Wednesday, March 26, 2008

दो दिन में दो भाजपा नेताओं को एसडीएम ने सरेआम फटकार लगाई

भाजपा नेताओं के साथ हुई घटनाएं चौराहों पर हास्य का कारण बनीं....
सीहोर 25 मार्च (नि.सं.)। भारतीय जनता पार्टी की सत्ता होने का मतलब ही यह है कि बेचारे भाजपा कार्यकर्ताओं की कहीं कोई सुनने वाला नहीं रहता, बल्कि कथित पदाधिकारियों को भी कोई अधिकारी घांस नहीं डालता। उल्टे उन्हे झिड़क अलग देता है। फिर भले ही भाजपा संगठन के कोई भी पद पर वह आसीन होकर खुद को बड़ा नेता बताता फिरे अधिकारी तो इन दिनों ऐसे नेताओं की सरेआम धूल बिखेर दे रहे हैं। अब वो कहे तो किससे कहें। पानी को लेकर भाजपा के ऐसे दो बड़े नेताओं को प्रशासन के अधिकारी ने अच्छी तरह जबाव देकर रवाना कर दिया है जिसके किस्से नगर के हर एक चौराहे पर चटकारे ले-लेकर लोग एक दूसरे को सुना रहे हैं कि किसके साथ कैसा व्यवहार हुआ। अब ये सत्ता वाले नेता करें तो क्या करें।
जिला प्रशासन के अधिकारियों की दमखम के आगे भाजपा के अनेक नेताओं ने घुटने पहले ही टेक दिये थे अब कई छोटे-मोटे नेता गण भी जो उचक रहे थे उनकी कथित दमखम भी उजागर हो गई है। पिछले तीन-चार दिनों में भाजपा के दो-तीन नेताओं को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने सार्वजनिक रुप से लताड़ पिलाई, अपने ढंग से समझाईश दी। एक नेताजी जी की हालत ही पतली कर दी, बेचारे अभी तक किसी से कुछ कह सुन नहीं पा रहे हैं तीन दिन से घर में ही हैं शायद कल रंगपंचमी पर किसी तरह बाहर निकलें।
हुआ यह कि कल भाजपा की जिला कार्यसमिति में पदस्थ भाजपा के युवा नेता और जनआंदोलनों में सदैव आगे रहने वाले, कांग्रेस शासनकाल में विद्युत के लिये आये दिन आंदोलन करने यहाँ तक की जनता के लिये डंडे तक खा लेने वाले युवा तुर्क नेता की भाजपा शासन में क्या स्थिति हो गई यह सुनकर-देखकर लोग हतप्रभ हो रहे हैं। गंज के यह नेताजी परसो जब होली के समय पेयजल वितरण नहीं हो रहा था, प्रशासन दूसरे दिन की होली के दिन जब पानी के टैंकर से पानी नहीं भेज रहा था तो गंज के नेताजी अपने हुरियारे साथियों व आक्रोशित जनता का नेतृत्व करते हुए बाल विहार मैदान स्थित टंकी पर पहुँच गये। यहाँ नारेबाजी हुई, पहले नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ फिर सबके खिलाफ नारे लगे। लेकिन यह क्या इतने में ही जिला प्रशासन के अधिकारी आ गये....और....और क्या लिखा जाये, प्रशासन के अधिकारी ने उस ढंग से इन नेताजी को ठीक किया कि सुनने वाले को विश्वास ही नहीं होता। अच्छी तरह से इन्हे समझाईश दे डाली, अपने कार्यप्रणाली के उदाहरण भी अधिकारी ने देते हुए बता दिया कि बच गये हो तो बचे रहो यही खैर है। अधिकारी ने खुलकर भाजपाई निकाल देने की बात भी कह डाली, नेताजी अपने समर्थकों के साथ थे, लेकिन चुप रहे।
लेकिन यह खबर नगर में आग की तरह फैल गई, हर एक भाजपा कार्यकर्ता और छोटे-मोटे पदों के पदाधिकारी उबल-उबल जाने को उतावले हो गये लेकिन गंज वाले नेताजी ने ऐसी चुप्पी साधी की वो कहीं नजर ही नहीं आ रहे हैं।
आज भाजपा की एक महिला नेत्री भी जल अव्यवस्था को लेकर ज्ञापन देने पहुँची। कलेक्टर द्वार पर जब यह अपनी महिला कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी थीं, एक नेताजी के समझाने पर इन्होने दूरभाष पर एसडीएम को यह कहा कि हम ज्ञापन देने आये हैं हमारे कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद हैं आप कहाँ हैं ? एसडीएम यहाँ आये तो संख्या देखकर विफर गये। उन्होने आव देखा ना ताव सीधे-सीधे भाजपा नेत्री से बोले कहाँ आपकी जनता ? कितनी महिला हो आप ? मालूम है मैं कितने महत्वपूर्ण काम लगा हूँ, आप लोग जबरन परेशान कर रहे हो, और पूरे गुस्से में उन्होने ज्ञापन लिया और लेकर चले गये। महिला नेत्री नीचे मुँह करके चुपचाप आ गईं....।

