सीहोर 15 जुलाई (नि.प्र.)। सीहोर नागरिक सहकारी बैंक चुनाव की प्रक्रिया के तहत आज नामांकन भराये गये जिसमें सामान्य वर्ग से 35, अन्य पिछड़ा वर्ग पुरुष से 2, अनुसूचित जाति महिला वर्ग से 4 आवेदन आये जबकि अनुसूचित जनजाति महिला आरक्षित वर्ग में किसी ने आवेदन ही नहीं दिया। आये आवेदनों में जहाँ प्रकाश व्यास काका की पूरी पैनल मैदान में आ गई और स्पष्ट हो गई वहीं कुछ अन्य लोग अलग-अलग मैदान में आये हैं। अन्य कोई पैनल अभी सामने नजर नहीं आ रही है लेकिन बाद में क्या गणित बनते बिगड़ते हैं यह भविष्य तय करेगा। आज से ही सहकारी चुनावों की सरगर्मी तेज हो गई है।
सीहोर नागरिक सहकारी बैंक की चुनावी प्रक्रिया में आज का दिन महत्वपूर्ण रहा। जहाँ नगर भर में चुनावी सरगर्मी थी वहीं संचालक पद प्रत्याशियों ने बहुत सोच समझकर अपने आवेदन दिये। अनुमान था कि बड़ी संख्या में आवेदन आयेंगे लेकिन बहुत कम गिने-चुने आवेदन ही प्राप्त हुए हैं।
कम क्यों आये आवेदन
संभवत: पुराने धुरंधर और प्रभावी पूर्व अध्यक्ष रह चुके प्रकाश व्यास काका ने चुनावी प्रक्रिया के प्रारंभ के साथ ही अपनी पैनल लड़ाये जाने की घोषणा कर दी थी। इनकी इस घोषणा के चलते कई लोग जहाँ पूर्व से ही काका से सम्पर्क बनाकर उनकी पैनल में लड़ना चाह रहे थे वहीं कुछ लोग काका के पैनल के चक्कर में सामने आने से कतरा रहे थे। इस बार कांग्रेसी राजनीति के ठंडे बस्ते में होने के कारण भी सीहोर वे कांग्रेस जन जो बड़ी दमदारी दिखाने से नहीं चूकते थे वह भी चुनाव प्रक्रिया से एक दम सिरे से दूर बने रहे और स्थिति यह बनी की काका की पैनल लड़ाये जाने की चर्चाएं सरगर्म बनी रही। परिणामस्वरुप अपेक्षा से बहुत कम आवेदन आये हैं।
सामान्य वर्ग में कुल 18 लोग
आज सामान्य वर्ग में कुल 35 आवेदन आये हैं जिन्हे मात्र 18 लोगों ने दो-दो बार भरा है। इन 18 आवेदकों में मुकेश खत्री, सुनील वर्मा, मदन मोहन शर्मा 'मद्दी गुरु', प्रदीप गौतम पार्षद, प्रकाश चन्द्र राठौर, कमल किशोर झंवर (कमल प्रेस), कैलाश चन्द्र अग्रवाल, डॉ. मो. अनीस खान, पंकज कुमार खत्री, सुशील ताम्रकार, प्रकाश व्यास काका, राजेन्द्र शर्मा कल्लू पूर्व पार्षद, राजकुमार गुप्ता 'राजू' पूर्व पार्षद भाजपा नेता, इरुमगुमतानम मैथ्यूजैकब पीटर्स कम्पाउण्ड, कुतुबुद्दीन शेख, प्रेमनारायण परमार, अनिल मिश्रा पार्षद, राजेन्द्र वर्मा पूर्व संचालक शामिल हैं।
इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के एक पद पुरुष पद के लिये 2 आवेदन आये हैं जिनमें एक ओम प्रकाश वर्मा (गाँधी रोड) जो पूर्व पार्षद कस्बा निवासी हैं तथा दूसरे राजकुमार जायसवाल 'रिंकु' युकां अध्यक्ष शामिल हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जाति महिला वर्ग आरक्षित में 4 आवेदन दो लोगों ने भरे हैं। एक सीट के लिये। उर्मिला देवी वीरेन्द्र कुमार वातव पीटर्स कम्पाउण्ड तथा अर्चना वर्मा पत्नि राजेन्द्र वर्मा शामिल हैं।
जबकि अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग में कोई आवेदन नहीं आया है वहीं जो दो विशेष संचालक इस बार बनाये जाने थे जिसमें किसी वरिष्ठ बैंक प्रबंधक अथवा सी ए के लिये आरक्षित किया गया था इन दो पदों के लिये किसी का आवेदन नहीं आया है।
मामला नहीं आसान
यूं तो प्रथम दृष्टि में प्रकाश काका पैनल बड़ी भारी नजर आ रही है जिसमें सभी बड़े और धुरंधर खिलाड़ी सामने हैं लेकिन यदि पैनल के बाहर लोगों ने एका कर लिया और आपसी गठजोड़ के साथ उतर गये तो कुछ मामला रोचक स्थिति में भी आ सकता है। हालांकि अभी स्थिति नाम वापसी की तारीख के बाद ही तय होगी कि कितने लोग चुनाव मैदान में नजर आते हैं लेकिन कुछ ऐसे नाम अभी से चर्चाओं में शुरु हो गये हैं जिन्हे काका की पैनल को सुनिश्चित विजयश्री के लिये कुछ शांत अवश्य करना पड़ेगा। नागरिक सहकारी बैंक की राजनीति किस करवट बैठेगी उसे अभी आसानी से नहीं भांपा जाना चाहिये।
