंह वर्मा को परेशान किये हुए है इस बार इछावर में भाजपा चिन्ता में है।

      राजेश खंडेलवाल से विवाद चर्चा का विषय है:- मंत्री करणसिंह वर्मा ने वर्षो से खास सीहोर के भाजपा नेता जिन्हें करण सिंह वर्मा का दायां हाथ कहा जाता है मंत्री जी से खंडेलवाल का विवाद और अलग होना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दवी जुबान से क्षेत्र के लोग इन दोनों के बीच के विवाद का कारण बिचौली ग्राम की किसी जमीन को बताते हे खुलकर कुछ नहीं बोलते है इससे लगता है कोई बड़ा मामला इन दोनों के बीच विवाद का कारण है जिसे क्षेत्र के लोग पूरी तरह से जानते हैं आज कल राजेश खंडेलवाल जो हमेशा मंत्री जी के साथ रहते थे उक्त विवाद के बाद साथ नहीं नहीं आ रहे है...मंत्री जी को शायद यह नहीं पता कि दाई से कभी पेट नहीं छुपता।

        कहां-कहां नाराजी व्यक्त की :- मंत्री जी को लेकर उठी नाराजी चेहरा बदलों की मांग को लेकर इस क्षेत्र के सेकड़ों भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने अपनी बात नरेन्द्र सिंह तोमर, सुंदरलाल पटवा, प्यारेलाल खंडेलवाल, कैलाश जोशी, माखनसिंह, भगवत शरण माथुर, अनिल दबे आदि को बताकर चेहरा बदलों की मांग कर दी है।

       चेहरा बदलना आसान नहीं :- लगातार 5 बार से विजय होने वाले इछावर के विधायक करण सिंह वर्मा के खिलाफ उठी आवाज को तो सुन ली है लेकिन यह भी सत्य है कि इछावर से मंत्री जी का टिकिट काटना उतना आसान नहीं है जितना नाराज कार्यकर्ता मानकर मांग कर रहे है। भाजपा पार्टी पूर्ववती वर्मा की जीत को देखते हुए आसानी से टिकिट बदल नहीं सकती दूसरे वर्मा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले संयुक्त रुप से कुछ करते नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे नेतृत्व के समक्ष खुला  विरोध प्रदर्शित नहीं हुआ है। यह अवश्य है कि पहली बार वर्मा के खिलाफ कुछ वातावरण अवश्य बना है। लेकिन इतना विरोध तो भाजपा को लगभग हर प्रत्याशी के खिलाफ देखने में आ रहा है। 

नशे में धुत युवक ने दौड़ाई उल्टी मारुती

              सीहोर 17 अक्टूबर (नि.सं.)। नशा चढ़ा व्यक्ति जो करने लगे वह कम है। अब नवयुवक ने दो दिन पूर्व पीने के बाद जब गदर मचाना शुरु किया तो हद ही कर दी। अपनी मारुती वेन जिसमें यह एक स्कूल बच्चों को प्रतिदिन लाता-ले जाता है उसमें बैठकर इसने खूब शराब पी, उसके बाद इसे ऐसी चढ़ी ने इसने मारुती वेन से करतब दिखाना शुरु कर दिये।

       मारुती को  उल्टे चलाने वाले गैर में डालकर एक व्यस्त रहवासी मार्ग पर करीब 60-70 की तेज गति से इसने दूर तक वाहन चलाया। दो बच्चे रात दुर्घटना में भगवान के आशीर्वाद से बच गये। मारुती वेन बहुत तेजी से इसने पलटी और फिर सीधे भी भगाई। जब मारुती रुकी तो मोहल्ले वालों ने देखा अंदर करीब 6-7 शराब की बोतले रखी हुई हैं। मण्डी पुलिस को युवक सोंप दिया गया है।