7 बड़े बोर करने के लिए विधायक श्री सक्सेना ने दिए साढ़े चार लाख रु. कलेक्टर से चर्चा के बाद सभी काम रोक कर दी पेयजल के लिए स्वीकृति

सीहोर 25 मार्च (नि.सं.)। विधायक रमेश सक्सेना ने शहर में तेजी से गहराते जा रहे जलसंकट से नागरिकों को निजात दिलाने के लिए विधायक निधि से पूर्व से स्वीकृत कई काम रोक कर 7 बड़े 8 इंची हाइड्रोलिक बोर कर पेयजल सप्लाई करने हेतू साढ़े चार लाख रुपये की राशि प्रदान की है । विधायक श्री सक्सेना ने यह बोर एक-दो दिन के भीतर ही कराने का निश्चय किया है ताकि शीध्रतिशीध्र आम नागरिकों को पेयजल उपलब्ध हो सके ।
उल्लेखनीय है कि शहर में पेयजल संकट से निपटने के लिए विधायक श्री सक्सेना ने प्रदेश सरकार से साठ लाख रुपये की मंजूरी करा दी है । जिसमें से दस लाख रुपए जिला प्रशासन को मिल गए हैं और प्रशासन ने पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया है । विधायक श्री सक्सेना ने आगामी अप्रैल माह में विधायक निधि आते ही टैंकर खरीदने और बड़े बोर करने के लिए राशि देने की बात कही थी, लेकिन शहर में पेयजल संकट तेजी से गहरा रहा है और आम नागरिक पीने के पानी के लिए अत्यधिक परेशान हो रहे हैं । नागरिकों ने विधायक श्री सक्सेना से तत्काल व्यवस्था करने की मांग की जिस पर विधायक श्री सक्सेना ने कलेक्टर से चर्चा कर जनहित में विधायक निधि से स्वीकृत कामों को रोक कर उस राशि से बड़े बोर कराए जाने की बात की, जिस पर कलेक्टर ने सहमति जताई ।
विधायक श्री सक्सेना ने जो 7 बड़े बोर विधायक निधि से स्वीकृत किए हैं, उनमें से दो बड़े 8 इंची हाईड्रोलिक बोर काहिरीजदीद पर किए जाएंगे जिससे शहर में पेयजल सप्लाई हो सकेगी, दो बड़े बोर जमोनिया तालाब पर स्वीकृत किए गए हैं जिससे जमोनिया से पाईप लाईन के जरिए शुद्व पेयजल सप्लाई हो सकेगा । अभी जमोनिया से जो पानी आ रहा है वह अशुद्व है और केवल निस्तार के काम के लिए हैं । व एक बड़ा बोर गंज क्षैत्र में पानी की टंकी के पास किया जाएगा जिससे गंज क्षैत्र में पानी की सप्लाई हो सकेगी । एक बड़ा बोर मंडी पानी की टंकी के पास किया जाएगा जिससे मंडी क्षैत्र के नागरिकों को लाभ होगा और एक बड़ा बोर कस्बा क्षैत्र मे स्वीकृत किया गया है, जो कस्बा निजामत से बाजार तक पानी चैक कर लगाया जाएगा । इन सभी बोर को करने के लिए राशि पीएचई विभाग को उपलब्ध कराई गई है । विधायक श्री सक्सेना ने पीएचई अधिकारियों को ताकीद की है कि पेयजल का भरपूर स्त्रोत जांच कराने के बाद बोर करांए जाए और यह काम अतिशीध्र पूरा किया जाए जिससे नागरिकों को पीने का पानी मिल सके । विधायक श्री रमेश सक्सेना ने पुन: कहा है कि आम जनता को पेयजल उपलब्ध कराना हमारी जवाबदारी है, नागरिकों ने जो आर्शीवाद देकर जो विश्वास हम पर किया है, उस पर जनता का सेवक होने के नाते खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे । पेयजल उपलब्ध कराने को पूरा प्रशासन का अमला जुटा हुआ है , आम नागरिक परेशान न हो और घबराएं नही, धैर्य और संयम बनाए रखें । उन्होंने कहा कि पेयजल उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है इसलिए सबसे पहले आम नागरिकों को पूरे संसाधनों का उपयोग कर पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा ।