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Wednesday, July 16, 2008
जैन मंदिर में चोरों ने चार दानपेटी तोड़ी, चाँदी के छत्र ले उड़े
पुलिस ने कहा : सुबह 5 बजे बाद सर्राफा बाजार स्थित मुख्य द्वार से ताल तोड़कर घुसे चोर, - जैन समाज में रोष राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा
सीहोर 15 जुलाई (नि.सं.)। छावनी सर्राफा बाजार में एक और सनसनीखेज चोरी ने आज यहाँ सबको स्तब्ध कर दिया जब दिगम्बर जैन मंदिर के मुख्य द्वार का ताला तोड़कर आराम से चोर अंदर घुसे और चार दानपेटी तोड़कर रुपये निकाल ले भागे। उन्होने बहुत ऊपर टंगे चाँदी के छत्र भी नहीं छोड़े । हजारों रुपये की इस चोरी के बाद पुलिस ने यह कहा है कि चोर सुबह 5 बजे के बाद आया है और दिन में ही उसने चोरी की। आज की घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है। डेढ़ साल पूर्व एक वेलर्स की दुकान से पूरा सामान चोरी जाने की घटना के बाद यह दूसरी बड़ी घटना है। आज विधायक रमेश सक्सेना ने भी मंदिर आकर स्थिति का जायजा लिया। जैन समाज में पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
एक बार फिर पुलिस की रात्रि गश्त और उसकी कार्यप्रणाली को अज्ञात चोरों ने ठेंगा दिखा दिया। सर्राफा बाजार में मार्च 2007 में सुबह-सुबह हरि सोनी की नई दुकान को पूरी तरह साफ करके कुछ अज्ञात लुटेरे ले गये थे जिन्हे पुलिस आज तक ढूंढ नहीं पाई। उसी समय से जब मामला गर्माया था तो पुलिस ने कथित रुप से यह कहा था कि हम एक चार की गार्ड सर्राफा बाजार में विशेष रुप से लगा रहे हैं। विशेष रात्रि गश्त की बात कही गई थी।
लेकिन आज सवा साल बाद एक बार फिर सनसनीखेज चोरी काण्ड में दिगम्बर जैन मंदिर से करीब एक लाख रुपये से अधिक का सामान चोरी चला गया है। यहाँ मुख्य द्वार के ताले नहीं टूटने पर कुंदा ही चोरों ने तोड़ दिया फिर वह अंदर घुसे और अंदर रखी चार दानपेटियाँ खटा-खट उन्होने तोड़ ली। एक दीवार में लगी पेटी भी उन्होने तोड़ी। सभी दान पेटियों में से नोट सारे चोरों ने बीन लिये और उसमें रखे करीब 15 किलो से अधिक के सिक्के जो 2-4 हजार के होंगे उन्हे उन्होने नहीं उठाया। इसी प्रकार भगवान की प्रतिमा के ऊपर लगे चाँदी के बडे छत्र जिन पर सोने का पालिश था उन्हे भी चोरों ने बड़ी तरकीब से निकाल लिया। इतना ही नहीं प्रतिमा जी के पीछे लगे एक चक्र को भी इन्होने निकाल लिया और रफूचक्कर हो गये। आज सुबह जब जैन समाज के पुजारी और अन्य लोगों ने मंदिर में यह घटना देखी तो वह स्तब्ध रह गये। पुलिस को सूचना की गई। पुलिस ने गंभीरता से मामले को लिया और जांच भी की। आज सूचना के करीब 4 घंटे बाद पुलिस का एक स्पेशल डाग भी आया जिसने चोर के आने-जाने की दिशा तय की।
पुलिस का स्पष्ट मानना है कि रात 4.30 बजे तक यह चोरी नहीं हुई है क्योंकि यहाँ एक गाड पहरा दे रहा था और उसके सामने यह घटना नहीं घटी है। पुलिस का मानना है कि घटनाक्रम 5 बजे के बाद हुआ है। इधर मोहल्ले वाले सुबह 5 बजे मुख्य द्वार से हुई चोरी की घटना को लेकर अचरज मे हैं। उनका मानना है कि सुबह तो अधिकांश लोग उठ जाते हैं, मोहल्ले में कुछ लोग सुबह से उठकर एक बारगी बाहर तक निकल आते हैं फिर सुबह यह घटना कब किसी चोर ने ली यह बात समझ नहीं आती।
कुल मिलाकर पुलिस ने यह तो तय कर ही दिया है कि चोरी 5 बजे बाद हुई है। तो ऐसे में क्या इसे दिन की सनसनीखेज चोरी माना जाये ?
