Monday, June 30, 2008

16 साल की कमसिन हसीना और 52 साल का बखान

सीहोर 28 जून (आनन्‍द)। जी हाँ 24 घंटे हर पल, हर समय, हर दिन निशुल्क शो में देखियेगा '16 बरस की कमसिन हसीना का कमाल और बखान 52 वे साल का'। यह निशुल्क टेक्स फ्री फिल्म सीहोर टाकीज चौराहे पर लगाई गई है। जिसे हर आम और खास के साथ शहर के बच्चे, बूढ़े, नौजवान, बालिकाएं, बालक, विद्यार्थी, शासन के द्वारा जिनका विवाह कराया गया है वो और जिनका विवाह होने वाला वो, 16 वे बसंत में प्रवेश करने वाले भी और 52 वे साल की तरफ बढ़ रहे लोग भी देख सकते हैं।

एक तरफ आपको 16 वर्ष की कमशिन हसीना अपने मादक जल्वों से रिझायेगी, अपनी और आकर्षित करेगी, आपका ध्यान खिचेंगी, आपको मदमस्त करने का प्रयास करेगी, आपका ध्यान भंग करेगी, आपको अपनी और देखने के लिये किसी भी आकर्षक अदा में नजर आयेगी और दूसरी और जैसे ही आप उसे देखेंगे तो 16 वे वर्ष की कमसिन हसीना के साथ 52 वे वर्ष का कमाल भी आपको नजर आ जायेगा।

संभवत: इसी विचार के कारण सीहोर के कुछ उत्साही लाल हर बार इन कमसिन हसीनाओं के साथ देश-प्रदेश के विख्यात राजनीतिज्ञों के बड़े-बड़े होर्डिंग लगा दिया करते हैं। 16 वर्ष की यह कमसिन हसीनाएं कई आकर्षक मुद्राओं में फोटों के माध्यम से अपने ऐसे जलवे बिखेरती हैं कि सहज ही इनकी और ध्यान चला जाता है और संभवत: इसी का लाभ उठाकर राजनेताओं के समर्थक हसीनाओं के साथ राजनेताओं को भी चस्पा कर देते हैं।

चर्चित होने के लिये लोग तरह-तरह के उपाय खोजा करते हैं, संभवत: इसी में एक माध्यम सीहोर में खोजा गया है। हर बार किसी न किसी राजनेता का फोटो यहाँ फिल्मी पोस्टरों के बीच सीहोर टाकीज चौराहे पर लगा दिया जाता है।

अब यह समझ नहीं आता कि वह यहाँ क्यों लगाया गया है क्या इसलिये कि लोग नेताजी का पोस्टर देखेंगे तो उसे भी देख लेंगे या उसे देखेंगे तो नेताजी को भी देख लेंगे।

जो भी हो, कौन किसके सहारे लोकप्रिय होना चाहता है....कौन किसका सहारा ले रहा है....किसके कारण किसके हाउस फु ल हो जायेंगे....यह बात तो समझ से परे है लेकिन इतना अवश्य है कि सीहोर टाकीज चौराहा पर प्रदेश के गौरव, प्रदेश की शान मुख्यमंत्री का फोटो केवल वयस्कों के लिये दिखाई जाने वाली फिल्म के आकर्षक कमसिन हसीनाओं के उत्तेजित करने वाले फोटों के साथ लगा हुआ है। जिसमें पिछले 52 साल में जो ना हुआ वो वर्तमान शासन ने कर दिखाया यह दर्शाया गया है।

दहेज के दानवों ने बहु को घांसलेट डालकर जलाया

आष्टा 29 जून (सुशील)। 10 साल पूर्व आष्टा तहसील के ग्राम नानजीपुरा (सिध्दिकगंज) निवासी फू ल सिंह ने अपनी बेटी का विवाह ग्राम लसूड़िया पार निवासी ओंकार सिंह के पुत्र लखन से कर बेटी को खुशी-खुशी विदा किया था। लेकिन लड़की के पिता ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस परिवार में वो अपनी बेटी को दे रहे हैं वो एक दिन दहेज के दानव के रुप में सामने आकर उसी बेटी को जलाकर मार डालने का भी प्रयास कर सकते हैं। दहेज के लोभियों द्वारा अपनी बहु को जला देने की इस हृदय विदारक घटना दो दिन बाद खुलासा हो हुआ है।
थाना प्रभारी अतीक अहमद खान ने फुरसत को इस संबंध में बताया कि आज लकड़ी का पिता फूल सिंह थाने पहुँचा तथा उसने बताया कि उसकी बेटी जिसका विवाह ग्राम लसूड़िया पार में किया गया था वहाँ ससुराल वालों ने उसे जलाकर छुपा रखा है। पुलिस को यह सूचना मिलते ही पुलिस गांव पहुँची तथा जिस महिला को जलाया था उसे इलाज के लिये सिविल अस्पताल आष्टा लेकर आये।
उक्त महिला का नाम श्रीमति मेमकला पत्नि लखन सेंधव उम्र 25 वर्ष नवविवाहिता के रुप में सामने आया। मेमकला ने पुलिस को बताया कि 27 जून को सुबह से ही सास, जेठ, जेठानी, पति, मुझसे लड़ रहे थे तथा दहेज के लिये बार-बार प्रताड़ित करते थे। 27 जून को लगभग 1 बजे मेमकला की सास ने कहा कि तू खेत पर चली जा। तब मेमकला ने कहा कि थोड़ी देर से नहाकर जाऊंगी। तब उसको प्रताड़ित करने लगे । घर में जेठ नहीं था। उसको भी बुला लिया तथा पति मारने लगा। जब पति मार रहा था मेमकला बहुत गिड़गिड़ाई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। तब सास ने कहा कि इसे जलाकर मार दो। थोड़ी देर बाद सास तेल से भरी कुप्पी लेकर आ गई तथा परिवार के अन्य लोगों ने मेमकला को पकड़ा और उस पर घांसलेट डालकर आग लगा दी। क्रोध में भरे ससुराल के लोगों ने इस घटना को अंजाम तो दे दिया लेकिन सामने खतरा भी उन्हे नजर आया तब इसे आग से बचाने भी लगे। लेकिन तब तक मेमकला काफी जल चुकी थी। तब ससुराल वालों ने एक कमरे में ही बंद कर दिया । आग लगने से तड़प रही मेमकला ने ससुराल वालों के सामने खूब गिड़गिड़ाई की मुझे आष्टा ले चलो मेरा इलाज करा दो। लेकिन किसी ने भी इसकी दर्द और पीड़ा को नहीं समझा। जब यह घर में जलने के कारण हो रही जलन से चिल्लाने लगी, तब ससुराल वालों को लगा कि यह बात मोहल्लें वालों को पता चल सकती है तब उन्होने गांव के ही एक डाक्टर को बुलाया और उससे घटना का रुप बदलकर बताया कि यह चिमनी में धागा डाल रही थी जिससे जल गई। इसका इलाज कर दो। ग्राम के डाक्टर जिसका नाम ओम प्रकाश श्रीवास्तव बताया गया है (डाक्टर फर्जी है या असली इसका खुलासा होना बाकी है) ने इस महिला को कुछ इंजेक्शन लगाये तथा जले हुए स्थान पर मल्हम लगाया एवं कोई शीशी भी पीने के लिये दी और इस तरह 29 जून महिला का घर के अंदर ही इलाज चलता रहा। ससुराल के लोगों ने पूरी तरह डरा धमका दिया था कि किसी को भी घटना का बताया कि तूझे मार डालेंगे कोई पूछे तो यही बताना कि वो चिमनी धागा डाल रही थी और एक दम चिमनी से जल गई। लेकिन इसी दौरान महिला के लाख कहने पर भी उसके पिता के यहाँ खबर नहीं की गई।
मेमकला ने अपने ससुर से गिड़गिडाते हुए कई बार कहा कि मुझे आष्टा इलाज के लिये ले चलो, मेरे पापा को बुला दो। लेकिन ससुर यह जबाव दे रहा था कि क्या तेरे पापा को बुलाकर हमें फंसना है। हम तेरा इलाज करा रहे हैं ठीक हो जायेगी।
लेकिन जैसे-तैसे गांव से उक्त खबर नानजीपुरा में रहने वाले मोतीसिंह को लगी। मोतीसिंह ने लड़की के पिता को खबर दी। तब फूल सिंह आज पुलिस को लेकर गांव पहुँचे। और इस प्रकार मेमकला की रिपोर्ट पर पुलिस ने सास अमृत बाई, पति लखन, जेठ जसपाल, जेठानी सुशीला, ससुर ओंकार के खिलाफ धारा 498 ए, 34 दहेज अधिनियम, 326, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। बयान में और भी बात सामने आई है जिससे आरोपियों पर और भी धाराएं बढ़ सकती है।
क्या है असल किस्सा- मेमकला विगत एक साल से अपने मायके में ही रह रही थी। अभी 12 दिन पूर्व ही उसका नंदोई मायके से ससुराल लेकर आया था। और इन 12 दिन बाद ही यह घटना घट गई। मेमकला को बार-बार गरीब घर की होने और घर से दहेज में कुछ भी नहीं लाने को लेकर प्रताड़ित किया जाता था।
चिकित्सको ने कहा- डॉ. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि उक्त महिला जलने से लगभग 40 प्रतिशत जली है। इसका इलाज प्रारंभ कर दिया गया है। पुलिस की सूचना के बाद नायब तहसीलदार वीरेन्द्र सिंह अस्पताल पहुँचे तथा उक्त महिला के बयान दर्ज किये।

Sunday, June 29, 2008

जननी सुरक्षा योजना : कलेक्टर को फोन क्यों किया ? अब तुझे रुपये नहीं देंगे, जो बने कर ले जा