पानी बरसा गेहूं चने को नुकसान

आष्टा 25 मार्च (नि.प्र.)। कल आष्टा जावर महेतवाड़ा किलेरामा व अन्य क्षैत्रों मे बरसात होने से किसानों के चेहरों पर चिन्ता की लकीरे नजर आ रही है । सोयाबीन पर इल्ली, ठंड से चना खराब होने के दुख से दुखी किसान को अब मावठे से गेहूं की फसल को नुकसान की चिन्ता ने घेर लिया है। आष्टा में तो पानी हल्का गिरा लेकिन जावर, महेतवाड़ा, किलेरामा व अन्य क्षैत्रो में 20 से 30 मिनिट बरसात होने से खेतो में कटा पड़ा गेहूं चना और खलो में पड़ा गेहूं चने को नुकसान का अनुमान है। किसानों का कहना है कि उक्त बरसात से गेहूं की चमक खराब होने की आशंका है अगर ऐसा होता है तो भाव गिरे हुए मिलेगें। जिले के अमलाह क्षैंत्र मे तो लगभग 1 घंटे जमकर बरसात होने की खबर है ।

राकेश राय को पार्टी में शामिल करने पर कैलाश परमार ने सुरेश पचौरी के खिलाफ मोर्चा खोला


आष्टा 25 मार्च (हो.सं.)। सीहोर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार के लगता है अब पर निकल आये है एक समय था जब वे अपने आका केन्द्रिय मंत्री सुरेश पचौरी के सामने जाने से भी डरते थे आज उनकी बदौलत एक बार नही दो बार न.पा. अध्यक्ष का टिकिट फिर जिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद पाने के बाद अब वह पचौरी के खिलाफ ही मोर्चा खोल रहे हैं। परमार पचौरी के निर्णय का खुलकर विरोध करने लगे है ।
किस्सा यूं है कि सुरेश पचौरी जिन्हें दस जनपथ से प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया उसके बाद पचौरी ने पूरे प्रदेश मे जब निगाह धुमाई तो चारों और उन्हें अंधकार ही अंधकार नजर आया क्योंकि जनता और कार्यकर्ताओं से कभी उनका जमीनी साथ रहा ही नहीं ऐसे में जब उन्हें प्रदेश की बागडोर सौंपी गई तो अब क्या करें प्रदेश में आये घूमे-फिरे तो उन्हें चारण-भाट की जरूरत तो पड़ती ही थी क्योंकि वे ही उनके गुणगान करेंगे । जब देखा की उनके नाम की घोषणा होते ही चारों और विरोध के स्वर उठने लगे है । तो ऐसे में उन्होंने अपने समर्थकों की जाग्रती (पुन: पार्टी में शामिल करने की मुहिम)चलाई । जब उनकी निगाह सीहोर पहुंची तो पाया उनका पंखे वाला समर्थक राकेश राय पार्टी से निष्कासित पड़ा है तत्काल कैलाश परमार को खबर की कि जिला कांग्रेस से प्रस्ताव भेजे की राकेश राय को पुन: पार्टी में शामिल किया जाये । खबर आते ही कैलाश परमार ने अपने राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी विजय देशलहरा, सुरेश पालीवाल, द्वारका सोनी, प्रदीप प्रगति, आदि को किलेरामा बुलाया और मंत्रणा की परमार की इस चौकड़ी ने एक स्वर में अपने राजनीति के लम्बे अनुभव को आगे करते हुए कहा कि भाई साहब क्या कर रहे है प्रस्ताव मत भेज देना ये राकेश राय आष्टा के प्रेमराय मामा के भांजे है । मामा ने अपने को कितना परेशान किया है मामा का बदला अपन मामा से तो नहीं ले सकते क्योंकि अपन को भी यहीं रहना है और फिर मामा के पास ऐसा ठेका है जिसके आगे सब नतमस्तक हैं अपन को मामा के बदले बदला भांजे से लेना है । इसलिए प्रस्ताव मत भेजों उन्हें बाहर ही रहने दो कल से अगर आप सीहोर से चुनाव लड़े तो परेशानी आयेगी राकेश राय की न.