      रात करीब 9 बजे के आसपास मण्डी माता मंदिर से आगे नरसिंहगढ़ नाका मार्ग पर श्रीराम मंदिर रोड से लेकर वर्कशाप तक रहवासी क्षेत्र है और सड़क भी सामान्य स्तर की ही चौड़ी है। यहाँ मंदिर से एक मारुती वेन में बैठे युवक ने वेन को रिवर्स गैर डालकर इतनी तेजी से वर्कशाप तक ले गया कि देखने हतप्रभ रह गये। और जो रास्ते में थे उन्होने भागकर सड़कें खाली की। मारुती वेन इतनी तेज दौड़ रही थी कि रात यह समझ नहीं आ पा रहा था कि वह सीधी चल रही है या उल्टी ? अंधाधुंध गति से उल्टी जाती हुई वेन अचानक रुकी और तेज आवाज करती हुई फिल्मी स्टाइल में पूरी मुड़ गई। फिर सीधे होने पर भी यह बहुत तेजी से भागती हुई सड़क के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँच गई और रुक गई। इसमें सवार युवक नशे में इतना धुत था कि यहीं वाहन रोककर वाहन में ही आड़ा पड़ गया। जब मोहल्ले वालों ने वाहन के पास आकर दरवाजा खोला तो अंदर 6-7 शराब की बोतले पड़ी हुई थी। उसी समय रात मण्डी पुलिस को इस युवक को सौंप दिया गया। युवक की माँ एक शासकिय कार्यालय में कार्यरत हैं।

      सबसे बड़ी बात यह है कि उपरोक्त वाहन प्रतिदिन स्कूल के बच्चों को लाने-ले जाने का कार्य करता है।

....विधायक और केसरी को पथ संचलन में शामिल नहीं होने दिया

      आष्टा 17 अक्टूबर (नि.सं.)। कल आष्टा मे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचलन निकाला उक्त पथ संचलन आष्टा नगर का था लेकिन चुनाव के मौसम में भाजपा के कई दावेदार पथ संचलन में भाग लेने पहुँचे लेकिन अनुशासन के लिये अपनी अलग ही पहचान  रखने वाले संगठन ने पथ संचलन में ग्रामीण एवं बाहरी स्वयं सेवकों को भाग नहीं लेने दिया। कल पथ संचलन में भाग लेने के लिये आष्टा के विधायक रघुनाथ मालवीय जो ग्राम कोठरी के निवासी हैं संघ की गणवेश पहन कर कंधे पर अपनी बंदूक टांगकर आ गये थे वहीं भाजपा के एक और दावेदार भूपेन्द्र केसरी भी गणवेश धारण कर पहुँच गये थे लेकिन दोनो को संघ के उक्त निकले पथ संचलन में भाग नहीं लेने दिया गया क्योंकि विधायक जी कोठरी के थे तथा भूपेन्द्र केसरी इन्दौर के। शेष अन्य भाजपा के दावेदार जो स्वयं सेवक भी हैं ने स्थानीय नगर का होने के कारण पथ संचलन में भाग लिया।

टिकिट को लेकर जातिगत समीकरण बैठाने की जुगाड़ में त्यागी दौड़े गाजियाबाद...

      सीहोर 16 अक्टूबर (नि.सं.)। भाजपा की राजनीति में इस बर्ष अत्याधिक गर्माहट ला चुके पूर्व विधायक मदनलाल त्यागी लगता है इस बार शांत बैठने वाले नहीं है। संघ परिवार से लेकर प्रदेश भाजपा तक के सारे राजनेताओं तक अपनी दमखम दिखाने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के क्षेत्र में वह त्यागी गोलापुरा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में पहुँच गये हैं। लगता है वहाँ के स्थानीय ब्राह्मण समाज का सहयोग लेकर अब त्यागी राजनाथ सिंह पर दबाव बनायेंगे? जैसे ही त्यागी रवाना हुए है वैसे ही सीहोर की भाजपा राजनीति में उथल-पुथल मच गई है और श्री त्यागी द्वारा कही गई उन बातों को भी बल मिल गया है जिसमें उन्होने कहा था कि मैं राष्ट्रीय स्तर तक अपनी बात पहुँचाऊंगा।

      भारतीय जनता पार्टी में इस बार पूर्व विधायक मदनलाल त्यागी ने एक बार फिर भाजपा से टिकिट मांगा है और वह खुलकर सामने भी आ गये हैं। श्री त्यागी इस बार खुलकर वर्तमान विधायक को पुन: टिकिट नहीं दिये जाने की बात भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से कह रहे हैं। इतना नहीं पहली बार ऐसा हुआ कि भाजपा के दो अलग-अलग खेमों के रुप में देखे जाने वाले त्यागी और महाजन गुट का आपस में मौन समझौता भी हो गया । दोनो ही इस बात पर एक मत हैं कि रमेश सक्सेना को प्रत्याशी नहीं बनाया जाये चाहे इन दोनो में से किसी को भी बना दिया जाये दोनो ही एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।