आज यहाँ क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना भी घटना की सूचना मिलते ही पहुँचे। उन्होने यहीं पुलिस से बातचीत की कि पूर्व में जो चोरी हरि सोनी की दुकान पर हुई थी वह भी सुबह-सुबह ही हुई थी और इस बार यह चोरी सुबह ही हुई है तो फिर पुलिस अब आगे से इस क्षेत्र में गश्ती करने वाले को सुबह 6 बजे तक गश्त करने के लिये पाबंद करे ताकि ऐसी घटना दुबारा ना हो सके। उक्त निर्देश पुलिस को विधायक जी ने दिये। आज जैन समाज में घटना को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त था। आज जैन समाज ने रायपाल महोदय के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें उन्होने श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर चरखा लाईन की चोरी के साथ ही पूर्व में भी हुई चोरियों की जानकारी बताते हुए कहा कि पुलिस आज तक कोई सुराग नहीं लगा सकी है। 2006 में श्वेताम्बर जैन मंदिर इसी मार्ग पर चोरों ने दीवार में सेंध लगाकर चोरी करने का प्रयास किया था। वर्ष 07 मार्च में इंग्लिशपुरा स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चोरों ने बहुमूल्य सामग्री व नगदी चोरी की थी। सर्राफा बाजार जो आर्थिक लेन-देन का बडा क्षेत्र है वहाँ एक सर्राफा व्यावसायी हरि सोनी के यहाँ डकैती भी हो चुकी है। तब डीआईजी ने विशेष सुरक्षा के पुलिस को निर्देश दिये थे। जैन समाज ने जैन मंदिरों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन से गंभीरता से कदम उठाने की मांग की है। अन्यथा जैन समाज द्वारा अंहिसात्मक आंदोलन धरना प्रदर्शन आदि के लिये विवश होने की बात कही है।
आज पुलिस ने उक्त मामले में मात्र 20 हजार रुपये के सामान चोरी जाने का मामला दर्ज किया है।
सीहोर 15 जुलाई (नि.सं.)। छावनी सर्राफा बाजार में एक और सनसनीखेज चोरी ने आज यहाँ सबको स्तब्ध कर दिया जब दिगम्बर जैन मंदिर के मुख्य द्वार का ताला तोड़कर आराम से चोर अंदर घुसे और चार दानपेटी तोड़कर रुपये निकाल ले भागे। उन्होने बहुत ऊपर टंगे चाँदी के छत्र भी नहीं छोड़े । हजारों रुपये की इस चोरी के बाद पुलिस ने यह कहा है कि चोर सुबह 5 बजे के बाद आया है और दिन में ही उसने चोरी की। आज की घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है। डेढ़ साल पूर्व एक वेलर्स की दुकान से पूरा सामान चोरी जाने की घटना के बाद यह दूसरी बड़ी घटना है। आज विधायक रमेश सक्सेना ने भी मंदिर आकर स्थिति का जायजा लिया। जैन समाज में पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
एक बार फिर पुलिस की रात्रि गश्त और उसकी कार्यप्रणाली को अज्ञात चोरों ने ठेंगा दिखा दिया। सर्राफा बाजार में मार्च 2007 में सुबह-सुबह हरि सोनी की नई दुकान को पूरी तरह साफ करके कुछ अज्ञात लुटेरे ले गये थे जिन्हे पुलिस आज तक ढूंढ नहीं पाई। उसी समय से जब मामला गर्माया था तो पुलिस ने कथित रुप से यह कहा था कि हम एक चार की गार्ड सर्राफा बाजार में विशेष रुप से लगा रहे हैं। विशेष रात्रि गश्त की बात कही गई थी।
लेकिन आज सवा साल बाद एक बार फिर सनसनीखेज चोरी काण्ड में दिगम्बर जैन मंदिर से करीब एक लाख रुपये से अधिक का सामान चोरी चला गया है। यहाँ मुख्य द्वार के ताले नहीं टूटने पर कुंदा ही चोरों ने तोड़ दिया फिर वह अंदर घुसे और अंदर रखी चार दानपेटियाँ खटा-खट उन्होने तोड़ ली। एक दीवार में लगी पेटी भी उन्होने तोड़ी। सभी दान पेटियों में से नोट सारे चोरों ने बीन लिये और उसमें रखे करीब 15 किलो से अधिक के सिक्के जो 2-4 हजार के होंगे उन्हे उन्होने नहीं उठाया। इसी प्रकार भगवान की प्रतिमा के ऊपर लगे चाँदी के बडे छत्र जिन पर सोने का पालिश था उन्हे भी चोरों ने बड़ी तरकीब से निकाल लिया। इतना ही नहीं प्रतिमा जी के पीछे लगे एक चक्र को भी इन्होने निकाल लिया और रफूचक्कर हो गये। आज सुबह जब जैन समाज के पुजारी और अन्य लोगों ने मंदिर में यह घटना देखी तो वह स्तब्ध रह गये। पुलिस को सूचना की गई। पुलिस ने गंभीरता से मामले को लिया और जांच भी की। आज सूचना के करीब 4 घंटे बाद पुलिस का एक स्पेशल डाग भी आया जिसने चोर के आने-जाने की दिशा तय की।
पुलिस का स्पष्ट मानना है कि रात 4.30 बजे तक यह चोरी नहीं हुई है क्योंकि यहाँ एक गाड पहरा दे रहा था और उसके सामने यह घटना नहीं घटी है। पुलिस का मानना है कि घटनाक्रम 5 बजे के बाद हुआ है। इधर मोहल्ले वाले सुबह 5 बजे मुख्य द्वार से हुई चोरी की घटना को लेकर अचरज मे हैं। उनका मानना है कि सुबह तो अधिकांश लोग उठ जाते हैं, मोहल्ले में कुछ लोग सुबह से उठकर एक बारगी बाहर तक निकल आते हैं फिर सुबह यह घटना कब किसी चोर ने ली यह बात समझ नहीं आती।
कुल मिलाकर पुलिस ने यह तो तय कर ही दिया है कि चोरी 5 बजे बाद हुई है। तो ऐसे में क्या इसे दिन की सनसनीखेज चोरी माना जाये ?