डेढ़ माह से नहीं मिल रहे थे जननी सुरक्षा योजना के रुपये, शिकायत की तो यह मिला जबाव
सीहोर 28 जून (नि.सं.) तुमने कलेक्टर को फोन क्यों किया....? तुमने हमारी शिकायत क्यों की....? यादा नेतागिरी सूझ रही है....? हमारी शिकायत करती हो...? जाओ अब तुम्हे कोई रुपये नहीं मिलेंगे....हमें ऊपर से आदेश हुए हैं कि तुमने कलेक्टर को शिकायत की है अब तुम्हे रुपये नहीं दिये जायें...? साहब ने रुपये देने से मना किया है....तुम यादा अकल लगाती हो....जननी सुरक्षा के रुपये तुम्हे नहीं मिलने वाले....जो बने कर लो....जाओ फिर शिकायत कर आओ...
उक्त बात यहाँ जिला चिकित्सालय में जननी सुरक्षा योजना अन्तर्गत पदस्थ एक अधिकारी ने पिछले दिनों एक महिला आशा कार्यकर्ता से कहे। हुआ यह है कि विगत डेढ़ माह से जिला स्वास्थ्य विभाग शासन की महत्वपूर्ण जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत मिलने वाले रुपयों का प्रदाय नहीं कर रहा था। लगातार इसकी मांग की जाने के बाद भी तरह-तरह से टाला जा रहा था और यह कहा जा रहा था कि अब कोटा खत्म हो गया है राशि खत्म हो गई है जब कोटा आयेगा तब रुपये दिये जायेंगे। इस तरह के लगातार कारण बताये जाने के कारण डेढ़ माह से अधिक हो गया था इस पर एक आशा कार्यकर्ता ने जब यह बात अपने संगठन को बताई तो उसे जिलाधीश को फोन पर शिकायत करने की सलाह दी गई। उसने फोन पर जिलाधीश को शिकायत कर दी। शिकायत करते ही प्रभारी जिलाधीश ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल निर्णय लिया और वह मामले को समझने के लिये अलग से तैयार हो गये। उन्होने बातचीत की और किसी भी स्थिति में इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दिये। जिलाधीश के निर्देश पर जननी सुरक्षा का रुपया वापस मिलना शुरु हो गया है।
लेकिन कल जब उक्त शिकायत करने वाली कार्यकर्ता जब जिला चिकित्सालय पहुँची तो उससे उपरोक्त बात कही गई और कहा गया कि तुम हमारी शिकायत करती हो, अब तुम्हे कोई सहायता नहीं की जायेगी, तुमसे जो बने कर लो। जब यह बात उस महिला कार्यकर्ता ने वापस फोन लगवाने वाले से आकर कही तो उसने जाकर फिर उस रुपये बांटने वाले से कहा कि जब कलेक्टर साहब ने एक बार सुनी है तो आपको क्या लगता है कि वह दोबारा नहीं सुनेंगे । हम अभी जा रहे उनको शिकायत करने।
नवागत कलेक्टर डीपी आहूजा के आने के पूर्व ही उनके सख्त रवैये और काम के प्रति उनकी गंभीरता के किस्से सीहोर आ चुके हैं, इसी से वह कर्मचारी घबराया और उसने माफी मांगकर इस महिला कर्मचारी को रुपये देने के लिये हाँ कर दी।

हो रही गरीबी रेखा की जांच, 3 दिन में कटेंगे सैकड़ों के नाम..?

सीहोर 28 जून (नि.सं.)। गरीबी रेखा सूची का हालांकि सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है और 3 माह पूर्व ही इस कार्य को करके नगर पालिका के शहरी गरीबी उपशमन प्रकोष्ट में सौंप दिया गया है लेकिन इधर जिलाधीश डी.पी. आहूजा का आगमन हुआ है और अचानक कुछ अधिकारियों ने सर्वे जांच कार्य पुन: शुरु करवा दिया है। ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है कि 3 दिन में युध्द स्तर पर होने वाले इस कार्य में संभावित है कि सैकड़ो नाम कट भी सकते हैं, जांच दल में तहसील के कुछ कर्मचारियों को भी लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार नगरीय क्षेत्र में राय शासन के अनुसार विगत 3 माह पूर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) कार्यालय के निर्देश पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर गरीबी रेखा में नाम जोड़ने का कार्य शुरु किया गया था। जिसमें 35 वार्डों में सर्वे कराया जाकर कई नाम जोड़े गये थे। और इस सूची को शहरी गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ में सौंप दिया गया था। तीन माह पूर्व जो सर्वे हुआ था उसमें बड़ी बारीकी से जांच की जाकर नये नाम जोड़े गये थे व कुछ हटाये गये थे लेकिन अब एक बार फिर जिलाधीश के स्थानान्तरण होते ही नये सिरे से इस कार्य को कराये जाने का कार्य शुरु हुआ है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा एक बार फिर नगर पालिका कर्मचारियों और तहसील के पटवारी आदि कर्मियों की संयुक्त कमेटी के माध्यम से प्रत्येक वार्ड में फिर गरीबी रेखा की सूची की जांच शुरु हो गई है। इस बार जांच सूची में शामिल लोगों के यहाँ जाकर की जा रही है कि वह वास्तव में इस सूची में शामिल होने लायक हैं या नहीं, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है कि 3 दिन में जब इसकी रिपोर्ट सौंपी जायेगी संभवत: सैकड़ो नाम सूची में से कटने की स्थिति में आ जायेंगे। देखते हैं क्या होता है।

आधा दर्जन थाना प्रभारियों के तबादले

सीहोर 28 जून (नि.सं.)। राय शासन द्वारा निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों के किये गये ताजा फेरबदल में जिले के 6 थाना प्रभारियों सहित 2 उपनिरीक्षकों के तबादले जिले के बाहर किये गये हैं।
राय शासन द्वारा निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों के किये गये फेरबदल के बाद जिले के आधा दर्जन थाना प्रभारी प्रभावित हुए हैं। जारी आदेश के बाद मंडी थाने की कमान संभाले हुए जे.एस.सिध्दू, कोतवाली थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक पंकज गौतम, नस.गंज थाना प्रभारी उमेश तिवारी, नस.गंज में ही प्रभारी उपनिरीक्षक श्रीमति नीता चौबे, बिलकीसगंज थाना प्रभारी केशव पुरी, अहमदपुर थाना प्रभारी विवेक अष्ठाना एवं इछावर थाना प्रभारी एन.पाण्डे का जिले के बाहर तबादला हो गया है। पिछले लम्बे समय से निरीक्षकों की बाट जो रहे जिले के यह सभी थाने अभी तक उपनिरीक्षकों के हवाले थे और अब एक बार फिर फेरबदल के बाद जिले के सभी थाने प्रभारी विहीन हो जायेंगे। पुलिस महकमे से जुड़े सूत्रों की मानें तो पुलिस लाईन में एक मात्र निरीक्षक के.के.शर्मा अपनी आमद दे चुके हैं। बताया यह भी जा रहा है कि इस फेरबदल के बाद जिलों के कई थाना क्षेत्रों में भी फेरबदल होना संभावित है। फेरबदल में कोतवाली थाना प्रभारी अजय वर्मा को मण्डी थाने का प्रभार सौंपा जाना संभावित है।

50 क्विंटल गोंद से भरा ट्रक वन विभाग ने पकड़ा, सागौन ईमारती लकड़ी सहित एक मोटर साईकिल पकड़ी


आष्टा 28 जून (नि.प्र.)। वन परिक्षेत्राधिकारी आष्टा ए.के.एस. सेंगर के निर्देशन में आर.एन.एस. नागर डिप्टी रेंजर, एम.एल. मलोठिया, नागेन्द्र सिंह वैस, घनश्याम पाण्डेय, रमेश साहू, कमल सेन, श्याम नारायण पाण्डेय, शिव सिंह गेहलोत वनरक्षक आदि ने ग्राम जताखेड़ा के पास अवैध सागौन लकड़ी 6 नग सहित सुजुकी मोटर साईकिल जप्त की वनविभाग के दस्ते को देखकर मोटर साईकिल पर सवार दोनो आरोपी अज्ञात आरोपियों के विरुध्द म.प्र. वनोपज व्यापार विनियमन अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबध्द कर मोटर साईकिल राजसात की कार्यवाही एवं प्रकरण में फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसी प्रकार इन्दौर वाहन चैकिंग वेरियर आष्टा पर कुल्लू गोंद से भरा एक ट्रक एमपी 04 जीए 0368 अवैध रुप से गोंद परिवहन करते हुए जप्त कर वन अपराध प्रकरण पंजीबध्द किया गया। ट्रक ड्रायवर पवन शर्मा निवासी राठौर मोहल्ला सीहोर द्वारा किसी अन्य ट्रक क्रमांक एमपी 04 जीए 0195 की गोड़ परिवहन करने की टीवी प्रस्तुत की गई। जिसकी जांच सैमद मुर्तजा हुसैन वनपाल द्वारा की जा रही है ट्रक जप्त कर रेंज कार्यालय आष्टा के प्रांगण में खड़ा किया गया जिसमें लगभग 2 लाख रुपये मूल्य का गोंद मय ट्रक के जप्त किया गया है। श्री सेंगर के निर्देशन में इसी प्रकार ग्राम सिध्दिकगंज के पास वनभूमि से मुरम का अवैध उत्खनन करते हुए जेसीबी मशीन एवं डम्फर जप्त किया गया था।
वनविभाग आष्टा के स्टाफ द्वारा की जा रही सघन जप्ती कार्यवाही से वन माफियाओं में हड़कम्प व्याप्त है।

हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

आष्टा 28 जून (नि.प्र.)। न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट आष्टा श्री राजेश श्रीवास्तव द्वारा सत्र प्र.क्र.20307 म.प्र. राय विरुध्द रंजीत सिंह में आरोपी रंजीत सिंह पुत्र रामा निवासी ग्राम लाखिया तहसील आष्टा को मृतक शंकरलाल की हत्या के आरोप में धारा 302 भादसं. के अन्तर्गत आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि के आरोप अन्तर्गत चार वर्ष का कारावास एवं 500 रुपये अर्थदण्ड का निर्णय पारित किया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक बी.एस. ठाकुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार था कि मृतक शंकरलला जो आरोपी रंजीत का भतीजा था के अवैध संबंध उसकी पत्नि से थे जिससे आरोपी नाराज था व दुश्मनी रखता था। आरोपी ने 28 जुलाई 07 को ग्राम लाखिया में शंकरलाल को उसके घर में रात में पत्थर से चोंट पहुँचाई जिससे वह मर गया तब मृतक के दोनो पैर रस्सी से बांधकर उसके बदन को घसीटते हुए कासम नदी लेकर गया जहाँ कुल्हाड़ी से मृतक का सिर काट कर धड़ से अलग कर दिया एवं सिर तथा धड़ को कासम नदी में साक्ष्य छिपाने के लिये फेंक दिया एवं मृतक का कम्बल व घडी क़ो अपने पास रख लिया। 30 जुलाई 07 को मृतक केशव की सूचना प्राप्त हुई तथा सिध्दिकगंज पुलिस द्वारा मौके पर पहुँचने पर सिर विहीन लाश प्राप्त हुई तथा तलाश करने के उपरांत सिर नहीं मिला।
प्रकरण में विवेचना एस.एन. पाण्डे थाना प्रभारी सिध्दिकगंज द्वारा की गई। मृतक की पहचान पिता अमर सिंह व बहन सुगन बाई ने उसकी बाडी व मृतक के हाथ में गुदे नाम ऊँ शंकरलाल को तथा उसके हाथ में बंधे नाड़े व तांबे की अंगूठी तथा पहनी हुई पेंट से की। आरोपी रंजीत को पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने के उपरांत उसके द्वारा स्वतंत्र साक्षीगणों के समक्ष हत्या कबूल करते हुए दी गई जानकारी के आधार पर मृतक के घर से गोदड़ी तकिया की खोल खून से सने हुए जप्त किये तथा आरोपी से मृतक की खून लगी बनियान, तंगिया, घड़ी, रस्सी, पत्थर व मृतक का कम्बल जप्त किया गया। स्वतंत्र अभियोजन साक्षीगण द्वारा अभियोजन पक्ष का समर्थन करते हुए न्यायालय में आरोपी द्वारा दी गई जानकारी एवं सामान जपती का समर्थन किया तथा क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में गोदड़ी एवं तकिया में मानव रक्त बी सूमह का पाया गया जो आरोपी से जप्त कुल्हाडी पर भी मौजूद पाया गया। साक्षी डाक्टर के.के.चतुर्वेदी द्वारा मृतक के धड़ एवं गर्दन जोड़ पर कटा हुआ घाव जहाँ से गैन कटी हुई थी तथा दिखाये गये हथियार कुल्हाड़ी से चोंट आना संभावित होने की न्यायालयीन कथन में पुष्टि की तथा साक्षी डॉ. ए.के.जैन द्वारा आरोपी की चोंटों का परीक्षण करने पर उसके गर्दन एवं छाती की चोंटों को जप्तशुदा रस्सी से मृतक के पैर बांधकर उसे घसीट कर ले जाने पर आने संबंधी न्यायालयीन कथन में पुष्टि की।
विद्वान न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव द्वारा प्रकरण में श्रृंखलाबध्द आई अभियोजन साक्ष्य का सूक्ष्म एवं गंभीर अवलोकन करते हुए आरोपी को दोषसिध्द पाते एवं दण्डादेश का निर्णय पारित किया। आष्टा क्षेत्र में सरकटी लाश के संबंध में दिये गये निर्णय की सराहना के साथ ही अपराधियों के लिये भय उत्पन्न होने का वातावरण निर्मित हुआ है। प्रकरण में शासन की और से अतिलोक अभियोजक बी.एस.ठाकुर द्वारा पैरवी की गई।

जब पति अपनी पत्नि को ले भागा

आष्टा 28 जून (नि.प्र.)। एक पति अगर अपनी पत्नि को ले जा रहा हो और पत्नि जोर-जोर से चिल्लायें तो चिल्लाने की आवाज सुनने वाले तो यही समझेंगे की उक्त व्यक्ति किसी महिला को जबरन भगाकर ले जा रहा है ऐसा ही अजीबो गरीब किस्सा कल शाम को सीहोर आष्टा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अमलाह के आसपास देखने को मिला।
आष्टा टीआई अतीक खान ने बताया कि देवास निवासी एक युवक जिसकी शादी सीहोर के बजरिया क्षेत्र के एक परिवार में हुई थी उसकी पत्नि अपने माता-पिता के यहाँ आई थी कल देवास से पति महोदय पत्नि से मिलने सीहोर पहुँचे और उन्होने पत्नि से कहा कि चलो मंदिर से आते हैं। पति-पत्नि ससुराल के दुपहिया वाहन पर सवार होकर मंदिर गये और पति ने मंदिर दर्शन के बाद उक्त वाहन को सुसराल के बदले देवास रोड पर मोड़ दिया तब पत्नि को समझ में आया कि ये देवास ले जा रहे हैं। अमलाह के पास पीछे से आ रही बस को रोका और दुपहिया वाहन को रोड पर खड़ाकर दोनो बस में सवार हो गये। जब ग्रामीणों ने यह सब देखा तो उन्हे लगा उक्त व्यक्ति उक्त महिला को भगाकर ले जा रहा है तो आष्टा पुलिस को सूचना कर दी। सूचना मिलते ही पुलिस सतर्क हुई आष्टा बस आई दोनो को उतारा पुलिस चौकी ले गये वहाँ पर पत्नि ने बताया हम दोनो पति-पत्नि है और ऐसा-ऐसा हुआ में मोटर साईकिल पर इनके साथ गिरते पानी से तथा इनकी जो स्थिति है उसे देखते हुए नहीं जाना चाहती हूँ बाद में सबकुछ स्थिति स्पष्ट हुई और दोनो पति-पत्नि को सीहोर भेजा गया। खबर है कि पति महाशय नशे में थे और गाड़ी पर पत्नि को ले जाने के कारण पत्नि घबरा रही थी और इस तरह एक अजीबों गरीब किस्से का आष्टा में पटाक्षेप हो गया।

राजस्थान से आ रहा अवैध मार्बल अधिकारियों की अनदेखी से आष्टा में धड़ल्ले से बिक रहा

आष्टा 29 जून (नि.सं.)। यूँ तो आष्टा में ही खनिज अधिकारियों एवं स्थानीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण रोजाना रायल्टी चोरी का निर्माण कार्यों में कई खनिज सम्पदा धड़ल्ले से बिक रही है लेकिन अब आष्टा को रायल्टी चोरी के मामले में सुरक्षित स्थान मानते हुए बाहर से कई लोग रोजाना सुबह आष्टा में मार्बल से भरे छोटे ट्रक लेकर आ रहे हैं और उन्हे बिना रायल्टी चुकाये व अन्य खानापूर्ति किये वाले-वाले बेचकर रोजाना हजारों की रायल्टी का चूना शासन को लगा रहे हैं। स्थानीय शासन के अधिकारियो को इस संबंध में कई लोगों ने अवगत भी कराया लेकिन मदमस्त अधिकारी शायद इसे पकड़ना अपने कार्य क्षेत्र में नहीं मानते हैं। नगर में रोजाना राजस्थान से मार्बल से भरे छोटे ट्रक आष्टा के विभिन्न मार्गों पर खड़े होते हैं तथा निर्माणाधीन मकान के मालिकों से उन्हे उक्त मार्बल कम से कम राशि में देकर शासन को चूना लगाते हुए निकल जाते हैं। खबर है कि कुछ लोगों ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को राजस्थान से आने वाले इन मार्बल के अधिकारियों के बारे में सूचना भी दी लेकिन कभी भी इस आई शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इससे ऐसा लगता कि इन अधिकारियों का बाहर से आने वाले इन मार्बल अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।

हत्यारे पति को आजीवन कारावास

सीहोर 28 जून (विधि सूत्र)। सत्र परीक्षण क्रं. 808 धारा 302 भादवि के मामले में अभियुक्त राकेश पुत्र गंगा प्रसाद कुशवाह निवासी इन्दौर नाका सीहोर को विद्वान सत्र न्यायाधीश श्री एम.के. भदकारिया ने दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा एवं दो हजार रुपये अर्थदण्ड का निर्णय सुनाया है।
मामले में पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक मनोज सक्सेना के अनुसार इन्दौर नाका निवासनी मृतिका डाली कुशवाह को उसके पति आरोपी राकेश कुशवाह ने दहेज को लेकर क्रूरतापूर्ण हत्या की। मामले का अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत होने पर सीजेएम न्यायालय से प्रकरण विधिवत उपार्पित हुआ। अभियोजन ने अपने 13 साक्षी पेश किये। दोनो पक्षों की अंतिम बहस सुनी।
विद्वान सत्र न्यायाधीश एम. के.भदकारिया साहब ने सूक्ष्मता से साक्ष्य विशेषण किया व 302 भारतीय दण्ड संहिता का अपराध सिध्द पाकर दोषी अभियुक्त राकेश पुत्र गंगा प्रसाद कुशवाह को अपनी पत्नि की हत्या करने के लिये आजीवन कारावास की सजा व 2000 रुपये दो हजार मात्र का अर्थदण्ड का 36 पृष्ठीय ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
राय की और से पैरवी मनोज सक्सेना एडवोकेट द्वारा की गई।

भाऊखेड़ा में आग लगने से लाखों का नुकसान

जावर 28 जून (नि.प्र.)। ग्राम भाऊखेड़ा के राम प्रसाद व उनके भाईयों के मकान में अज्ञात कारणों से लगी आग से 21 म्याल का मकान व उसमें रखा खाद बीज लकड़ी कण्डे, घास, भूसा व कृषि उपकरण जलकर राख हो गये। आग से लाखों का नुकसान होना बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को ग्राम भाऊखेड़ा के रामप्रसाद बाबूलाल, भागीरथ व सान के 21 मियाल के मकान में अज्ञात कारणों से आग लग गई थी आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड आष्टा व नगर पंचायत जावर को की गई थी। दोनो जगह से आग बुझाने के लिये फायर ब्रिगेड व टेंकर पहुँच गये थे। नगर पंचायत अध्यक्ष फूल सिंह मालवीय में बताया कि हमने आग लगने की सूचना मिलते ही नगर पंचायत का टेंकर पानी लेकर भेज दिया गया था। मैं खुद भी घटना स्थल पर पहुँच गया था और आग बुझाने में लोगों की मदद की। फायर ब्रिगेड रास्ता खराब होने के कारण नहीं पहुँच पाई। टीआई बी.के.उपाध्याय ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस के जवान भाऊखेड़ा भेज दिये थे। उपाध्याय ने बताया कि आग से जन-धन की हानि नहीं हुई। उधर भाऊखेड़ा के राम प्रसाद जिनके मकान में आग लगी थी ने बताया कि शुक्रवार को जब मकान में आग लगी उस समय घर पर कोई नहीं था घर के सदस्य जंगल में गये थे। आग से 21 मियाल का मकान उसमें रखा खाद बीज गेहूँ चना डीजल सौ लीटर ट्रेक्टर के टायर कृषि उपकरण घांस भूसा लकड़ी कण्डे सब जलकर राख हो गया आग से करीब दो-तीन लाख का नुकसान होना बताया जा रहा है।