पा. अध्यक्ष के रूप में जो मट्टी पलीत हो रही है उसका पूरा फायदा अपन को विधानसभा के चुनाव में मिलेगा ।
अनुभवों की चौकड़ी की राय परमार के गले उतर आई और प्रस्ताव नहीं भेजा लेकिन जब पचौरी सीहोर रैली में आये तो उन्होंने मंच से राकेश राय को पुन: पार्टी में शामिल करने की घोषणा कर उनका स्वागत कर दिया । बस फिर क्या था परमार ने इसी दिन से पचौरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष को पचौरी की शिकायत कर डाली अब परमार ने पूरा मन बना लिया है कि वे राकेश राय को कांग्रेस मेें आने के बाद भी घांस नहीं डालेंगे उल्टा पूरा प्रयास करेंगे कि वे न.पा.अध्यक्ष के रूप में जनता के रोष का शिकार बने और इसके लिए सीहोर में उत्पन्न गंभीर जल संकट का समय परमार ने चुना है । खबर है कि सीहोर में उत्पन्न जल संकट को देखते हुए जल उपयोगिता समिति के निर्णय के बाद रामपुरा डेम से सीहोर के लिए पानी छोड़ा उस पानी को परमार जैसे भी हो बंद करवाने में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने गुप्त चर्चा भी कहीं की है। उन्होंने तर्क दिया है कि आष्टा के लिए जब उक्त पानी सुरक्षित है तो उसे सीहोर क्यों भेजा जा रहा है। सीहोर रामपुरा डेम के कमान्ड क्षैत्र में आता ही नही है । आष्टा के लिए भी डेम से जब पानी छोड़ा जाता है जब न.पा. सिंचाई विभाग को चैक देती है सीहोर न.पा. ने जब पैसे जमा ही नही कराये तो पानी क्यों छोड़ा गया है । वही परमार ने सीहोर न.पा. के कुछ पार्षदों के कंधों पर हाथ रख दिया है। जो राकेश राय के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं जब यह हीन हरकत प्रेमराय मामा को ज्ञात हुई तो उन्होंने कसम खा ली है कि परमार को आष्टा में इसके बदले वे जब भी मौका मिलेगा सबक सिखायेंगे । वहीं प्रस्ताव नही भेजने पर पचौरी -परमार में ठन गई है । देखना है यह उठा विवाद क्या रंग लाता है । मामा ने कह दिया है छोडूंगा नहीं ।
काला है कोट हमारा
राजमल धारवां : हम हैं राही प्यार के
ए.के.कुरैशी : बेटे ने चिंता कम कर दी
नगीन जैन : महिला मोर्चा भी देखता हूँ
भेरु सिंह ठाकुर : थोड़ी-थोड़ी पिया करो
सत्यनारायण शर्मा : अब आराम भी करो
विजेन्द्र सिंह ठाकुर : मैं ही अध्यक्ष हूँ
निर्मल रांका : मेरा पप्पु पास हो गया
मोर सिंह मेवाड़ा : धका रहे हैं
कांतिलाल जोशी : फंसते रहते हैं
सुरेन्द्र परमार : उभरता हीरो
महेन्द्र भूतिया : शेयर का भूत
ताज मोहम्मद : पना मंगा दूंगा
शमीम जहीरी : सलाम नमस्ते
श्रीराम प्रेमचंदानी : अलविदा