      लगभग डेढ़-दो माह से पूर्व विधायक व भाजपा के नेता मदनलाल त्यागी अपने स्तर पर जहाँ विधानसभा के आगामी चुनाव में टिकिट के लिये प्रयास कर रहे हैं वहीं उन्होने अपने समर्थकों से भी इस बात का खुलासा किया है कि यदि पार्टी टिकिट देगी तो वह चुनाव लड़ेंगे । इस दौरान त्यागी का लगातार भोपाल आना-जाना तो चर्चाओं में रहा ही बल्कि महाजन गुट के साथ मिल जाने से उनकी गंभीरता के प्रति उनके समर्थक सोचने को मजबूर हो गये हैं।

      प्रदेश स्तरीय दमखम दिखाने के बाद अब श्री त्यागी जो त्यागी गोलापुरा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने सीधे राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा पद दबाव बनाने का मन बना लिया लगता है। सुविज्ञ सूत्रों की माने तो वह आज दिल्ली रवाना हो गये हैं इनके साथ भाजपा के कुछ नेता व ब्राह्मण गण भी साथ हैं। वहाँ दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के चुनावी क्षेत्र गाजियाबाद में बड़ी संख्या में त्यागी ब्राह्मण समाज रहता है और वहाँ समाज का संभवत: एक कार्यक्रम भी है जिसमें श्री त्यागी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में उपस्थित रहेंगे। साथ ही पूर्व विधायक होने के नाते वहाँ समाज की तरफ से बहुत संभावित है कि राजनाथ सिंह तक उनकी बात पहुँचाई जाये कि समाज को एक टिकिट दिया जाये ।

      ज्ञातव्य है कि करीब एक-डेढ़ माह पूर्व श्री त्यागी ने अपने कुछेक समर्थकों से यह कहा था कि यदि बात प्रदेश से नहीं बनी तो वह दिल्ली तक जोर लगायेंगे। उनकी इसी बात को उनके दिल्ली गाजियाबाद जाने के संदर्भ में देखा जा रहा है। जैसे ही आज त्यागी रवाना हुए वैसे ही सीहोर भाजपा की राजनीति में गर्मागर्म बहस शुरु हो गई है। त्यागी का गालियाबाज जाना तो चर्चाओं में है ही अब वह कब लौटेंगे और क्या करके वह वापस आते हैं इस पर सबकी निगाहें अटकी हैं।

दूधी नदी में तैरती लाश मिली

      आष्टा 17 अक्टूबर (नि.प्र.)। आज कांकरिया खेड़ी निवासी देव सिंह पुत्र छतर सिंह जाति सेंधव उम्र 80 वर्ष की लाश सुबह दूधी नदी पर कांकरियाखेड़ी में बने स्टापडेम के पास तैरती हुई मिली। उक्त तैरी लाश को मृतक के पुत्र मान सिंह सेंधव ने उस वक्त देखा जब वो सुबह शोच हेतु नदी की और गया था। सूचना के बाद जावर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है। पुलिस ने बताया कि मृतक 14 अक्टूबर को घर से गये थे यह अक्सर अपने रिश्तेदार के यहाँ खड़ी चले जाते थे और आ जाते थे अबकी बार भी जब ये घर नहीं पहुँचे तो परिवार वालों ने यही सोचा की वे खड़ी गये होंगे लेकिन आज उनकी लाश दूधी नदी में तैरती मिली। पुलिस ने बताया कि उनकी धोती खुली हुई थी। इससे लगता है कि वे शौच गये होंगे और डूब गये होंगे। जांच शुरु की गई है।

पतियों की लम्बी उम्र के लिये महिलाओं ने चौथ का व्रत रखा

      आष्टा 17 अक्टूबर (नि.प्र.)। पतियों की लम्बी उम्र की कामना लिये आज सुहागिन महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखा दिनभर बिना अन्न जेल के रहकर रात्री में 16 श्रृंगार कर महिलाओं ने घरों की छत पर पहुँचकर चन्द्रमा के दर्शन किये और पतियों ने पत्नियों को अन्न-जलग्रहण करा कर व्रत खुलवाया। आज आष्टा नगर में पहली बार अखंड बाह्मण समाज की महिला संगठन ने स्थानीय शास्त्री स्कूल में करवा चौथ व्रत पूजन का सामुहिक आयोजन आयोजित किया गया। रात्री में यहाँ पर समाज की अनेकों महिलाएं पूजन की थाली सोलह श्रृंगार कर पहुँची और सामुहिक रुप से चन्द्रमा के दर्शन किये। इस अवसर पर महिलाओं के पति भी उपस्थित थे। आज दिनभर गारे के करवे, करवा पूजन की पुस्तक, चित्र, पूजन सामग्री, श्रृंगार का सामान आदि की जमकर बिक्री हुई। आज के दिन कई पतियों ने अपनी पत्नियों को सोने चाँदी के आभूषण, साड़ियाँ श्रृंगार के सामान भी दिलाये। करवा चौथ का त्यौहार सुहागिन महिलाओं ने उत्साह, श्रध्दा भक्ति के साथ मनाया रात्री में चन्द्रमा के दर्शन करने के लिये ऐसी महिलाओं में अलग ही तरह का उत्साह नजर आया।