आज यहाँ क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना भी घटना की सूचना मिलते ही पहुँचे। उन्होने यहीं पुलिस से बातचीत की कि पूर्व में जो चोरी हरि सोनी की दुकान पर हुई थी वह भी सुबह-सुबह ही हुई थी और इस बार यह चोरी सुबह ही हुई है तो फिर पुलिस अब आगे से इस क्षेत्र में गश्ती करने वाले को सुबह 6 बजे तक गश्त करने के लिये पाबंद करे ताकि ऐसी घटना दुबारा ना हो सके। उक्त निर्देश पुलिस को विधायक जी ने दिये। आज जैन समाज में घटना को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त था। आज जैन समाज ने रायपाल महोदय के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें उन्होने श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर चरखा लाईन की चोरी के साथ ही पूर्व में भी हुई चोरियों की जानकारी बताते हुए कहा कि पुलिस आज तक कोई सुराग नहीं लगा सकी है। 2006 में श्वेताम्बर जैन मंदिर इसी मार्ग पर चोरों ने दीवार में सेंध लगाकर चोरी करने का प्रयास किया था। वर्ष 07 मार्च में इंग्लिशपुरा स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चोरों ने बहुमूल्य सामग्री व नगदी चोरी की थी। सर्राफा बाजार जो आर्थिक लेन-देन का बडा क्षेत्र है वहाँ एक सर्राफा व्यावसायी हरि सोनी के यहाँ डकैती भी हो चुकी है। तब डीआईजी ने विशेष सुरक्षा के पुलिस को निर्देश दिये थे। जैन समाज ने जैन मंदिरों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन से गंभीरता से कदम उठाने की मांग की है। अन्यथा जैन समाज द्वारा अंहिसात्मक आंदोलन धरना प्रदर्शन आदि के लिये विवश होने की बात कही है।
आज पुलिस ने उक्त मामले में मात्र 20 हजार रुपये के सामान चोरी जाने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस देखती रही, कांग्रेसियों ने मंत्री को काले झण्डे दिखा दिये
आष्टा। पिछले दिनो भारत बंद के बाद भोपाल में युवक कांग्रेस ने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश शासन के मंत्री जहाँ-जहाँ जायेंगे वहाँ युवक कांग्रेस उन्हे काले झण्डे दिखायेगी लेकिन आज आष्टा पुलिस शायद युवक कांग्रेस की उक्त घोषणा को भूल गई और उसे पता ही नहीं चला कि प्रभारी मंत्री जब आष्टा से बमूलिया भाटी जा रहे थे तब कन्नौद रोड पर गुटबाजी में बंटी कांग्रेस की तरह गुटों में बंटे युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दो अलग-अलग स्थानों पर प्रभारी मंत्री के निकलने वक्त कांग्रेस के झण्डे के साथ काले झण्डे लहराकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। आज कन्नौद रोड पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय के सामने युवक कांग्रेस के एक धड़े ने जगदीश चौहान के नेतृत्व में तथा दूसरे धड़े ने बापूलाल मालवीय, जितेन्द्र ठाकुर, देवकरण पहलवान के नेतृत्व में प्रभारी मंत्री के निकलने वक्त काले झण्डे लहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया। आज शाम को इन दोनो युवक कांग्रेस के धड़ों ने अलग-अलग विज्ञप्ति जारी कर काले झण्डे दिखाकर प्रदर्शन करने का समाचार प्रेस को भेजा वहीं इस संबंध में जब टीआई अतीक खान से पूछा गया कि आष्टा में प्रभारी मंत्री को निकलते वक्त कहाँ-कहाँ काले झण्डे दिखाये तब श्री खान ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि ऐसा कहीं हुआ है मुझे ज्ञात नहीं है मैं तो फालों के साथ आगे-आगे था, कहीं पीछे से दिखा दिये हो तो मुझे नहीं मालूम।
स्मरण रहे पुलिस आज अपनी कमजोरी को छुपाती रही, क्योंकि आज कुछ समाचार पत्रों में यह खबर छपी थी कि प्रभारी मंत्री के आष्टा आगमन पर युवक कांग्रेस काले झण्डे दिखायेगी शायद पुलिस ने जानबूझकर इस खबर को तवजो नहीं दी। परिणाम यह रहा कि आज आष्टा में बमूलिया भाटी जाते वक्त कांग्रेसियों के काले झण्डे के विरोध प्रदर्शन से प्रभारी मंत्री को रुबरु होना पड़ा।