व्यापारियों के ठेकेदार

राजेश मित्तल : सबसे बात हो गई है
नवनीत संचेती : मुझे अतिथि क्यों नहीं बनाया
विनय आर्य : क्यों कहा मिली
संजय सोनी बंटु : रिपिट हुए
हंस कुमार वर्मा : बात हो गई है
कैलाश जैन : अलीपुर का हिन्दु
अशोक शीतल : धक्का क्यों दिया था
अरुण खंडेलवाल : घुमक्कड़
संतोष सुराणा : अब तो सुधर जा
मनोहर भोजवानी : पानी वाले बाबा
रमेश चौरसिया : बड़ी कलर टी.वी.
प्रवीण धाड़ीवाल : मैं चुप रहूंगा
सतीश नावेल्टी : ईसान कोण में
अशोक देशलहरा : मेरी आवाज सुनो
पारसमल सिंघवी : प्रतिष्ठा हो गई

वार्डों के दरोगा

श्रीमति लक्ष्मी मेवाड़ा : बेटे के भरोसे
कमलेश जैन : खाये जाओ खाये जाओ प्रभु के
सलीम भाई : जो दे उसका भी भला जो ना दे
शहजाद बी : कहाँ करना है हस्ताक्षर
रासीदा बेगम : मैं तो प्रेम दिवानी मेरा दर्द ना जाने कोई
हुसैन शाह : हुं (सेन) अर्थात....
आनन्द जैन : दोस्तों के चक्कर में
अंजीज अंसारी : विकास मंच की आड़ में
राजू जैन : हम्माल
सिस्टर मेहमूदा कुरैशी : अब ठीक हूँ
जगदीश खत्री : ...मैं बारुद मत फूंक
मंगला सोनी : यही है राईट च्वाईस बेबी
मदन लाल भूतिया : मेरा बेटा नोटरी बन जाये
सुनीता मालवीय : मेरा बाबु छैल छबिला मैं तो...
रवि सोनी : जिला बदर
मखमल डुमाने : थोड़ा स्टेण्डर्ड तो सुधारो
माखन कुशवाह : समाज का दरोगा
रसीद पठान : कंट्रोल की मेहरबानी

कलम के दुश्मन

कामरेड मंजूद खां : हमें तो नवाब ने मारा
सैयद नवाब अली : बुरे दिन शुरु हुए
रामचरण सोनी : खबर छापना मना है
सुधीर पाठक : विज्ञापन के चक्कर में
नरेन्द्र गंगवाल : दफीने के लिये खुदाई
अ.रऊपलाला : पंजाबी चैनल
बाबु पांचाल : अब किसके कंधे पर रखा है
अबरार अली : नकलची
दिनेश माथुर : छापने के बाद पढ़वाता भी हूं
सुरेन्द्र पोरवाल : नौ दिन चले अढ़ाई कोस
राकेश बैरागी : फोटो ग्राफी में डाक्टरी
रघुवर दयाल गोहिया : घाटे वाले बाबा
बहादुर सिंह ठाकुर जावर : यहाँ के हम हैं पत्रकार

सरकार के एजेंट

जी.व्ही.रश्मि एसडीएम : मोहे पिया की याद सताए
तूफान सिंह अहिरवान एसडीएम : नाम के तूफान
मनु व्यास एसडीओपी : चिकना घड़ा
बिहारी सिंह तहसीलदार : बाबुजी जरा धीरे चलना
दीपक राय (सीएमओ) : हिस्से का झगड़ा
अतीक अहमद खान टीआई.: पहले सबकुछ समझ लेना
एच.एल.वर्मा सीईओ : रोजगार की ग्यारंटी
सी.एन.गुजराती वीईओ : चुपके-चुपके
छोटू खान मंडी सचिव : पैरोल पर आया हूँ
श्री मांझी (लो.निर्माण वि.): गरीब विभाग का मालिक
राहुल शर्मा सीएमओ जावर : मिल बांट कर खायेंगे
बी.के.उपाध्याय टीआई जावर : विधायक से दोस्ती महंगी पड़ी