अमरनाथ यात्रा रूकी तो मुस्लिम आतंकवादियों का बजरंग दल करेगा सफाया

सीहोर 28 जून (नि.सं.)। पवित्र अमरनाथ की यात्रा को जम्मु काश्मीर में आंतक वादियों एवं पाकिस्तान सरकार के इशारे पर वन प्रदेषण का बहाना बनाकर जम्मु काश्मीर सरकार जो खेल खेल हिन्दुओं की आस्थाओं के साथ खेल रही है वह सम्पूर्ण विश्व के हिन्दुओं के साथ जाने वाला षडयंत्र है क्योकि हिन्दुओं की आस्थाओं पर कुठारघात करके ना तो केन्द्र की सरकार ना ही जम्मु सरकार रह सकती है। जहां हिन्दु देवी-देवताओं का स्थान गांव के बाहर खेडापति हनुमान का मंदिर होता है वही हिमालय में भगवान शिव का वास वही मां वैश्णौव मॉ शारदा, मां केला देवी, मानसरोवर आदि जैसे दुर्गम और कठिन स्थानों पर ही उनका वास रहा है और उनके दर्शन के लिये हिन्दुओं को कोई भी ताकत नही रोक सकती है। अन्य धर्मा की तरह तथा मुस्लिमों की तरह किसी समतल स्थान पर बिना किसी चित्राकंन के धार्मिक स्थल नही माना जाता यदि इस प्रकार से वर्षा से रही निरबिध् रूप से चली आ रही अमर नाथ यात्रा पर बाधा उत्पन्न की गई और केन्द्र सरकार ने उनसे तत्काल हस्तक्षेप कर पूर्व की तरह सुचारू रूप से यात्रा प्रारंभ करने में सहयोग नही दिया तो विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल मात्र शक्ति दुर्गा वाहिनी तथा अन्य सनातन धर्मावलम्बियों के सहयोग से सम्पूर्ण भारत वर्ष मे जगह जगह पर आंदोलन किया जायेगा। आंदोलन के चलते देश मे होने वाली सम्पूर्ण छति की जवाबदारी केन्द्र की सरकार एवं जम्मु कश्मीर की सरकार की होगी। देश के प्रधानमंत्री महामहिम राष्ट्रपति तत्काल जम्मु कश्मीर की सरकार को बर्खास्त कर वहां पर फोज के हवाले करने का आग्रह किया गया।
उक्त प्रेस विज्ञप्ति विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल विभाग मंत्री अजीत शुक्ला द्वारा जारी करते हुए कहा गया कि एक बार 1994 में भी वहां के मुस्लिम आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा के अवरोध उत्पन्न करने प्रयास किया था लेकिन भारत के लाखों बजरंगीयों ने जम्मु कश्मीर सरकार और आतंकवादियों को चुनौती देकर यात्रा निर्भिग रूप से सम्पन्न कराई थी। केन्द्र सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर जम्मु कश्मीर तथा आतंकवादियों के दबाव में ना आकर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था कर यात्रा जारी रखने की मांग की गई है तथा यात्रा पर बाधा उत्पन्न करने कटु शब्दों में निंदा की है निंदा करने वालों में प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद विभाग मंत्री अजीत शुक्ला, संत समिति के प्रांतीय सदस्य महावीर दास,जिला संत प्रमुख संत प्रमुख नारायण दास गौ संवर्धन प्रांत उपाध्यक्ष दिग्विजय सिंह यादव, विभाग संयोजक सत्येन्द्र वेश्य, अध्यक्ष अतुल राठौर, जिला मंत्री रामेश्वर जाट, कोषाअध्यक्ष मनोज आर्य, जिला संयोजक जगदीश कुशवाह, सम्रस्ता प्रमुख राजेन्द्र सिंह ठाकुर, मात्र शक्ति प्रमुख मधु यादव, यशोवर्धन शुक्ला, हरिप्रसाद शर्मा, विक्रम सोनानिया, डा. नरेन्द्र चन्द्रवंशी, मांगीलाल ठाकुर, जमना प्रसाद मीणा, मनोहर यादव, ज्ञानसिंह मेवाड़ा, हुकमसिंह जाट, रामगोपाल गौर, शंकर ठाकुर, मुकेश परमार, द्वारका प्रसाद कुशवाह, पुरूषोतम मीणा, प्रेमसिंह, ज्ञानसिंह ठाकुर, कन्हैया पाटीदार, नीतिन गुप्ता, राहुल बंसल, सुरज,राजकुमार जैन, लक्की मालवीय, जे.पी. संतोष पाटीदार, बबलू पाल, देवेश कन्ना, बिन्ना, मनोज विश्वकर्मा, विकास राठौर, अनिल सत्येन्द्र वारिया, नरेन्द्र मेवाड़ा, देवेन्द्र सेंगर, देवेन्द्र कुशवाह, महेश, सुरेश, दिनेश आदि जिले के समस्त हिन्दु संगठनों के कार्यकर्ताओ ने निंदा करते हुए चेतावनी दी है।

उद्धाटन की बाट जो रहा ग्वाला का उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन

जावर 28 जून (नि.प्र.)। नजदीकी ग्राम ग्वाला में चार लाख की लागत से बना उपस्वास्थ्य केन्द्र एक वर्ष से उद्धाटन की बाट जा रहा है। इस उपस्वास्थ्य केन्द्र से करीब दस गांव जुड़े हैं, वर्तमान में स्वास्थ्य केन्द्र किराये के भवन में लग रहा है उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पहले जेल के सांसद कैलाश जोशी क्षेत्र के दौरे पर आये थे तब सरपंच की मांग पर सांसद जोशी ने ग्वाला में उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन के लिये सांसद निधि से चार लाख रुपये दिये थे। लेकिन एक वर्श से भवन बनकर तैयार खड़ा है इंतजार है तो बस उद्धाटन का। ग्वाला के सरपंच सलीम खान ने बताया कि उप स्वास्थ्य केन्द्र का भवन तो बनकर तैयार है लेकिन जनता को उक्त भवन का लाभ नहीं मिल रहा है।
वर्तमान में उपस्वास्थ्य केन्द्र किराये के भवन में लग रहा है। इस उपस्वास्थ्य केन्द्र के अनतग्रत ग्वाली, पांचापुरा, बरहापुरा, चिंतामनपुरा, बादा गुराड़िया, खेजड़ाखेड़ा, पीपलिया, सलारसी, सतबड़ा आदि गांव आते हैं। हमने स्वास्थ्य विभाग को भवन बनकर तैयार होने की सूचना पूर्व में ही दे चुके हैं। खान का कहना है कि उक्त स्वास्थ्य भवन का जल्दी उद्धाटन हो जाता है तो लोगों को इसका लाभ मिलने लगेगा।

चन्दन डोले को लेकर नपा.कर्म.मे आक्रोश फूटा

आष्टा 28 जून (नि.प्र.)। नगर पालिका में कार्यरत चंदन डोले शोध सहायक ने अपनी मनमरजी का राज स्थागित कर रखा है, सीएम ओ दीपक राय भी उन्हें कट्रोल करने में अपने आपको असहाय पा रहे है, कारण कि डोले जी भोपाल में मंत्री जी के बंगले से किसी अधिकारी कर्मचारी से फोन करवा देते हैं और डोले सा0 का वेतन पेमेंट हो जाता है काम के नाम सिपर है।

बताया जाता है कि चंदन डोले शोध सहायक न0पा0 में कोई भी काम कभी कार्यालय आ जाते है और पिछलें सभी कार्य दिवस के हस्ताक्षर कर तफरी कर, दो चार शिकायतें सीएमओ की सीएम तक भेजकर चले जातें है और फिर भोपाल से मंत्री जी के बंगले से किसी अफसर से फोन लगवा देते है, जिससे सीएमओ को कार्यवाही नही क रने के लिए मजबूर कर देते है इनका वेतन लगभग 600 रू प्रतिदिन है। पिछले दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण में जब श्री डोले की डयटी लगाई गई तो आदस से मजबूर डोले चार दिन गोल मार गये जब काम पिछे हो गया तो अपनी डि्वटी हटवाने के लिए भोपाल से फोन लगवा दिया और फिर गैर हाजिर हो गए, जिसका फायदा यह हुआ कि इनकी डयूटी हटा ली गई काम पीछे कर दूसरे कर्मचारी को काम दे दिया गया, वेतन निकालना जरूर नही भूलते हैं डोले जी, काम का कह दो तो दुनिया भर पंचायत लगा लेते है।

चंदन डोले के रवैया से क्षुब्ध होकर न0पा0 नगर पालिका के कर्मचारियों ने अध्यक्ष कैलाश परमार तथा सीएमओ दीपक राय को ज्ञापन दिया है कि डोले पर काम नही तो वेतन नही का सिंद्धान्त लगाकर वेतन भुगतान पर रोक लगाई जाए तथा विभागीय कार्यवाही की जाए, क्योकि न0पा0स्वायत्त शासी निकाय है, सभी कर्मचारी मेहनत कर वेतन जीपीएफ वसूली आदि कार्य कर इंतजाम करते है तो श्री डोले जी सभी को चकमा देकर बिना काम किए वेतन लेकर भोपाल भाग जाते है। मदन किलोदिया, फारूख हसन, रशीद जेडी गुप्ता एचओ. नागर अनिरूद्ध लेखापाल, हबीब असलम, अरूणा सोनी, कप्तान सिंह, कैलाश श्रीवास्तव, शांतिलाल फूलसिंह, कमल किशोर, अजय द्विवेदी आदि ने ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है।

