Sunday, June 29, 2008

हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

आष्टा 28 जून (नि.प्र.)। न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट आष्टा श्री राजेश श्रीवास्तव द्वारा सत्र प्र.क्र.20307 म.प्र. राय विरुध्द रंजीत सिंह में आरोपी रंजीत सिंह पुत्र रामा निवासी ग्राम लाखिया तहसील आष्टा को मृतक शंकरलाल की हत्या के आरोप में धारा 302 भादसं. के अन्तर्गत आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि के आरोप अन्तर्गत चार वर्ष का कारावास एवं 500 रुपये अर्थदण्ड का निर्णय पारित किया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक बी.एस. ठाकुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार था कि मृतक शंकरलला जो आरोपी रंजीत का भतीजा था के अवैध संबंध उसकी पत्नि से थे जिससे आरोपी नाराज था व दुश्मनी रखता था। आरोपी ने 28 जुलाई 07 को ग्राम लाखिया में शंकरलाल को उसके घर में रात में पत्थर से चोंट पहुँचाई जिससे वह मर गया तब मृतक के दोनो पैर रस्सी से बांधकर उसके बदन को घसीटते हुए कासम नदी लेकर गया जहाँ कुल्हाड़ी से मृतक का सिर काट कर धड़ से अलग कर दिया एवं सिर तथा धड़ को कासम नदी में साक्ष्य छिपाने के लिये फेंक दिया एवं मृतक का कम्बल व घडी क़ो अपने पास रख लिया। 30 जुलाई 07 को मृतक केशव की सूचना प्राप्त हुई तथा सिध्दिकगंज पुलिस द्वारा मौके पर पहुँचने पर सिर विहीन लाश प्राप्त हुई तथा तलाश करने के उपरांत सिर नहीं मिला।
प्रकरण में विवेचना एस.एन. पाण्डे थाना प्रभारी सिध्दिकगंज द्वारा की गई। मृतक की पहचान पिता अमर सिंह व बहन सुगन बाई ने उसकी बाडी व मृतक के हाथ में गुदे नाम ऊँ शंकरलाल को तथा उसके हाथ में बंधे नाड़े व तांबे की अंगूठी तथा पहनी हुई पेंट से की। आरोपी रंजीत को पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने के उपरांत उसके द्वारा स्वतंत्र साक्षीगणों के समक्ष हत्या कबूल करते हुए दी गई जानकारी के आधार पर मृतक के घर से गोदड़ी तकिया की खोल खून से सने हुए जप्त किये तथा आरोपी से मृतक की खून लगी बनियान, तंगिया, घड़ी, रस्सी, पत्थर व मृतक का कम्बल जप्त किया गया। स्वतंत्र अभियोजन साक्षीगण द्वारा अभियोजन पक्ष का समर्थन करते हुए न्यायालय में आरोपी द्वारा दी गई जानकारी एवं सामान जपती का समर्थन किया तथा क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में गोदड़ी एवं तकिया में मानव रक्त बी सूमह का पाया गया जो आरोपी से जप्त कुल्हाडी पर भी मौजूद पाया गया। साक्षी डाक्टर के.के.चतुर्वेदी द्वारा मृतक के धड़ एवं गर्दन जोड़ पर कटा हुआ घाव जहाँ से गैन कटी हुई थी तथा दिखाये गये हथियार कुल्हाड़ी से चोंट आना संभावित होने की न्यायालयीन कथन में पुष्टि की तथा साक्षी डॉ. ए.के.जैन द्वारा आरोपी की चोंटों का परीक्षण करने पर उसके गर्दन एवं छाती की चोंटों को जप्तशुदा रस्सी से मृतक के पैर बांधकर उसे घसीट कर ले जाने पर आने संबंधी न्यायालयीन कथन में पुष्टि की।
विद्वान न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव द्वारा प्रकरण में श्रृंखलाबध्द आई अभियोजन साक्ष्य का सूक्ष्म एवं गंभीर अवलोकन करते हुए आरोपी को दोषसिध्द पाते एवं दण्डादेश का निर्णय पारित किया। आष्टा क्षेत्र में सरकटी लाश के संबंध में दिये गये निर्णय की सराहना के साथ ही अपराधियों के लिये भय उत्पन्न होने का वातावरण निर्मित हुआ है। प्रकरण में शासन की और से अतिलोक अभियोजक बी.एस.ठाकुर द्वारा पैरवी की गई।