आष्टा के अनाड़ी

रघुनाथ मालवीय : घड़ा भरा गया है
रंजीत सिंह गुणवान : इस बार उम्मीद है
अनोखीलाल खंडेलवाल : बज गये बाजे
कैलाश परमार : खर्चे बढ़े...कमीशन बढ़ाया
देवी सिंह परमार : मार्केटिंग का सपना
राकेश सुराना : बेचना हो तो बताना
प्रेम बाई ठाकुर : ओ मिट्ठु मियां आज मैं...
विजया बनवट : गैस की गाड़ी
शेषनारायण मुकाती : दोस्त चुनाव में चूना लगा गया
प्रेम राय मामा : तारे जमीं पर
ललित नागौरी : से मारुती जो आई है खूब.... खाई है
अशोक राठौर : राजनीति से लुप्त
राजा पारख : होली का हीरो
ललित अग्रवाल : पाला पड़ गया है
प्रमोद सुराना : घर वालों को तो छोड़ दो
विजय देशलहरा : बाम्बे टू गोवा
कैलाश टेलर दादू : अब नी बनु घीसू
कृपाल सिंह ठाकुर : कांटा साफ हुआ
मुकेश बड़जात्या : बोलने वाली मशीन
अशोक कासलीवाल : दुखी हूँ
संतोष झंवर : फुस्सी बम
बापूलाल मालवीय : उधारी की दुकान
राजमल सेठी : उतार पे
मिर्जा बशीर बेग : हो किसके साथ
मिर्जा हबीब बेग : बेटे ने बदनाम कर दिया
प्रदीप प्रगति : चलता फिरता टेलिफोन
अनुप जैन कचरु : देने लेने से ही काम चलता है
उमेश शर्मा (हिउस) : हिसाब में कमजोर
सुरेश पालीवाल : गुरुजी ने कहा है मकान मत बनाना
प्रेमनारायण शर्मा : स्कूल भी चलाना है
अतुल राय संघवाले : लगे रहो मुन्नाभाई
नोशे खान मुविमंच : किसके इसारे पे
रतन सिंह ठाकुर : एजेंट
विनित सिंगी : सबकी निगाह है
राय सिंह मेवाड़ा : संभल के
धरम सिंह आर्य : कागजी घोड़ा
बाबुलाल पटेल जावर : सपना जो हो ना सका पूरा
राकेश सिंह सेंधव : थोड़ी-थोड़ी.....करो
श्रीमति चंदा बोहरा : वकील साहब के भरोसे
श्रीमति प्रतिभा नागर : हिन्दी कमजोर है

मंडी के मजदूर

जमना प्रसाद राठौर : च्यवनप्राश खा रहे हैं
छीतरमल जैन : जहाँ मिल बैठे तीन यार मैं तू और
द्वारका प्रसाद खंडेलवाल: सबको दूंगा
मांगीलाल साहू : मैं मांगी+लाल=....नहीं हूँ
दिलीप सुराना : भैया चैक मत लगाना
हुकम वोहरा : हंसते रहो गम भुलाते रहो
रुपचंद रांका : 5-5 करके दूंगा
पुखराज वोहरा : गर्दीश में
दीपक सेठी : हवा हुए वो दिन....
राजू बनवट : मंडी का खवास
सुमत जैन : छड़ीदार
रविन्द्र रांका : नोट गिनने की मशीन
डॉ राजेन्द्र जैन : भाई के भरोसे
दीपक जायसवाल : मामा के भरोसे
सुशील रांका : घर के वकील साहब मंडी के कर्णधार
श्रीमति हंसुबाई ठाकुर : नाम का अध्यक्ष
बाबुलाल मालवीय : पीना पिलाना हराम है
सोहेल मिर्जा : घर का भेदी
बहादुर सिंह ठाकुर : बयाना ले लिया था
कुमेर सिंह ठाकुर : कमीशन बराबर बांटो
दशरथ सिंह राजपूत : खायेंगे नहीं तो ढोल देंगे

यमराम के यमदूत


डॉ रामचन्द्र गुप्ता : मुझे मेरी बीबी से बचाओ...
डॉ हीरा दलोद्रिया : रास्ता बंद करके ही दम लूंगा
डॉ के.के.चतुर्वेदी : ना काहु से दोस्ती ना काहू से बैर
डॉ एच.व्ही. बड़गैया : फर्जी डाक्टरों के सरगना
डॉ ए.के.जैन : बच्चों में बच्चे
डॉ जी.डी.सोनी : टूटे तो जोडूं
डॉ अर्चना सोनी : आपरेशन चालू हैं
डॉ प्रवीर गुप्ता : ग्राहकी बढ़ गई है
डॉ एम.एच.अंसारी : हज सफल रहा
डॉ मुकेश इन्दौरिया : चंदे वालों से परेशान
डॉ सीमा इन्दौरिया : चंदे वालों से परेशान
डॉ बलराम झरबड़े : नौकरानी से परेशान
डॉ मीनाक्षी झरबड़े : नौकरानी से परेशान
डॉ मिनल सिंगी : ये आग कब बुझेगी
डॉ अशोक विद्यार्थी : सब ठीक है
डॉ माधवी राय : पति का पेहरा
डॉ शोएब नागौरी : जुम्मापुरा से बाहर निकलो
डॉ असलम : बुलाऊं क्या ?

