Wednesday, July 30, 2008
फर्जी दस्तावेज से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने वाले 3 लोग पकड़ाये
जांच में कई मतदाता पकड़ाये हैं जिन्होने आवेदन के साथ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं। इस संबंध में आज फुरसत को तहसीलदार श्री बिहारी सिंह ने बताया कि जुम्मापुरा निवासी कलीम खाँ, रसीद खाँ ने आवेदन के साथ दस्तावेज के रुप में वर्ष 2001-02 की पूर्व मा. परीक्षा की एक अंक सूची जिसका क्रमांक 5048 है प्रस्तुत की। इस अंक सूची में आवेदन को देखने पर ही लगा की फर्जी है। जांच में पाया गया कि उक्त अंक सूची किसी और की है। आवेदन ने उसका नाम पिता का नाम सफाई से हटाकर अपना व पिता का नाम लिख लिया और उसकी फोटो कापी आवेदन के साथ लगा दी जो पकडा गई। आश्चर्य तो तब हुआ की एक अन्य मतदाता जो महिला है जिसका नाम फोबिया बी पत्नि सलीम ने भी इसी क्रमांक की अंक सूची दस्तावेज के रुप में लगाई और उसने अंक सूची में ओवरराइटिंग कर अपना नाम लिख लिया। एक अन्य मतदाता कुमारी साजिया पुत्री अंसार खां ने अपने आवेदन के साथ चित्रांश विद्या मंदिर हाईस्कूल कक्षा 9 वीं की अंक सूची प्रस्तुत की, इसमें आवेदक की जन्मतिथि 671993 है उसे बड़ी सफाई से काटकर 671983 कर दिया गया जो जांच में पकडा गया है।
तहसीलदार बिहारी सिंह ने बताया कि जिन दो मतदाता कलीम और फोजिया ने एक ही क्रमांक की मतदाता सूची अपने-अपने नाम लिखकर दस्तावेज के रुप में प्रस्तुत की उक्त अंक सूची मा.शा. बुधवारा की है वहाँ के शाला प्रमुख से जानकारी मांगी है कि उक्त क्रमांक की अंक सूची वास्तव में किसकी है।
तहसीलदार श्री सिंह ने बताया कि इन तीनों आवेदकों को मूल अंक सूची प्रस्तुत करने के नोटिस जारी किये हैं उसके बाद नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। जिस प्रकार तहसीलदार के मार्गदर्शन में नाम बढ़ाने के आये आवेदनों की बारीकी से जांच की जा रही है। अगर आये सभी आवेदनों की जांच हो तो कई चेहरे उजागर हो जायेंगे जिन्होने आवेदनों के साथ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं।
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खग्रास सूर्यग्रहण का भारत पर प्रभाव
इस ग्रहण का खग्रास दर्शन कनेडा, ग्रीन लैण्ड, साईबेरिया, मंगोलिया, चीन में दिखलाई देगा। खण्डग्रास स्थिति केनेडा, ग्रीनलैण्ड तथा यूरोप में दिखलाई देगा। भारत यह ग्रहण खण्डग्रास रुप में दिखाई देगा।
भूमण्डल पर ग्रहण प्रारंभ दोपहर 1.34 पर, भूमण्डल पर खग्रास प्रारंभ दोपहर 2.51 पर, ग्रहण मध्य 3.51 पर और खग्रास समाप्ति 4.51 पर तथा ग्रहण समाप्ति 6 बजे होगा।
सूर्य ग्रहण का भोपाल में समय रहेगा। ग्रहण स्पर्श 4.16 बजे, ग्रहण मोक्ष 6 बजकर 2 मिनिट पर इस प्रकार कुल ग्रहण पर्व काल 1 घटा 36 मिनिट रहेगा।
ग्रहण पुण्यकाल- ग्रहण स्पर्श से ग्रहण मोक्ष सुधी तक ग्रहण का पुण्यकाल है।
ग्रहण वेघ- ग्रहण का वेध ग्रहण का प्रारंभ शुक्रवार को चौथे प्रहर में प्रारंभ होगा। शुक्रवार 1 अगस्त 2008 को प्रात: 3 बजकर 45 मिनिट से ग्रहण का वेध शुरु हो जायेगा। बालक रोगी, व्यक्ति मध्यान्ह तक ग्रहण वेध के दोष का पालन कर सकते हैं। ग्रहण वेध में भोजन वर्जनीय है।
ग्रहण राशि फल- वृषभ, कन्या, तुला, कुंभ राशि वालों का ग्रहण का फल शुभ रहेगा। रुके हुए सब काम बन जायेंगे। मित्रों से लाभ, वाहन सुख तथा मकान व दुकानों का लाभ, मुकदमों में विजय होगी। राजनीतिज्ञों से लाभ होगा।