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स्मरण रहे पुलिस आज अपनी कमजोरी को छुपाती रही, क्योंकि आज कुछ समाचार पत्रों में यह खबर छपी थी कि प्रभारी मंत्री के आष्टा आगमन पर युवक कांग्रेस काले झण्डे दिखायेगी शायद पुलिस ने जानबूझकर इस खबर को तवजो नहीं दी। परिणाम यह रहा कि आज आष्टा में बमूलिया भाटी जाते वक्त कांग्रेसियों के काले झण्डे के विरोध प्रदर्शन से प्रभारी मंत्री को रुबरु होना पड़ा।
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निर्माण मजदूरों के बच्चों को मिला तीन लाख का वजीफा मजदूरों के बच्चों ने मनाई खुशियाँ
सीहोर 15 जुलाई (नि.सं.)। म.प्र.भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल की योजना के अंतर्गत निर्माण क्षेत्र से जुड़े पंजीकृत निर्माण मजदूरों के सीहोर जिले के स्कूलों में शिक्षारत् 361 बच्चों को विगत इस वर्ष लगभग 3 लाख रूपये की छात्रवुत्ति की राशि मिलने पर मजदूरों के बच्चों ने खुशिया मनाते हुए आगे लगातार शिक्षा ग्रहण करने का संकल्प लिया। आज स्कूलों के माध्यम से मजदूरों के बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि के चैंक वितरीत किये गये।
उपस्थित मजदूरों के बीच सीटू के जिला महासचिव राजेश दुबे ने कहा कि यह हमारे साझा संघर्ष और आंदोलन का नतीजा है कि आपको यह छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। निर्माण मजदूरों यूनियन के जिलाअध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह तौमर ने कहा कि आप सभी बच्चें एवं आपके माता-पिता इसलिये बधाई के पात्र हैं कि इस भीषण मंहगाई और बैरोजगारी के दौर में आप शिक्षा ग्रहण कर रहे है और आप के माता पिता आपको पढ़ाई के लिये अपने खून पसीने की कमाई आपकी शिक्षा दीक्षा में लगा रहे है और अपने अधिकारों के प्रति सजग है।
श्री तोमर ने कहा कि देश की आजादी के बाद हमारे सीहोर जिले में आज तक इतनी बड़ी छात्रवृत्ति की राशि मजदूरों को नही मिली है ऐसा पहली बार हुआ है इसलिये इस छात्रवृत्ति वितरण में अनुविभागीय अधिकारी चन्द्रमोहन मिज्ञा एवं श्रम निरीक्षक आर.के.गौर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
अत:आप सभी मजदूर साथी देश में बढ़ती हुई मंहगाई और घटते हुए रोजगार के खिलाफ सीटू के द्वारा चलाये जा रहे संघषों में भाग लें और अपने अधिकारों को प्राप्त करें।
आज के कार्यक्रम के प्रमुख रूप से समस्त बालक बालिकाऐं एवं उनके अभिभावक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे, जिसमें प्रमुख रूप से लखनलाल, सूरज प्रसाद, ओमप्रकाश,गणपत सिंह,देवीलाल कुंवरजी इत्यादि है।
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उपस्थित मजदूरों के बीच सीटू के जिला महासचिव राजेश दुबे ने कहा कि यह हमारे साझा संघर्ष और आंदोलन का नतीजा है कि आपको यह छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। निर्माण मजदूरों यूनियन के जिलाअध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह तौमर ने कहा कि आप सभी बच्चें एवं आपके माता-पिता इसलिये बधाई के पात्र हैं कि इस भीषण मंहगाई और बैरोजगारी के दौर में आप शिक्षा ग्रहण कर रहे है और आप के माता पिता आपको पढ़ाई के लिये अपने खून पसीने की कमाई आपकी शिक्षा दीक्षा में लगा रहे है और अपने अधिकारों के प्रति सजग है।