खंडेलवाल ने कहा मुझे नहीं मालूम गोविंद जाने

आष्टा 25 मार्च (हो.प्र.)। राजनीति में लगातार अपने ही कर्मो से गिरते सेंसेक्स के कारण भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अनोखीलाल खंडेलवाल इन दिनों जैसे ही कोई राजनीति चुनाव या टिकिट की बात करता है तो वे कपड़े फाड़ने लगते हैं और उन्हें केवल एक ही जवाब वे देते सुने गये है कि मुझे नहीं मालूम गोविन्द जाने आखिर वे ऐसे कैसे हो गये । बेटा जैसे-तैसे गोविंद जाने के माध्यम से अपना और खुद का सेंसेक्स बढाने के लिए हर वर्ष जुटा रहता है और पिता उसके इस ठोस प्रयास पर पानी फेर देते हैं। जब एक बार किसी ने उनसे केवल इतना पूछ लिया कि भाई साहब टिकिट किसे दिला रहे हो उन्हें मालूम है कि अब टिकिट बांटने का उनका समय खत्म हो गया है फिर भी जब उसने पूछ ही लिया तो अपनी स्थिति छुपाते हुए कह दिया गोविन्द जाने सामने वाला ज्यादा समझदार था जवाब दे गया जब सब गोविंद जाने के भरोसे है तो सब कुछ छोड़ो और श्रीनाथ जी की हवेली में गोविंद जपो तब खंडेलवाल ने कहा भैय्या वो ही तो कर रहे हैं। आजकल राजनीति से कोसों दूर चले गये, खंडेलवाल आष्टा में एक नया हिन्दू संगठन खड़ा करने में जुटे हैं। जिसका नाम किला मंदिर की प्रतिष्ठा में घोषित भी कर दिया है अब वे इस संगठन के लिए जीतमल, महेन्द्र जैसे सहयोगियों की तलाश में है ताकि उसकी कार्य समिति घोषित कर सके । खंडेलवाल पुत्र बन्टी (विजय) और बबली नाराज है उनका मानना है कि नई दुकान खोलना आसान है उसे चलाना मुश्किल है ....

रंजीत सिंह ने कहा मेरे दरवाजे सबके लिए खुले


आष्टा 25 मार्च (हो.सं.)। पिछले चुनाव में टिकिट कटने के बाद से दर-दर भटक रहे पूर्व विधायक रंजीतसिंह गुणवान ने एक विज्ञप्ति जारीकर कहा कि जैसे बिन पानी के मछली तड़ पती है वैसे ही मे चार साल से तड़प रहा हूं । अब पुन:चुनाव का सीजन आ गया है । मै पुन: चुनाव लड़ने को इच्छुक हूं । जो भी पार्टी मुझे चुनाव लड़ाना चाहती हो वो मुझसे संपर्क कर सकती है । अभी सभी के लिए मेरे दरवाजे खुले है वैसे मेरी प्राथमिकता में भाजपा, भाजश और बसपा है । 10 साल का पूरा अनुभव मेरे साथ है । खबर है कि कई पार्टियां रंजीतसिंह के सम्पर्क में है लेकिन कुछ पार्टियों ने स्पष्ट कहा है कि पहले तुम अभी तक जिनके साथ बैठते- उठते हो उनका साथ छोड़ो तब आगे बात बढ़ेगी । खबर है कि गुणवान इसके लिए तैयार भी हो गये है लेकिन उनका कहना है कि देवीसिंह परमार को मै साथ रखूंगा इसके लिए एक पार्टी तैयार हो गई दो तैयार नहीं है। वही रंजीतसिंह जिन्हें 4 साल पहले चुनाव में टिकिट मिल गया था तब उन्होनें कुछ प्रचार सामग्री छपवा ली थी लेकिन एक वक्त पर जब टिकिट कट गया था तब से उक्त सामग्री रखी है । उस सामग्री को ठीकठाक कराने में गुणवान जुट गये हैं। तथा पार्टी का नाम एवं चुनाव चिन्हकी जगह छोड़ दी है जब इसका तय हो जायेगा तो उस स्थान पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह लिख लिया जायेगा । देखना है गुणवान को किस पार्टी का टिकिट मिलता है। वैसे उन्हें भाजपा में आजकल सक्रिय देखा जा रहा है।