बिन पूछे दीवार पर नारा लिखना पड़ेगा महंगा

सीहोर  17 अक्टूबर (नि.सं.)। विधानसभा चुनाव के दौरान जिले में संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम अपना असर दिखायगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी. आहूजा द्वारा अधिनियम को कारगर तरीके से लागू करने के लिए पुलिस अधीक्षक सहित समस्त जिला प्रमुख, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), समस्त तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जरूरी आदेश दिए गए हैं। राजपत्र में प्रकाशित अधिनियम की प्रति अधिकारियों को उपलब्ध कराते हुए यह ताकीद की गई है कि वह अपने अधीनस्थ सभी अधिकारियों  कर्मचारियों को आदेश से अवगत कराएं तथा उसका गंभीरता से पालन सुनिश्चित करें।

हो सकता है एक हजार

तक का जुर्माना

      मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 3 में यह स्पष्ट उगेख है कि %कोई भी संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित कर उसे विरूपित करेगा तो वह 1000- एक हजार रूपये तक के जुर्माने से दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।

नारा लिखा तो वो आकर मिटा देंगे

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी.आहूजा द्वारा मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 5 के तहत आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के खंबों पर झंडियाँ लगाई जाती है अथवा ऐसे पोस्टर एवं बैनर लगाकर शासकीय संपत्ति को विकृत किया जाता है तो ऐसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा चुनावी नारें मिटाने के लिए जिले के प्रत्येक थाने में लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता तैनात रहेगा। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ रहेंगे। यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता टीआई  थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में कार्य करेगा। इस दस्ते को सहयोग देने के लिए और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित थाने का एक सहायक उप निरीक्षक (पुलिस), मुख्यालय पटवारी एवं स्थानीय निकाय का एक कर्मचारी होगा। इस दस्ते को एक वाहन भी उपलब्ध कराया जाये जिस पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता का बैनर लगा रहेगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस दस्ते को लोक संपत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे- गेरू, चूना, कूची, बांस एवं सीढ़ी आदि उपलब्ध कराई जाये। यह लोक संपत्ति संरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक टीआई  थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में अपने कार्य क्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करते हुए लोक संपत्तियाें को विरूपित होने से रोकेगा।

बिना पूछे लिखा तो चालान होगा

      यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत जाँच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे।

थाना प्रभारी कार्यवाही करेंगे

      यदि किसी राजनैतिक दल अथवा चुनाव लडने वाले अभ्यर्थी द्वारा शासकीय  सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित किया जाता है तो संपत्ति के स्वामित्व वाला विभाग के स्थानीय मुख्य अधिकारी इसकी तत्काल विडियोग्राफी कराकर संबंधित विरूपणकर्ता के विरूध्द निकटतम थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायेंगे।

      थाना प्रभारी लोक संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबध्द करेंगे तथा शिकायत की जाँच कर तथ्य सही पाये जाने पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे। थाना प्रभारी उपरोक्त के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में भेजेंगे।

भुगतान नहीं होने से थाने का महत्वपूर्ण टेलीफोन बंद

      आष्टा 17 अक्टूबर (नि.प्र.) आष्टा थाने जैसे महत्वपूर्ण स्थान का टेलीफोन 242029 पिछले कई दिनों से बन्द पडा है बन्द पडे उक्त टेलीफोन को चालू कराने के लिए भी शायद थाने से कोई प्रयास नहीं किये जा रहे है। वही उक्त बन्द पड़े टेलीफोन के बारे में जब दूर संचार विभाग आष्टा से सम्पर्क कर जानना चाहा की उक्त टेलीफोन क्यों बन्द है तब यहा से बताया की इस टेलीफोन 12 हजार 229 रुपया बकाया होने के कारण काट दिया गया है क्या जिला पुलिस अधीक्षक एवं आष्टा एस.डी.ओ.पी. इस ओर ध्यान देंगे।