श्रीमति भगवान कौर सेठी को श्रद्धांजली

सीहोर 28 जून (नि.सं.)। आज स्थानीय गुरूद्वारा के सभाहाल में सिख समाज के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह अरोरा मिन्दी की अध्यक्षता में एक शोकसभा आयोजित कर समाज के सदस्य कुलदीप सेठी की माताजी श्रीमति भगवान कौर के आकस्मिक निधन पर गुरूग्रंथ साहिब के चरणों में अरदास कर भगवान कौर की आत्मा की शांति हेतु दो मिनिट का मौन धारण कर श्रद्धांजली अर्पित की गई।

जिसमे मुख्य रूप से गुरूचरण सिंह हीरा,जसपाल सिंह अरोरा, गुरू चरण सिंह सेठी, राजेन्द्र सिंह लामा, कर्नलसिंह बग्गा, गुरजीत सिंहदुआ, उजागरसिंह राजपाल, त्रिलोक सिंह राजपाल, जसवंतसिंह राजपाल, हरभजन सिंह उप्पल, महेन्द्र सिंह छाबड़ा गुडडू, पपिन्दर सिंह खनुजा, जोरावरसिंह राजपाल, किशनसिंह रात्रता, चरणजीत सिंह रतन, चरणजीतसिंह चन्ना भैया, गुरमीत सिंह राजपाल, गुरूवच्चन सिंह सलूजा, देवेन्द्र सिंह राजपाल, जसविन्दर सिंह, प्रताप सेवादार, अर्जुन सिंह चावला, चरणजीत लम्बा, गुरूचरण सिंह चावला आदि सिख समाज ने श्रीमति भगवान कौर को अपनी श्रद्धांजली अर्पित की।

Saturday, June 28, 2008

हजारों लोग परेशान, जमीन तो है पर मालिक नहीं बन पा रहे, मंत्री जी के फोटो के कारण बहियाँ नहीं बनाई जा रही किसानों की

खास खबर
सीहोर 27 जून (विशेष सं.)। एक माह से अधिक समय होने को आया, तहसील कार्यालय में जमीन की बहियाँ बनाना बंद कर दिया गया है। सैकड़ों किसान जमीन की बही बनवाने के लिये चक्कर लगा रहे हैं लेकिन यहाँ पटवारी उन्हे बिना कोई स्पष्ट कारण बताये बार-बार टाल देते हैं। बही बनाना बंद कर देने से किसानों को दिक्कत आ रही है। इतना ही नहीं सिर्फ बहियाँ बनने से रुक जाने के कारण ही नामांतरण दाखिल खारिज का काम भी बंद पड़ा हुआ है। कुल मिलाकर जमीन के मामले में हर कोई परेशान है।
पिछले दो साल से जमीनों के सौदों का काम उस गति से हुआ है जितना कभी कल्पना भी नहीं की गई थी। हजारों की जमीन लाखों में और लाखों की जमीन के सौदे करोड़ों रुपये में हो चुके हैं। हर गांव में जैसे कोई एक काम ही शुरु हो गया है कि जमीन बेचों और ऐश करो क्योंकि हजारों रुपये की जमीन के भाव जब लाखों रुपये मिलेंगे तो कौन जमीन नहीं बेचेगा।
नगर के जमीन मामले में बड़े-बडे ख़ाईवाल, सौदागर और प्रापर्टी ब्रोकरों का करोड़ो रुपया जमीनों के सौदों में उलझा हुआ है। ऐसे में अब अचानक विगत एक माह से तहसील कार्यालय से राजस्व विभाग द्वारा जमीन की बहियां बनाने का काम बंद कर दिये जाने से किसान उलझन महसूस कर रहे हैं।
पटवारी कर रहे टालमटोल
विगत मई माह के दूसरे पखवाड़े के बाद से जिले भर में बहियां बनाने का काम बंद कर दिया गया है। बही क्यों नहीं बनाई जा रही है यह बात आम व्यक्ति को नहीं बताई जाती लेकिन बही बनाने के नाम टालम टोल होता रहता है। और विशेषकर ग्रामीणजन पटवारियों के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं कि साहब बही बना दो।
दाखिल खारिज भी नहीं हो रहा
बही बनाने का काम रोकने के साथ ही यहाँ विशेषकर जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय में नामांतरण का कार्य भी रुका पड़ा है । कहा जाता है कि जब बही बनेगी तो नामांतरण भी हो जायेगा। अब न बही बन रही है और ना ही नामांतरण हो रहा है। नामातंरण (दाखिल खारिज) नहीं होने से भी जमीन खरीदने-बेचने वालों की दिक्कत बड़ी हुई है।
किसान हैं भयभीत
बही नहीं बनने और दाखिल खारिज होने के कारण किसान वर्ग भयभीत रहता है, उसे भय सताता रहता है कि आखिर उसने जो जमीन का सौदा किया है उसकी पक्की लिखा पढ़ी नहीं हुई तो कहीं दिक्कत ना आ जाये इस कारण वह पटवारियों के चक्कर लगाता रहता है और पटवारी उसे वास्तविक स्थिति बताये बिना चक्कर लगवाते रहते हैं।
आया है ऊपर से आदेश
असल में विगत मई माह के दूसरे पखवाड़े से बही बनाने का काम इसलिये बंद कर दिया गया है क्योंकि जो बही पुस्तिका थी उसमें प्रदेश के सम्मानीय नेताओं के फोटो छाप दिये गये थे इसको लेकर एक वाद माननीय उच्च न्यायालय में लगा था और इसके बाद ही प्रदेश शासन का एक पत्र हर जिला मुख्यालय पर आया है कि आगामी आदेश तक बही बनाने का काम रोक दिया जाये।
हालांकि पत्र में यह नहीं लिखा है कि कब बही नहीं बनाई जाये अथवा वही बनाना क्यों रोका गया है। लेकिन इस पत्र के आने के बाद से ही बही नहीं बन रही है।
क्या कहते हैं तहसीलदार साहब- सीहोर मुख्यालय के तहसीलदार राजेश शाही ने इस संबंध में फुरसत को बताया कि विगत 24 मई को हमें एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें उल्लेख था कि बही बनाने पर प्रतिबंध लगाया जाये, हमने आदेश के पालन स्वरुप बही बनाने का कार्य रोक दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि अब चालू होगा बही बनाने का काम तो श्री शाही ने कहा कि आगामी आदेश की प्रतीक्षा है, हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होने शासन द्वारा बही बनाना क्यों रोका गया इस प्रश् का कोई उत्तर नहीं दिया। श्री शाही ने माना की परेशानी तो रही होगी लेकिन क्या किया जा सकता है, उन्होने कहा जैसे ही बही बनाने के आदेश आ जायेंगे तत्काल बही बनाना प्रारंभ कर दी जायेगी। अब देखना है कब तक बहियां बनना शुरु होती हैं...।

जब भोपाल के अधिकारी के दिये रु. में ही कमीशन खा गये सीहोरी कर्मचारी खुसूर-फुसुर

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। नगर पालिका में कमीशन खाने की ऐसी आदत कुछ कर्मचारियों को हो गई है कि वह कई बार तो घर के लिये दाल-सब्जी खरीदने जाते हैं तो उसमें भी दुकानदार से पूछते हैं कि तुम्हारे यहाँ से खरीदने में हमें क्या लाभ होगा ? ऐसे ही एक कर्मचारी ने तब हद कर दी जब नगरीय प्रशासन विभाग एक वरिष्ठ अधिकारी सीहोर आये हुए थे और वह उनकी जबरिया सेवा खुशामद में लगा हुआ था, अधिकारी ने इसे ठीक-ठाक व्यक्ति समझक र एक जरा-सा सामान लाने के लिये काम सौंपा और ईमानदारी का परिचय देते हुए सामान के लिये रुपये भी दे दिया। सामान लाने वाले कर्मचारी ने आदत अनुसार इसमें भी बड़ा घपला कर डाला जबकि इसकी भनक भोपाल के अधिकारी को लगी तो उन्होने करीब आधे घंटे तक उसकी इतनी खरी-खोटी सुनाई की बस...अब इस घटना की चर्चाएं नगर पालिका में हास्य का कारण बने हुए हैं।
पिछले दिनों एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी का असामायिक निधन हो गया था। इनके एक पुत्र भोपाल नगरीय प्रशासन विभाग के एक अधिकारी के रुप में कार्य करते हैं वह अपने इसी तारतम्य में सीहोर आये। यह जब सीहोर आये तो नगर पालिका के वरिष्ठ और कुछ खास कर्मचारी इनके यहाँ गमी में बैठने भी गये। इन्होने इतना दुख प्रकट किया कि लगा मानों इन लोगों को भारी दुख हुआ है, फिर तो जब तक अधिकारी जी सीहोर रहे यह अधिकारी लगातार यहीं इनके आसपास मंडराते रहे और सेवा का अवसर देने को कहते रहे। इन्होने अधिकारी के घर में कुछ नल फिटिंग गड़बड़ थी तो उसे भी ठीक करा दिया, कुछ और काम करने का भी प्रयास किया। अधिकारी जरा ईमानदार किस्म हैं इसलिये वह कोई विशेष सेवा तो लेते ही नहीं। हाँ उन्हे घर में एक सिंटेक्स की टंकी चाहिये तो इसके लिये उन्होने एक कर्मचारी को नगद रुपये और कहा कि टंकी ला दो।
अब अधिकारी जब टंकी लेने गया तो यह भूल ही गया कि काम अधिकारी जी का कर रहा है, अपने आदत अनुसार वह जितने का माल था उससे यादा का बिल ले आया, और बिल थमा दिया। अधिकारी ने जब दूसरे दिन बाजार में सिंटेक्स के भाव पता करे तो वह अचरज कर बैठे, क्योंकि उनके यहाँ डेढ़ गुने भाव में टंकी लाई गई थी, उन्होने तत्काल नगर पालिका के उस कर्मचारी को बुलाया और उसकी लू उतार दी, खूब खरी-खोटी सुनाई। नाराज अधिकारी अच्छी तरह उसे कान के कीडे झाड़ दिये और कमीशन खाने वाला सीहोर नगर पालिका का कर्मचारी नीचे मुँह करके सुनता रहा।
अब जबसे यह किस्सा नगर पालिका के कर्मचारियों को पता चला है वह चटखारे ले-लेकर मजे ले रहे हैं, और एक दूसरे को सुना भी रहे हैं कि देखो वो अधिकारी के रुपय में ही कमीशन ले बैठा।