मिथुन, वृश्चिक, मकर, मीन राशि वालों को शुभ तथा हानि दोनो का ही फल होगा। राष्ट्रों को विवाद होंगे। मुकदमे बाजी होगी, पुराने विवादों में समझौता होगा। धन का लाभ होगा। भविष्य के लिये योजनाएं बनेगी।
मेष कर्क सिंह धनु वालों को सावधानी से समय निकालना होगा। झूठे लांछन लगेंगे।
पं.रामप्रसाद ब्रजवासी
ज्योतिष शिरोमणि, सीहोर
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वर्षा के लिये मेंढकी को सिर बैठाकर पानी मांगा, मंगल गान गाये
सीहोर 29 जुलाई (नि.सं.)। वर्षा के लिये सीहोर नगर के अम्बेडकर नगर व मुर्दी मोहल्ला की महिलाओं ने मेंढकी वाला टोटका किया। गत दिवस वह एकत्रित हुई और एक बड़ी मेढ़की को पकड़ा। इसे लेकर हर घर से पानी मांगा। मंगल गान गाये। यहीं अखण्ड सत्ता जी में इनकी शादी रचाई।
भारत वर्ष में वर्षा नहीं होने पर कैसी-कैसी परम्पराएं और टोटके विद्यमान है इसका एक उदाहरण गंज में देखने को मिला। यहाँ की महिलाओं ने एकत्र होकर एक मेढ़क को पकड़ा और उसे एक तपेली में रखा गया। मेढ़क उचक कर भाग ना जाये इसलिये उसे पन्नी में बांध दिया गया। इसके बाद शुरु हुआ हर घर से पानी मांगने का क्रम। मोहल्ले की महिलाएं भजन और पारम्परिक लोक गीत गाते हुए हर घर पहुँची और वहाँ से पानी मांगा गया। हर घर के द्वार से इन्हे उसी तपेली में पानी डाला गया जिसमें मेढ़क था। घरों का घर पानी इस मेढ़क के लिये एकत्र हुआ और यह टोटका चलता रहा। इसके बाद सारी महिलाएं एकत्र हुई और पारम्परिक रुप से उत्सव मनाया। ताकि इन्द्र देवता रीझ जाये। यहाँ मंगल गाने भी हुए ।
इधर अम्बेडकर उद्यान के पीछे बने मंदिर पर वर्षा होने के लिये सत्ता भी बैठाई गई थी जिसमें यही महिलाएं बढचढ़ कर हिस्सा ले रही थीं। यहीं पर इस मेढ़क मेढ़की का विवाह कराने का एक और टोटका वर्षा के लिये कराया गया।
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मूसलाधार वर्षा पानी भराया, 2 घंटे इन्दौर भोपाल मार्ग रहा जाम
आष्टा 29 जुलाई। कल रात से लेकर आज शाम तक आष्टा क्षेत्र में लगातार हुई मूसलाधार वर्षा से इन्दौर भोपाल मार्ग पर भोपाल नाके पास दरगाह के सामने बरसात के पानी निकलने का रास्ता नहीं होने से इस मार्ग पर पानी जमा हो गया। पानी इतना जमा हो गया था कि इस मार्ग से निकलने वाले वाहनों को रुकना पड़ा। पानी जमा होने के कारण लगभग 2 घंटे तक इन्दौर भोपाल मार्ग जाम रहा जिसके कारण दोनो और काफी वाहन खड़े रहे। दो घंटे बाद पानी कम हुआ तब वाहन निकल सके।
बिजली गिरने से कई पक्षी मरे, टीवी-पंखे जले
प्राप्त जानकारी के अनुसार कल रात्रि में आकाशीय बिजली गिरने से इन्द्रा कालोनी क्षेत्र में लगभग 20 से 25 पक्षियों की मृत्यु हुई वहीं महेश होलाराम के मकान के पंखे और टीवी जल गये। इसकी दुकान में भी कुछ सामान जला। इसे चाचा कैलाश के घर में भी टीवी पंखे जले। वहीं देवबगस के मकान में भी आकाशीय बिजली से नुकसान हुआ।
प्रदीप राठौर के मकान में भी आकाशीय बिजली के चलते इसके घर के 4 पंखे जल गये।
तड़ित चालक ने मंदिर को बचाया
कल रात की तरह आज दिन में भी नगर व आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा हुई तथा बिजली कड़की। दोपहर में लगभग ढाई बजे ग्राम कुरावर में स्थित श्रीराम मंदिर पर आकाशीय बिजली गिरी लेकिन मंदिर के शिखर ऐसी विपदाओं से मंदिर को बचाने के लिये लगाया गया तड़ित चालक ने आज मंदिर की रक्षा की। आकाशीय बिजली का प्रभाव तड़ित चालक ने निष्प्रभाव किया लेकिन शिखर की छत पर लगा ध्वज पूरी तरह जल गया तथा जिस बांस में वह ध्वज लगा था उसके टुकड़े-टुकड़े हो गये।