श्री तोमर ने कहा कि देश की आजादी के बाद हमारे सीहोर जिले में आज तक इतनी बड़ी छात्रवृत्ति की राशि मजदूरों को नही मिली है ऐसा पहली बार हुआ है इसलिये इस छात्रवृत्ति वितरण में अनुविभागीय अधिकारी चन्द्रमोहन मिज्ञा एवं श्रम निरीक्षक आर.के.गौर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
अत:आप सभी मजदूर साथी देश में बढ़ती हुई मंहगाई और घटते हुए रोजगार के खिलाफ सीटू के द्वारा चलाये जा रहे संघषों में भाग लें और अपने अधिकारों को प्राप्त करें।
आज के कार्यक्रम के प्रमुख रूप से समस्त बालक बालिकाऐं एवं उनके अभिभावक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे, जिसमें प्रमुख रूप से लखनलाल, सूरज प्रसाद, ओमप्रकाश,गणपत सिंह,देवीलाल कुंवरजी इत्यादि है।
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उपपंजीयक कार्यालय आग के हवाले अचल सम्पत्तियों के हजारों दस्तावेज स्वाहा
सीहोर 15 जुलाई (नि.सं.)। उप पंजीयक कार्यालय में देर रात किन्ही कारणों से लगी आग ने एक तरह से तबाही मचा दी। रात भर आग ने यहाँ रखी हजारों फाईलों में कैद करोड़ो रुपये अचल सम्पत्तियों के दस्तावेजों को स्वाहा कर दिया गया। दो लकड़ी अलमारी पूरी तरह खाक हो गई।
बमुश्किल सुबह अग्निशामक वाहन ने यहाँ आग पर काबू किया। 1880 से लेकर आज तक उर्दू से लेकर हिन्दी और अंग्रेजी तक सवा सौ साल के रिकार्ड आग के हवाले हो गये। इस बड़ी घटना से जहाँ विभाग स्तब्ध था वहीं नगर में चर्चाएं फैल गई कि अब सम्पत्ति के कहीं नकली कागजात तो लोग नहीं बना लेंगे ? इस आग से क्या-क्या नुकसान होगा इस संबंध में फुरसत ने जानकारी संग्रहित की है।
तहसील कार्यालय स्थित उपपंजीयक कार्यालय में देर रात संभवत: बिजली के तारों में हुए शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई। जिस कमरे में आग लगी उसी में विशेष रुप से सारे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का संग्रहण था। करीब 10 अलमारिया लोहे की तथा शेष लकड़ी थी। छोटे-से कमरे में सन् 1800 के जमाने के उर्दू के दस्तावेज भी थे और तब से ही आज तक के समस्त प्रमुख दस्तावेज यहाँ रखे गये थे। रात यहाँ लगी आग ने सबसे पहले एक कु छ फाईलों के बाद दरवाजे के पास रखी एक लकड़ी की अलमारी को चपेट मे लिया जो पूरी जलकर स्वाहा हो गई। इसके पास ही रखी दूसरी लकड़ी की अलमारी भी इसकी चपेट में आ गई। अन्य लोहे की अलमारियों के ऊपर ढेर सारे दस्तावेज रखे गये थे उनमें आग लग गई। सुबह करीब 5 बजे सबसे पहले यहाँ एक व्यक्ति दूर से धुंआ उठता हुआ देखा जिस पर उसने संबंधित चौकीदार भृत्य को सूचना दी। इसके बाद अगि्शामक वाहन ने आकर यहाँ आग बुझाई।
हाल ही में वरिष्ठ उप पंजीयक के पद पर आमद दे चुके यू.सी. बंसल ने इस संबंध में फुरसत को बताया कि हालांकि महत्वपूर्ण कागजातों का नुकसान तो हुआ लेकिन बहुत सी फाईले रजिस्टर कोने से जले हैं जिन्हे व्यवस्थित कर लिया जायेगा। साथ ही अभी कुछ समय लगेगा जिसमें यह पता लगा सकें कि कौन-कौन से कागजात जले हैं। बंसल के अनुसार यहाँ रखे दस्तावेज अचल सम्पत्तियों के रहते हैं। जिसमें जमीन संबंधी दस्तावेज सहित अन्य फाईलें भी रहती हैं। लेकिन किसी भी सम्पत्ति के मूल रिकार्ड सिर्फ यहीं रखे दस्तावेज के आधार पर तय नहीं किया जाता बल्कि रेवेन्यू में भी रिकार्ड होता है। उन्होने बताया कि कई बार न्यायालय में किसी विवाद के समय सिविल के मामलों में जब कभी कोई पुष्टि करने के लिये पंजीयक कार्यालय से रिकार्ड बुलाया जाता है तो संभवत: ऐसे कुछ मामलों में दिक्कत आ सकती है क्योंकि जो रिकार्ड जला है वह प्रस्तुत आवश्यकता पढ़ने पर नहीं किया जा सकेगा। कुछ लोगों सर्टीफाईड कापी चाहिये होती है वह भी यहीं से दी जाती है जो रिकार्ड जल गया है उसकी कापी अब उन्हे मिलने में मुश्किल आयेगी।
पहले से ही कह दिया था...