सर्वे कार्य में लापरवाही बरतने पर दो पटवारी निलंबित

जावर 27 जून (नि.प्र.)। इस वर्ष फरवरी माह में पड़ी अधिक ठंड व पाला से क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई गेहूँ चने की फसल जल गई थी जिससे किसानों को लाखों करोड़ो रुपये का नुकसान हो गया था बाद में जली फसल का सर्वे कर उचित मुआवजा देने की मांग किसानों द्वारा उठाई गई थी। इसके बाद प्रशासन में क्षेत्र के हल्का पटवारियों को पाला ठंड से जली फसल का सर्वे कार्य करने के निर्देश दिये थे लेकिन जावर टप्पा क्षेत्र के कुछ पटवारियों ने तो सर्वे कार्य में इतना भेदभाव किया कि कई किसानों जिसकी सही में फसल जली थी उनके खेतों का सर्वे ही नहीं किया गया।
उनके सूची तक में नाम नहीं आये और जिन किसानों ने पटवारी से सेटिंग कर ली थी उन्हे भरपूर मुआवजा राशि मिल गई लेकिन जिन किसानों के खेतों का पटवारी द्वारा सर्वे नहीं किया गया था फिर पटवारी द्वारा लापरवाही बरती गई उनकी शिकवा-शिकायत का दौर चला। हल्का नं. 9 व 6 के किसानों ने एसडीएम को शिकायत की। एसडीएम ने किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार एमडी शर्मा से जांच करवाई जांच के बाद हल्का नं. 9 के भूपेन्द्र सिंह व 6 के गुलाब सिंह निलंबित हो गये हैं। इस तरह सर्वे कार्य में लापरवाही बरतने पर टप्पा क्षेत्र के दो पटवारियों को निलंबित किया जा चुका है।
कृषक विजेन्द्र सिंह का कहना है कि इस वर्ष ठंड व पाले से गेहूँ चने की फसल का सर्वाधिक नुकसान हुआ था लेकिन कुछ पटवारियों द्वारा सर्वे कार्य में इतनी लापरवाही बरती गई की कई किसानों के तो सर्वे सूची से नाम ही गायब कर दिये और कई किसानों जिनसे पटवारी की सेटिंग हो गई थी उन्हे पटवारी ने भरपूर मुआवजा राशि के चेक दिलवा दिये। जिन किसानों के सर्वे सूची में नाम नहीं हैं वह फिर से तहसील में आवेदन दे रहे हैं और छूटे खेतों का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलवाने की मांग कर रहे हैं। तहसीलदार एमडी शर्मा ने बताया कि ठंड व पाले से हुए नुकसान के सर्वे कार्य में लापरवाही बरतने पर टप्पा क्षेत्र के दो पटवारी को अभी तक निलंबित किया जा चुका है।

ट्रक ने मारुती को टक्कर मारी, 4 घायल

आष्टा 27 जून (नि.सं.)। आज शाम को किलेरामा के पास इन्दौर से सागर जा रही मारुती क्रमांक एमपी 09 डीए 4577 को ट्रक क्रमांक 5582 के चालक ने ट्रक को लापरवाही पूर्वक चलाते हुए मारुती को टक्कर मार दी ।
मारुती में सवार कमल जैन, महेन्द्र जैन, शिखर जैन एवं चालक दीपक मराठा गंभीर रुप से घायल हो गये। जिन्हे आष्टा सिविल अस्पताल लाये यहाँ प्राथमिक उपचार के बाद इन सभी को इन्दौर रेफर कर दिया। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

चमत्कारी कलयुग के देवता बाबा राम देव मंदिर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए

आष्टा 27 जून (नि.प्र.)। सुबह 7 बजे आरती, सुबह 9 बजे से अभिषेक, बाबा रामदेव जी पंचमुखी शिवलिंग एवं गणेश भगवान का अभिषेक का समाजसेवी श्री वल्लभ दास जी बैरागी परिवार एवं प्रेम राय मामा परिवार द्वारा महेश पटेल गुजराती परिवार एवं दशरथ सिंह जी गिरदावर दीपक राजपूत द्वारा किया गया 11.30 बजे प्रेम राय परिवार द्वारा ध्वजारोहण का आयोजन किया गया। दोपहर 12 बजे आरती का आयोजन किया गया।
दोपहर 2 बजे से महिला मण्डल भक्ति नृत्य संगीत का आयोजन किया गया। दीपदान का आयोजन गायत्री परिवार द्वारा किया गया।
रात्रि 8 बजे से महाआरती का आयोजन रखा गया। मॉ वैष्णवी म्युजिकल ग्रुप आष्टा द्वारा संगीतमय भजन की प्रस्तृति लव-कुश बंधुओं द्वारा आकर्षक प्रस्तृति की गई, यह कार्यक्रम रात 9 बजे तक चला।
इसमे सुहागमल जी राठौर, उमेश पांडे, राजा पारख, अवधनारायण सोनी, प्रेम गोस्वामी जी वशिष्ठ, दीपक राजपूत, पप्पू मेवाड़ा, पूर्व संसदीय सचिव अंजीतसिंह एवं एच.के.परमाल भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में समाजसेवी बैरागी जी द्वारा सांई कॉलोनी गरबा मण्डल को पुरूस्कार वितरित किये गए एवं प्रेम राय मामा, राजा पारख ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।

चमत्कारी कलयुग के देवता बाबा राम देव मंदिर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए

आष्टा 27 जून (नि.प्र.)। सुबह 7 बजे आरती, सुबह 9 बजे से अभिषेक, बाबा रामदेव जी पंचमुखी शिवलिंग एवं गणेश भगवान का अभिषेक का समाजसेवी श्री वल्लभ दास जी बैरागी परिवार एवं प्रेम राय मामा परिवार द्वारा महेश पटेल गुजराती परिवार एवं दशरथ सिंह जी गिरदावर दीपक राजपूत द्वारा किया गया 11.30 बजे प्रेम राय परिवार द्वारा ध्वजारोहण का आयोजन किया गया। दोपहर 12 बजे आरती का आयोजन किया गया।
दोपहर 2 बजे से महिला मण्डल भक्ति नृत्य संगीत का आयोजन किया गया। दीपदान का आयोजन गायत्री परिवार द्वारा किया गया।
रात्रि 8 बजे से महाआरती का आयोजन रखा गया। मॉ वैष्णवी म्युजिकल ग्रुप आष्टा द्वारा संगीतमय भजन की प्रस्तृति लव-कुश बंधुओं द्वारा आकर्षक प्रस्तृति की गई, यह कार्यक्रम रात 9 बजे तक चला।
इसमे सुहागमल जी राठौर, उमेश पांडे, राजा पारख, अवधनारायण सोनी, प्रेम गोस्वामी जी वशिष्ठ, दीपक राजपूत, पप्पू मेवाड़ा, पूर्व संसदीय सचिव अंजीतसिंह एवं एच.के.परमाल भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में समाजसेवी बैरागी जी द्वारा सांई कॉलोनी गरबा मण्डल को पुरूस्कार वितरित किये गए एवं प्रेम राय मामा, राजा पारख ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।

चमत्कारी कलयुग के देवता बाबा राम देव मंदिर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए

आष्टा 27 जून (नि.प्र.)। सुबह 7 बजे आरती, सुबह 9 बजे से अभिषेक, बाबा रामदेव जी पंचमुखी शिवलिंग एवं गणेश भगवान का अभिषेक का समाजसेवी श्री वल्लभ दास जी बैरागी परिवार एवं प्रेम राय मामा परिवार द्वारा महेश पटेल गुजराती परिवार एवं दशरथ सिंह जी गिरदावर दीपक राजपूत द्वारा किया गया 11.30 बजे प्रेम राय परिवार द्वारा ध्वजारोहण का आयोजन किया गया। दोपहर 12 बजे आरती का आयोजन किया गया।
दोपहर 2 बजे से महिला मण्डल भक्ति नृत्य संगीत का आयोजन किया गया। दीपदान का आयोजन गायत्री परिवार द्वारा किया गया।
रात्रि 8 बजे से महाआरती का आयोजन रखा गया। मॉ वैष्णवी म्युजिकल ग्रुप आष्टा द्वारा संगीतमय भजन की प्रस्तृति लव-कुश बंधुओं द्वारा आकर्षक प्रस्तृति की गई, यह कार्यक्रम रात 9 बजे तक चला।
इसमे सुहागमल जी राठौर, उमेश पांडे, राजा पारख, अवधनारायण सोनी, प्रेम गोस्वामी जी वशिष्ठ, दीपक राजपूत, पप्पू मेवाड़ा, पूर्व संसदीय सचिव अंजीतसिंह एवं एच.के.परमाल भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में समाजसेवी बैरागी जी द्वारा सांई कॉलोनी गरबा मण्डल को पुरूस्कार वितरित किये गए एवं प्रेम राय मामा, राजा पारख ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।