जॉवकार्ड नही बनाने पर जनपद अध्यक्ष ने सोनिया गांधी को शिकायत की

आष्टा 25 मार्च (हो.सं.) । जब से कांग्रेस नेता रतनसिंह ठाकूर जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक सीहोर के अध्यक्ष पद से हटे है तभी से आज तक वे वेरोजगार घुम रहे है । ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा बेरोजगार के लिए 1 अप्रैल,08 से देश के सभी जिलो में ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना लागू की जाने की घोषणा की है तभी से श्री ठाकूर का पूरा चेहरा होली में लगी लाल रूप की तरह लालम-लाल है और वे इस योजना का पूरा लाभ अपने पूरे परिवार को मिले इस कार्य में जुट गये है । लेकिन भाजपा के नेताओं क ो यह रास नही आ रहा है कि बेरोजगार ठाकूर पुन: रोजगार से लगे इसके लिए उन्होंने रोड़ा अटकाना शुरू कर दिये है। इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षैत्र के बेरोजगारों को मिलेगा उसके तहत सभी के जांब कार्ड फोटो सहित बनाये जा रहे है। भाजपा ने जांव कार्ड बनाने के ठेकेदार को बुलाकर बता दिया है कि अगर तूने ठाकूर का या उनके परिवार का जांब कार्ड बनाया तो ध्यान रखना तेरा बड़ा कार्ड बना दिया जायेगा । ठाकूर साहब को रोजगार गारन्टी योजना के रूप में एक आशा की किरण दिखी थी उस पर पानी फेरते देख उन्होंने अपनी शिकायत अपनी पत्नि जनपद अध्यक्ष श्रीमति प्रेमबाई ठाकूर को लिखित में की है प्रेमबाई ने इसकी शिकायत कलेक्टर को भेजी है और उसकी एक प्रति सोनिया गांधी को भी भेजी है । ज्ञात रहे कि कलेक्टर सीहोर को शिकायत मिली तो उन्होंने अपने यस मेन नेता कम पत्रकार राजकुमार गुप्ता से कहा कि यार गुप्ता यह अच्छी बात नही है एक बेरोजगार को अगर रोजगार मिल रहा है तो इससे तुम्हारी भाजपा को पेट दर्द क्यों हो रहा है । फिर गुप्ता ने भाजपा के स्थानीय नेता संतोष झंवर से इस संबंध में बात की है कि रतनसिंह ठाकूर का जांब कार्ड बनने में वे रोड़ा ना डाले कलेक्टर साहब नाराज है उनका कहना है कि आष्टा में कई भाजपा के नेता थाने , तहसील, बिजलीघर, वन विभाग, खाध्य विभाग आदि जगहों पर रोजगार से लगे क्या हमने कभी एक्शन लिया नही तो फिर ठाकूर को क्यों परेशान कर रहे हो । झंवर ने गुप्ता को बताया की उनके परिवार से एक सदस्य जनपद अध्यक्ष रोजगार से लगी है क्या हमने कभी उनकी शिकायत की भाजपा में एक व्यक्ति एक रोजगार का सिद्वांत है । इसके तहत ही हम चल रहे है । अब खबर है कि रतनसिंह ठाकूर ने वरिष्ठ इंका नेता अरविंद गुप्ता का सहारा लेकर अपना जांबकार्ड बनवाने के लिए राजा साहब के पास दिल्ली भेजा है देखना है बेरोजगार रतनसिंह ठाकूर को रोजगार के लिए जांब कार्ड कब तक बनता है । फिलहाल वे भी अपने छोटे भाई के यहां दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत है।