सूत्रों के अनुसार करीब 15 दिन पूर्व ही एक व्यक्ति ने यहाँ लगी घटिया विद्युत तारों के चलते हो रहे शार्ट सकिर् ट की जानकारी दी थी। उसने कहा था कि सर्किट से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इसलिये यहाँ तार बदलवा दिये जायें। आज भोपाल से विशेष जांच दल भी यहाँ आया था।
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बमुश्किल सुबह अग्निशामक वाहन ने यहाँ आग पर काबू किया। 1880 से लेकर आज तक उर्दू से लेकर हिन्दी और अंग्रेजी तक सवा सौ साल के रिकार्ड आग के हवाले हो गये। इस बड़ी घटना से जहाँ विभाग स्तब्ध था वहीं नगर में चर्चाएं फैल गई कि अब सम्पत्ति के कहीं नकली कागजात तो लोग नहीं बना लेंगे ? इस आग से क्या-क्या नुकसान होगा इस संबंध में फुरसत ने जानकारी संग्रहित की है।
तहसील कार्यालय स्थित उपपंजीयक कार्यालय में देर रात संभवत: बिजली के तारों में हुए शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई। जिस कमरे में आग लगी उसी में विशेष रुप से सारे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का संग्रहण था। करीब 10 अलमारिया लोहे की तथा शेष लकड़ी थी। छोटे-से कमरे में सन् 1800 के जमाने के उर्दू के दस्तावेज भी थे और तब से ही आज तक के समस्त प्रमुख दस्तावेज यहाँ रखे गये थे। रात यहाँ लगी आग ने सबसे पहले एक कु छ फाईलों के बाद दरवाजे के पास रखी एक लकड़ी की अलमारी को चपेट मे लिया जो पूरी जलकर स्वाहा हो गई। इसके पास ही रखी दूसरी लकड़ी की अलमारी भी इसकी चपेट में आ गई। अन्य लोहे की अलमारियों के ऊपर ढेर सारे दस्तावेज रखे गये थे उनमें आग लग गई। सुबह करीब 5 बजे सबसे पहले यहाँ एक व्यक्ति दूर से धुंआ उठता हुआ देखा जिस पर उसने संबंधित चौकीदार भृत्य को सूचना दी। इसके बाद अगि्शामक वाहन ने आकर यहाँ आग बुझाई।
हाल ही में वरिष्ठ उप पंजीयक के पद पर आमद दे चुके यू.सी. बंसल ने इस संबंध में फुरसत को बताया कि हालांकि महत्वपूर्ण कागजातों का नुकसान तो हुआ लेकिन बहुत सी फाईले रजिस्टर कोने से जले हैं जिन्हे व्यवस्थित कर लिया जायेगा। साथ ही अभी कुछ समय लगेगा जिसमें यह पता लगा सकें कि कौन-कौन से कागजात जले हैं। बंसल के अनुसार यहाँ रखे दस्तावेज अचल सम्पत्तियों के रहते हैं। जिसमें जमीन संबंधी दस्तावेज सहित अन्य फाईलें भी रहती हैं। लेकिन किसी भी सम्पत्ति के मूल रिकार्ड सिर्फ यहीं रखे दस्तावेज के आधार पर तय नहीं किया जाता बल्कि रेवेन्यू में भी रिकार्ड होता है। उन्होने बताया कि कई बार न्यायालय में किसी विवाद के समय सिविल के मामलों में जब कभी कोई पुष्टि करने के लिये पंजीयक कार्यालय से रिकार्ड बुलाया जाता है तो संभवत: ऐसे कुछ मामलों में दिक्कत आ सकती है क्योंकि जो रिकार्ड जला है वह प्रस्तुत आवश्यकता पढ़ने पर नहीं किया जा सकेगा। कुछ लोगों सर्टीफाईड कापी चाहिये होती है वह भी यहीं से दी जाती है जो रिकार्ड जल गया है उसकी कापी अब उन्हे मिलने में मुश्किल आयेगी।
पहले से ही कह दिया था...
सूत्रों के अनुसार करीब 15 दिन पूर्व ही एक व्यक्ति ने यहाँ लगी घटिया विद्युत तारों के चलते हो रहे शार्ट सकिर् ट की जानकारी दी थी। उसने कहा था कि सर्किट से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इसलिये यहाँ तार बदलवा दिये जायें। आज भोपाल से विशेष जांच दल भी यहाँ आया था।
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मीटर बदलने के कार्यों का निरीक्षण किया
आष्टा 15 जुलाई (नि.प्र.)। बिजली चोरी को रोकने के लिये पूरे आष्टा नगर के विद्युत मीटरों को जो घरों में लगे हैं उन्हे घरों-दुकानों के बाहर लगाने तथा केवल से कनेक्शन करने का कार्य आष्टा में युध्द स्तर पर जारी है। उक्त चला रहे कार्यों का निरीक्षण करने के लिये गत दिवस सीएमडी कार्यालय भोपाल में पदस्थ अधीक्षण यंत्री के.एस. राजपूत ने डी.ई. श्री श्याम लाल नरेड़ा, जे.ई. यशवंत कुमारजैन के साथ नगर में पैदल धूम कर निरीक्षण किया। स्मरण रहे आष्टा नगर में 8472 विद्युत मीटर है। अभी तक लगभग एक हजार मीटर घरों के बाहर लग चुके हैं। इतने मीटरों को घरों को बाहर लगाने से अभी तक मंडल को 6 से 8 प्रतिशत बिजली चोरी रुक पाई है। पूरे मीटर घरों के बाहर लगने से काफी फायदा मंडल को होगा वहीं बिजली चोरी करने और करवाने वालों को इस कार्य से काफी नुकसान होगा।
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अभी भी बाहर जाते हैं क्षेत्र के लोग इलाज करवाने