चन्दन चोर रंगे हाथों गिरफ्तार

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। अहमदपुर थाना पुलिस ने गत दिवस ग्राम चरनाल आम रोड पंचायत भवन के समीप से तीन सदस्यीय चन्दन चोरों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर 40 किलो चन्दन की लकड़ी एवं नगदी 6852 रुपये बरामद किये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अहमदपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की वाहन आर.जे. 14 सीबी 0266 में कुछ संदिग्ध व्यक्ति जा रहे हैं। मुखबिर की इस सूचना पर सउनि बीएन. द्विवेदी अपने स्टाफ के साथ ग्राम चरनाल पहुँचे तभी सामने मुताबिक सूचना के उक्त वाहन आता दिखा जिसे रोककर पुलिस ने चालक का नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम गोवर्धन पुत्र भेरु राम नायक निवासी जुगलपुरा जयपुर का होना बताया तथा वाहन के अन्दर पीछे बैठे व्यक्तियों ने अपना नाम कमामुद्दीन पुत्र कासिम खां निवासी सीढ़ो मुकुंतीगढ़ हाउस एससी रोड जयपुर राजस्थान व अमीन खां पुत्र खलील खां निवासी मुख्तयार नगर दोराहा का होना बतायें। पुलिस द्वारा वाहन की तलाशी ली गई तो वाहन के दो प्लास्टिक के बोरियों में 20 किलो चन्दन की लकड़ी तथा वाहन की डिग्गी में 20 किलो चन्दन की लकड़ी मिली जिनके संबंध में पूछताछ की जाने पर कोई संतोष प्रद उत्तर नहीं मिला ।
वाहन में सवार लोगों की तलाशी पर नगदी 6852 रुपये भी मिले हैं। जिन्हे विधिवत जप्त कर उक्त तीनों लोगों का कृत्य चन्दन की चोरी कर अवैध रुप से परिवहन करना पाया जाने पर इन्हे गिरफ्तार कर भादवि की धारा 379 एवं वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में आज जेल भेज दिया गया है।

स्व-रोजगार ऋण प्रदान हेतु अरोरा के नेतृत्व में महिलाओं ने ज्ञापन सौंपा

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। ग्राम खाई खेड़ा की अनेकों महिलाओं ने स्वरोजगार ऋण तथा गरीबी रेखा में नाम जोडने जाने के संबध में म.प्र. पंचायत राज संगठन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जसपाल अरोरा ब्लाक कांग्रेस कमेटी सीहोर की अध्यक्ष श्रीमति उतराधीमान एवं मध्य कांग्रेस कमेटी अनुसुचित जाति विभाग के प्रबंधक कार्य कारणी सदस्य भोपाल होशगाबाद संभाग के प्रभारी नरेन्द्र खांगराले के नेतृत्व में अति कलेक्टर भावना बालिमी को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर प्रमुख रूप से सम्पतबाई ठाकुर, श्यामावती दांगी, लीलाबाई विश्वकर्मा, मोरबाई दांगी, शेरबती दांगी, गायत्री दांगी, हल्की बाई दांगी, कमला दांगी, पार्वती बाई दांगी, गुलाब दांगी, कौमल दांगी, दिलीप जांगड़ा, इत्यादि लोग प्रमुख थे।

विद्युत प्रवाह से विवाहिता सहित दो की मौत

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। जिले के मण्डी एवं आष्टा थाना क्षेत्र में विद्युत प्रवाह से एक विवाहिता सहित एक बालक की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मण्डी थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम धनसौदा निवासी संतारेष की 30 वर्षीय पत्नि पवित्राबाई आज अपने खेत में सब्जी लगा रही थी तभी उसे करंट लग गया जिसे परिजन उपचार हेतु अस्पताल लाये जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर आष्टा थाना क्षेत्र के ग्राम भंवरा में गुरुवार को करण सिंह पंवार का 5 वर्षीय पुत्र बिजली करंट लगने से मर गया। बताया जाता है कि बालक गोविंद गांव में खेलते समय बिजली का खम्बा पकड़ लिया था तभी उसे अचानक करंट लग गया।

मवेशियों से भरा 407 कट्टा जप्त

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। सिध्दिकगंज पुलिस ने गत दिवस कन्नौद रोड आष्टा से मवेशियों से भरा एक 407 कट्टा से जप्त किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिध्दिकगंज पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की एक 407 कट्टा एमपी 09 जी.ई. 0146 के क्रूरतापूर्वक मवेशियों को भरकर खातेगांव ले जा रहा है। इस सूचना पर पुलिस ग्राम खाचरोद आष्टा कन्नौद रोड पर पहुँचकर उक्त 407 कट्टा को चेक किया तो इसमें 5 नग बेल पाये गये पुलिस को देख 407 कट्टा चालक वाहन को छोड़कर भागने में सफल हो गया। पुलिस ने 407 क ट्टा को जप्त कर चालक के विरुध्द पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण कायम कर लिया है।

कालिदास संस्कृति के मकरंद को साहित्य के कलश में प्रस्तुत करते हैं-शुक्ल

सीहोर 27 जून (नि.प्र.)। संसार की सबसे बडी लाटरी हम मनुष्यों को मिली है, 84 लाख योनियाँ हैं उनमें से हमें मनुष्य होने की लाटरी खुली है। इसी प्रकार अरबों गृह नक्षत्र हैं जिनकी गिनती संभव नहीं है लेकिन मनुष्य रुपी चेतना का समूह सिर्फ इसी पृथ्वी पर है यह हमारा सौभाग्य है। यह सब पर्यावरण की देन है। इसी पृथ्वी पर ऐसा पयार्वरण है कि यहाँ जीवन संभव है। भारतीय वैदिक साहित्य को यदि पर्यावरण का साहित्य कहा जाये तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी।

उपरोक्त व्याख्यान अंश जबलपुर से पधारे संस्कृति के विद्वान रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर संस्कृति विभाग आचार्य प्रो. कमल नयन शुक्ल के हैं। श्री शुक्ल यहाँ कालिदास संस्कृत अकादमी उजैन म.प्र. संस्कृति परिषद द्वारा आयोजित लोकप्रिय व्याख्यानमाला 'सारस्वतम्' में अपना व्याख्यान दे रहे थे। व्याख्यानमाला स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर सीहोर में रखी गई थी। श्री शुक्ल ने राष्ट्रकवि कालिदास की पर्यावरण चेतना विषय पर आगे कहा कि हरी हरी धरती को ही सरल शब्दो में हम पर्यावरण कह सकते हैं। हमारे ऋषि मुनि जो जंगलों में रहते थे वह इतने गये गुजरे नहीं थे कि जो जंगल में रहकर पर्यावरण की बात नहीं करते। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण में उपस्थित हर वस्तु को देवता के स्थान पर रखा गया है। आज भी एक कृतज्ञ भारतीय व्यक्ति जब नींद से उठता है तो देवता को प्रणाम करता है और धरती माता के चरण स्पर्श करता है। ईश्वर को धन्यवाद देता है। पाप-पुण्य की अवधारणा भी पर्यावरण से जोड़ी गई है। हमारे यहाँ कहा गया है कि पेड़ लगाओगे तो पुण्य मिलेगा और काटोगे तो पाप।

जब देवगण पेड़ में छुपे

पेड़ देवमय हो गये

श्री शुक्ल ने कालिदास का उल्लेख करते हुए कहा कि अभिज्ञान शकुंतलम की मंगलाचरण से ही शुरुआत हुई है और मंगलाचरण में अष्टमूर्ति के रुप में प्रकृति के तत्वों का वर्णन है, उसमें हिमालय को देवतात्मा कहा गया है। एक कहानी मिलती है कि जब दानव हावी हो गये तो समस्त देवगण छुपने के लिये पेड़ों में चले गये। उस समय सूर्य देवता नीम में, पीपल में विष्णु और ऐसे ही अलग-अलग देवता अलग-अलग वृक्षों में छुपे और लम्बे समय तक वृक्षों में रहने के कारण पेड़ भी देवतामय हो गये। हमारे यहाँ तो कहा जाता है कि देवी को प्रसन्न करने के लिये नीम की पूजा करो या ब्रह्मा जी का वास वटवृक्ष में माना जाता है।

श्री शुक्ल ने किसी प्रकार भारतीय संस्कृति प्रकृति से जुड़ी हुई है इसके उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे सामने हाथी आते ही गणेश जी, मोर को देखते ही कार्तिकेय, बंदर में हनुमान जी, उल्लू में लक्ष्मी जी, हंस को देखते माँ सरस्वती, घोड़ा दिखते ही सूर्य का वाहन के रुप में स्मरण हो आता है। हमने तो गिध्द से भी गिध्द दृष्टि और कुत्ते से भी वफादारी सीखी हैं।

कबूतर का रोचक प्रसंग

लेकिन आज न सिर्फ प्राकृतिक प्रदूषण एक समस्या है बल्कि इससे बढ़कर मानसिक प्रदूषण बढ़ गया है। आज लोग कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं और दिखाते कुछ और । एक रोचक प्रसंग सुनाते हुए श्री शुक्ल ने बताया कि एक वकील अपनी पत्नि के साथ टहल रहा था तो सामने ही एक कबूतर गुटर-गूं गुटर गूं करता मिला, वकील ने विद्वता झाड़ते हुए कह दिया कि यह देखो कबूतर है। पत्नि ने तपाक से कहा कि यह कबूतरी है। पति फिर बोला नहीं यह कबूतर है लेकिन पत्नि नहीं मानी, दोनो में विवाद हो गया तभी सामने से एक पंडित जी आते नजर आये, पति ने अपनी समस्या इन्हे सुनाई कहा कि सुबह-सुबह जबरन विवाद हो गया है आप हल कर दें। पंडित ने कहा यह कौन-सी बड़ी समस्या है, उसने झोले में रखे कुछ अनाज के दाने निकाले और कहा जाओ उसके सामने पटक दो, यदि वो चुगता है तो समझो कबूतर है, यदि वो चुगती है तो समझना की कबूतरी है, यह कहकर पंडित जी चले गये। श्री शुक्ल ने कहा कि यही स्थिति आज प्रसंगवश सरकार की भी है जो किसी समस्या को ठोस हल निकालने को तैयार नहीं है।

