डेढ़ माह से नहीं मिल रहे थे जननी सुरक्षा योजना के रुपये, शिकायत की तो यह मिला जबाव
सीहोर 28 जून (नि.सं.)। तुमने कलेक्टर को फोन क्यों किया....? तुमने हमारी शिकायत क्यों की....? यादा नेतागिरी सूझ रही है....? हमारी शिकायत करती हो...? जाओ अब तुम्हे कोई रुपये नहीं मिलेंगे....हमें ऊपर से आदेश हुए हैं कि तुमने कलेक्टर को शिकायत की है अब तुम्हे रुपये नहीं दिये जायें...? साहब ने रुपये देने से मना किया है....तुम यादा अकल लगाती हो....जननी सुरक्षा के रुपये तुम्हे नहीं मिलने वाले....जो बने कर लो....जाओ फिर शिकायत कर आओ...।
उक्त बात यहाँ जिला चिकित्सालय में जननी सुरक्षा योजना अन्तर्गत पदस्थ एक अधिकारी ने पिछले दिनों एक महिला आशा कार्यकर्ता से कहे। हुआ यह है कि विगत डेढ़ माह से जिला स्वास्थ्य विभाग शासन की महत्वपूर्ण जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत मिलने वाले रुपयों का प्रदाय नहीं कर रहा था। लगातार इसकी मांग की जाने के बाद भी तरह-तरह से टाला जा रहा था और यह कहा जा रहा था कि अब कोटा खत्म हो गया है राशि खत्म हो गई है जब कोटा आयेगा तब रुपये दिये जायेंगे। इस तरह के लगातार कारण बताये जाने के कारण डेढ़ माह से अधिक हो गया था इस पर एक आशा कार्यकर्ता ने जब यह बात अपने संगठन को बताई तो उसे जिलाधीश को फोन पर शिकायत करने की सलाह दी गई। उसने फोन पर जिलाधीश को शिकायत कर दी। शिकायत करते ही प्रभारी जिलाधीश ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल निर्णय लिया और वह मामले को समझने के लिये अलग से तैयार हो गये। उन्होने बातचीत की और किसी भी स्थिति में इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दिये। जिलाधीश के निर्देश पर जननी सुरक्षा का रुपया वापस मिलना शुरु हो गया है।
लेकिन कल जब उक्त शिकायत करने वाली कार्यकर्ता जब जिला चिकित्सालय पहुँची तो उससे उपरोक्त बात कही गई और कहा गया कि तुम हमारी शिकायत करती हो, अब तुम्हे कोई सहायता नहीं की जायेगी, तुमसे जो बने कर लो। जब यह बात उस महिला कार्यकर्ता ने वापस फोन लगवाने वाले से आकर कही तो उसने जाकर फिर उस रुपये बांटने वाले से कहा कि जब कलेक्टर साहब ने एक बार सुनी है तो आपको क्या लगता है कि वह दोबारा नहीं सुनेंगे । हम अभी जा रहे उनको शिकायत करने।
नवागत कलेक्टर डीपी आहूजा के आने के पूर्व ही उनके सख्त रवैये और काम के प्रति उनकी गंभीरता के किस्से सीहोर आ चुके हैं, इसी से वह कर्मचारी घबराया और उसने माफी मांगकर इस महिला कर्मचारी को रुपये देने के लिये हाँ कर दी।