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जन्म को सार्थक कर मुत्यु को महोत्सव के रूप में मनावें- साध्वी मधुबाला जी
उक्त बातें मधुर व्याख्यानी श्री मधुबाला जी ने रविवार को अपने प्रवचन के दौरान श्री महावीर भवन स्थानक में कही। आपने आचार्य श्री सौभाग्यमल जी महाराज साहब के चीैबीसवें पुण्य स्मरण दिवस पर कहा कि उन्होंने अपना जीवन बाल्यकाल में दीक्षा लेकर सफल बना लिया था, आपका आर्शीर्वाद आज भी साधु संतों के अलावा श्रावक श्राविकाओं को भी मिल रहा है। आपने कहा कि पत्थर के समान मनुष्य जीवन है जिसे कोई तराशने वाला मिल जावें तो यह जीवन सफल हो जावेगा। जिस प्रकार राह पड़ा पत्थर किसी कलाकार के हाथ में आ जावें तो वह उसे तराशकर मूर्ति का रूप दे देता है,ठीक इसी प्रकार व्यक्ति किसी संत के सानिध्य में आकर अनिष्ठ अवगुणों को त्यागने और गुरू के सानिध्य में गुणों का स्वीकार कर लेंवे तो वही मनुष्य जीवन जीने की कला सीख लेता है। महापुरूषों ने जीवन इसी प्रकार लिया है और उनका जीवन एक खुली किताब के समान रहा है। अवसर का लाभ अप्रमादी उठायेगा आलसी नही है। मधुबाला जी ने प्रमाद को आराधना का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है।
अज्ञान के अंधकार में भटकने प्राणी को ज्ञान के प्रकाश में गुरूवर लाते है- सुनीता जी।
अज्ञान के अंधकार में व्यक्ति भटक रहा है, उसे अगर गुरू मिल जावें तो ज्ञान के प्रकाश में आ जावेगा। जीवों का जन्म व मरण दिवस मनाया जाता है। उक्त बातें साध्वी श्री सुनीता जी महाराज साहब ने प्रवचन के दौरान कही। सौभाग्यमल जी महाराज हसाब के चौबीसवें पुण्य स्मरण दिवस पर उनके ऊपर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि किशनलाल जी महाराज साहब ने इन्हें चौदह वर्ष की आयु में दीक्षा देकर वो सभी गुण दिये जो एक अच्छे साधु में होना चाहिए। सौभाग्यमल जी महाराज ने अनेक धर्मग्रंथों का अध्ययन कर जिनवाणी के जादूगर बन गये थे।
सुनीता जी ने कहा कि नवकार महामंत्र के सार को समझ कर आराधना करके परमेष्ठी के लिए भी आराध्य बन सकते है। नवकार अत्यंत पुण्य से मिला है आपने कहा कि नवकार में तीसरा पद आचार्य भगवान का है जो कि संघ के नायक,संघ के अनुपाष्ठा कहलाते है। आचार्य की चार विशेषताएॅ आपने बताई जिसमें दुराचार का निवारण,सदाचार का स्वंय पालन करना व कराना, वह विशिष्ठ ज्ञानी होती है, वे सदा सजग रहते है और आचार्य महाराज संघ के रक्षक होते है। सुनीता महाराज ने निवी तप पर अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि एक निवी तप से करोड़ो वर्षो में नरक में रहने से जो कर्म नही कटते वह केवल एक निवी तप से कट जाते है।
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रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने में आती है परेशानी
गत दिवस प्रभारी ने भी अपना प्रभार महेन्द्र जैन को बना दिया। 26 जुलाई को विद्यालय पहुँचे शिक्षकों ने जब जैन से उपस्थित रजिस्टर हस्ताक्षर करने के लिये मांगा तो उन्होने कहा प्रभारी जी रजिस्टर को अलमारी में रख गये हैं। इसलिये 26 जुलाई को विद्यालय में आने वाले सभी शिक्षकों को हस्ताक्षर करने से वंचित रहना पड़ा।
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