जब अकबर पर पिताजी नाराज हो गये

श्री शुक्ल ने कहा कि माँ के दूध के बाद चूंकि गौमाता का दूध ही सबसे पहले आहार के रुप में हमे दिया जाता है और फिर जीवन पर्यंत धरती पर उगा अन्न हम गृहण करते है इसलिये गौ को भी माता और धरती को भी माता कहा गया है। उन्होने एक और किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक बारगी अकबर-बीरबल जंगल में घूमने गये तो अकबर ने रास्ते में दिखे तुलसी के पौधे को लेकर चिढाने के लिये बीरबल से कहा कि यह तुम्हारी तुलसी माता हैं, और यह कहकर उसने तुलसी को पूरा हाथ से कुचल दिया और दोनो हाथों पर पत्तियाँ रगड़ ली। बीरबल कुछ नहीं बोले, अकबर मुस्कुराते रहे, आगे बढ़ने पर जब एक किरमिच का पौधा मिला तो बीरबल ने कहा कि यह हमारे पिता जी है, अकबर ने उसे भी तोड़कर शरीर पर रगड़कर बीरबल का मजाक उड़ाया, लेकिन कुछ ही देर में अकबर के शरीर पर खुजली मचने लगी। तब पूछा कि यह क्या हुआ तो बीरबल ने जबाव दिया हो सकता है माता जी नाराज नहीं हुई हों लेकिन पिताजी नाराज हो गये हैं। श्री शुक्ल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे यहाँ वेदों में 10 कुएं के बराबर एक तालाब, 10 तालाब के बराबर 1 झील, 10 झील के बराबर 1 पुत्र, और 10 पुत्रों के बराबर 1 फलदार वृक्ष को लगाने का पुण्य माना गया है। वेदों में कहा है कि जो व्यक्ति पुत्रहीन हो वो पेड़ लगाये। जिसने 5 आम के पेड़ लगा दिये उसे कभी नरक नहीं जाना पड़ता। अपनी अध्यक्षीय उद्बोधन में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के प्रो. राजेन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि शास्त्र ने हमेशा अंकुश का काम किया है, प्रकृति मनुष्य की आदम सहचरी है। इसलिये पर्यावरण की चेतना मनुष्य में जाग्रत होना आवश्यक है।

हुई रिमझिम बारिश से मुरझाती फसल को मिला जीवन दान

जावर 27 जून (नि.सं.)। लम्बे समय से गर्मी व उमस से परेशान लोगों को गुरुवार केहुई रिमझिम बारिश से कुछ राहत मिली, हालांकि अभी भी लोगों को झमाझम बारिश होने का इंतजार है। क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने जून माह के प्रथम सप्ताह में हुई मानसून पूर्व की वर्षा के बाद सोयाबीन की बुवाई कर दी थी। लेकिन उसके बाद से बारिश नहीं होने से किसान चिंतित होने लगा था। खेतों में बोया बीज उग तो आया था लेकिन बरसात नहीं होने के कारण मुरझा रहा था तो कई गांव में अभी भी पर्यापत बरसात नहीं होने के कारण बोवनी नहीं कर पायें। किसान बरसात नहीं होने के कारण किसानों के साथ ही आम जन भी चिंतित होने लगा था। कृषक कमल सिंह ने बताया कि आसमान में तो रोज काले बादल आते थे लेकिन बरसते नहीं थे। लोग गर्मी व उमस से परेशान रहते थे लेकिन गुरुवार को लम्बे इंतजार के बाद झमाझम तो नहीं हल्की रिमझिम बारिश होने से मौसम में ठंडक घुल आई। जिससे लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली व मुरझाती फसल को जीवन दान मिला। गुरुवार को हुई बारिश ने फसल के लिये घी का काम किया और चिंतित किसानों ने राहत ली। हालांकि अभी भी लोगों को झमाझम बारिश होने का इंतजार है। अभी तक झमाझम बारिश नहीं होने के कारण नेवज सहित क्षेत्र के अन्य नदी नाले व तालाब तलाई सूखे पड़े हैं।

अमानक उर्वरक का विक्रय प्रतिबंधित

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। जांच में उर्वरक के नमूने अमानक पाए जाने पर उसका य-विय, भण्डारण और स्थानान्तरण प्रतिबंधित किया गया है। इस सिलसिले में उप संचालक कृषि द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

उप संचालक कृषि श्री एन.एस. रघु ने बताया कि खरीफ वर्ष 2008-09 में गुण नियंत्रण के तहत परीक्षण एवं जांच उपरांत प्राप्त परिणाम के आधार पर न्यू महावीर स्टोन सप्लायर आष्टा के लिबर्टी उर्वरक लिमि. कंपनी का लाटबैच मांक 2362 उर्वरक एस.एस.पी 0-16 प्रतिशत मात्रा 20 टन जिसमें पी. 15.48 प्रतिशत एवं गुजरात नर्मदा वेली फर्टी.एण्ड केमि. लिमि. कंपनी का लाट बैच मांक डी.के.080206 उर्वरक नर्मदा फास 20:20:0 मात्रा 5 टन जिसमें एन.16.38 प्रतिशत, पी. 19.81 प्रतिशत पाया गया जो अमानक स्तर का है। इसके य-विय, भण्डारण और स्थानान्तरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

इसी तरह नायब ट्रेडर्स आष्टा के गोदावरी फास्फेट लि. का लाटबैच माक ए-115 उर्वरक एन.पी.के. 12:32:16 मात्रा 15 टन जिसमें एन.12.32 प्रतिशत, पी. 30.12 प्रतिशत एवं के. 18.92 प्रतिशत पाया गया जो अमानक स्तर का है। इसके य-विय, भण्डारण और स्थानान्तरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

मुख्यमंत्री ने किया अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण

सीहोर 27 जून (नि.सं.)। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले की नसरुल्लागंज तहसील के ग्राम पिपलानी में आज 2 करोड़ 91 लाख 71 हजार की लागत से निर्मित पांच बैराज का लोकार्पण और साढे उन्नतीस लाख की लागत से बनने जा रही दो नल जल योजनाओं का भूमि पूजन किया। उन्होंने यहां लाड़ली लक्ष्मी और मुख्य मंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के हितग्राहियों को सहायता राशि के चैक वितरित किए।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी तहसील के ग्राम मछवाई में पूर्व सरपंच शंकर सिंह पटेल के निवास पर पहुंचे और उनके परिवार को सांत्वना प्रदान की। पूर्व सरपंच श्री पटेल का गत दिवस निधन हो गया था। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर मछवाई में हाई स्कूल खोलने तथा पांच सौ मीटर सी.सी.रोड बनाने की मंजूरी दी। उन्होंने इस मार्ग का नामकरण स्व. शंकर सिंह पटेल मार्ग किए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज जिले की नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम पिपलानी में 35 लाख की हमीदगंज, 29.40 लाख की डोगलापानी, 28.70 लाख फड़कीपानी बैराज, 40.10 लाख इटावाखुर्द और 58.50 लाख की लागत से बनी घुटवानी बैराज का लोकार्पण किया। इन बैराज के बनने से 261 हैक्टेयर रकबा में सिंचाई की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने यहां ग्राम मोहाई में 14 लाख 15 हजार और ग्राम सिंहपुर में 15 लाख 35 हजार की लागत से बनने जा रही उगा स्तरीय टंकी आधारित नलजल योजनाओं का भूमि पूजन किया। मुहाई नलजल योजना से डेढ़ हजार की आबादी और सिंहपुर नलजल योजना से एक हजार 200 की आबादी को पेयजल की सुविधा मुहैया होगी।

इस अवसर पर प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा सीहोर जिला प्रभारी मंत्री रूस्तम सिंह, सांसद रामपाल सिंह, बेयर हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, वन विकास निगम के अध्यक्ष गुरूप्रसाद शर्मा, खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक बृजमोहन धूत, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि रवि मालवीय, श्री जितेन्द्र गोर, रघुनाथ सिंह भाटी, कलेक्टर डी.पी.आहूजा, पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

किसानाें पर बनाये बिजली के मामले वापिस होग- मुख्य मंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ग्राम पिपलानी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को किसानों के हित की चिन्ता है और इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि म.प्र. सरकार ने किसानों के हित में अनेक फैसले लिये है और अब यह भी फैसला लिया गया है कि किसानों के खिलाफ बिजली चोरी से संबंधित सभी मामलों को वापिस ले लिया जाये। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए एक अन्य फैसले का जि करते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा जप्त की गई गरीब परिवारों की बैलगाड़ियां भी वापिस की जाएगी। इसी तरह दिसम्बर 2005 तक भूमि पर काबिज आदिवासियों को कब्जा दिलाये जाने की दिशा में भी सरकार ने गंभीरता से प्रयास शुरू किए है। उन्होंने अधिकारियों को ताकीद की कि वे आदिवासियों को कब्जा दिलाने की इस योजना को तेज गति से पूरा करें।

बाहरवीं तक मुफ्त कितावे

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि अब छात्रों को बाहरवीं कक्षा तक नि:शुल्क किताबें मुहैया कराई जायगी। छात्राओं को अब एक के स्थान पर दो गणवेश प्रदान किए जायेगे और सभी छात्राओं को साइकिल के लिए दो हजार की राशि नकद प्रदान की जाएगी। जिससे वे अपनी मर्जी के मुताबिक बेहतर किस्म की साईकिलें खरीद सके। वैसे तो आजकल मैं भी साईकिल पर चलता हूं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे भी आजकल साईकिल पर वगभ भवन जाते है और यह प्रयिा उन्होंने मंहगाई के विरोध स्वरूप अख्तियार की है।

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा सीहोर जिला प्रभारी मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने सभा में मौजूद जनता से कहा कि आज सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी मुख्यमंत्री आप लोगों के बीच है जिन्होंने प्रदेश के विकास को नई दिशा दी है। सांसद रामपालसिंह ने कहा कि मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश में मध्यप्रदेश का गौरव बढाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अनेक जनकल्याण कारी योजनाएं क्रियान्वित कर यह जता दिया है कि वे जनता के सही हित चिन्तक है और सही मायनों में प्रदेश का विकास करना चाहते है। मुख्यमंत्री डोबी में मोती राम पटेल और महेश प्रसाद तिवारी के निवास पर भी गए। इस मौके पर सांसद रामपाल सिंह, प्रभारी मंत्री रूस्तम सिंह, मार्केफेड अध्यक्ष रमाकांत भार्गव, बीरसिंह चौहान, महेन्द्र शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।