जावर 15 जुलाई (नि.प्र.)। कहने को तो शासन ने स्थानीय अस्पताल को सामुदायिक का स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा दे दिया लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ सुविधा नहीं होने के कारण नगर क्षेत्र के लोगों को बाहर इलाज करवाने जाना पड़ता है नागरिकों ने अस्पताल में स्टाप की पूर्ति के साथ ही म.प्र. सुविधाएं भी बढ़ाने की मांग की है नगर पंचायत अध्यक्ष फूल सिंह मालवीय का कहना है कि सरकार द्वारा स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक केन्द्र का दर्जा देने के आदेश फरवरी 08 में ही आ गये थे लेकिन आदेश आये को पाँच माह बीत गये सुविधा के नाम पर कुछ नहीं हुआ स्थानीय अस्पताल में पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण नगर व क्षेत्र के नागरिकों को बाहर इलाज करवाना पड़ता है।
इस अस्पताल के अन्तर्गत करीब 80 गांव आते हैं। संतोष लक्ष्कार का कहना है कि अस्पताल में स्टाप की कमी के अलावा यहाँ का भवन काफी पुराना है जो जर्जर हालत में है। दीवारों में दरारे पड़ गई हैं यहाँ पर ना तो महिला चिकित्सक है और ना ही कर्मचारी हैं।
ऐसी स्थिति में महिला मरीजों को यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है शासन ने जिले के अन्य अस्पतालों में जननी एक्सप्रेस वाहन उपलब्ध करवा दिये जिसका लाभ भी वहाँ की महिलाओं को मिलने लगा है लेकिन अस्पताल को अभी तक जननी एक्सप्रेस वाहन नहीं मिल पाया है।
इस कारण क्षेत्र की महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उधर अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में स्टाप बढ़ाने के लिये शासन से मांग की गई लेकिन अभी तक विशेषज्ञ डाक्टरों एवं स्टाप नर्स व अन्य रिक्त पद एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई नागरिकों ने अस्पताल में पर्याप्त स्टाप नया भवन बनाने, जननी एक्सप्रेस वाहन व एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की मांग शासन से की है।
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इस अस्पताल के अन्तर्गत करीब 80 गांव आते हैं। संतोष लक्ष्कार का कहना है कि अस्पताल में स्टाप की कमी के अलावा यहाँ का भवन काफी पुराना है जो जर्जर हालत में है। दीवारों में दरारे पड़ गई हैं यहाँ पर ना तो महिला चिकित्सक है और ना ही कर्मचारी हैं।
ऐसी स्थिति में महिला मरीजों को यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है शासन ने जिले के अन्य अस्पतालों में जननी एक्सप्रेस वाहन उपलब्ध करवा दिये जिसका लाभ भी वहाँ की महिलाओं को मिलने लगा है लेकिन अस्पताल को अभी तक जननी एक्सप्रेस वाहन नहीं मिल पाया है।
इस कारण क्षेत्र की महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उधर अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में स्टाप बढ़ाने के लिये शासन से मांग की गई लेकिन अभी तक विशेषज्ञ डाक्टरों एवं स्टाप नर्स व अन्य रिक्त पद एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई नागरिकों ने अस्पताल में पर्याप्त स्टाप नया भवन बनाने, जननी एक्सप्रेस वाहन व एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की मांग शासन से की है।
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कीटनाशक खाद किताब भंडार, कपड़ा दुकानों पर भीड़ ही भीड़
आष्टा 15 जुलाई (नि.प्र.)। दो दिन की झड़ के बाद आज तीसरे दिन मौसम खुला रहा तथा आज सूर्य देवता ने भी मेहरबानी की मौसम खुलने और धूप खिलने के बाद आज आष्टा के कन्नौद रोड व नगर में अन्य सभी कीटनाशक दवा दुकानों पर किसानों की भारी भीड़ उमड़ी अधिकांश किसान चारा मार एवं कीड़े मार कीटनाशक दवा, पम्प व अन्य दवाओं को खरीद पहुँचे, पानी खुलने से किसान आज खाद लेने भी पहुँचे। डीएपी एवं यूरिया खाद फसलों पर छिटकी जाने लगी है। वहीं नया शिक्षा सत्र खुल गया है। 8-10 दिन के बाद पाठय पुस्तक निगम ने किताबों की सप्लाई शुरु की है अभी भी कई विषयों की किताबों को इंतजार हो रहा है पालक और छात्र-छात्राएं जो अभी तक कक्षा 1 से 10 तक पुस्तकों को खरीदने के लिये भटक रहा था। अब उसे पुरी तो नहीं लेकिन कुछ किताबें मिली है जो मिल रही है, वो किताबें जो ले जा रहा है। वहीं स्कूल ड्रेस की दुकानों पर ड्रेस, मौजे, टाई बेल्ट बस्ते आदि खरीदने वालों की भीड़ उमड़ रही है। नगर के प्रमुख स्कूल ड्रेस के विक्रेता प्रिंस एम्पोरियम पर रोजाना सुबह से देर रात तक खरीददारों की भीड़ नजर आती है। स्कूली जूते खरीदने के लिये शू-स्टोर्स पर भी भीड़ नजर आ रही है। इन दिनों नगर में कीटनाशक, खाद, पुस्तक भंडार, शू-स्टोर्स, स्कूल ड्रेस व्यापारियों के यहाँ पर भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है, स्कूल खुलने से पालकों को इस माह का बजट गड़बड़ा गया है।
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