जावर 27 जून (नि.प्र.)। इस वर्ष फरवरी माह में पड़ी अधिक ठंड व पाला से क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई गेहूँ चने की फसल जल गई थी जिससे किसानों को लाखों करोड़ो रुपये का नुकसान हो गया था बाद में जली फसल का सर्वे कर उचित मुआवजा देने की मांग किसानों द्वारा उठाई गई थी। इसके बाद प्रशासन में क्षेत्र के हल्का पटवारियों को पाला ठंड से जली फसल का सर्वे कार्य करने के निर्देश दिये थे लेकिन जावर टप्पा क्षेत्र के कुछ पटवारियों ने तो सर्वे कार्य में इतना भेदभाव किया कि कई किसानों जिसकी सही में फसल जली थी उनके खेतों का सर्वे ही नहीं किया गया।
उनके सूची तक में नाम नहीं आये और जिन किसानों ने पटवारी से सेटिंग कर ली थी उन्हे भरपूर मुआवजा राशि मिल गई लेकिन जिन किसानों के खेतों का पटवारी द्वारा सर्वे नहीं किया गया था फिर पटवारी द्वारा लापरवाही बरती गई उनकी शिकवा-शिकायत का दौर चला। हल्का नं. 9 व 6 के किसानों ने एसडीएम को शिकायत की। एसडीएम ने किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार एमडी शर्मा से जांच करवाई जांच के बाद हल्का नं. 9 के भूपेन्द्र सिंह व 6 के गुलाब सिंह निलंबित हो गये हैं। इस तरह सर्वे कार्य में लापरवाही बरतने पर टप्पा क्षेत्र के दो पटवारियों को निलंबित किया जा चुका है।
कृषक विजेन्द्र सिंह का कहना है कि इस वर्ष ठंड व पाले से गेहूँ चने की फसल का सर्वाधिक नुकसान हुआ था लेकिन कुछ पटवारियों द्वारा सर्वे कार्य में इतनी लापरवाही बरती गई की कई किसानों के तो सर्वे सूची से नाम ही गायब कर दिये और कई किसानों जिनसे पटवारी की सेटिंग हो गई थी उन्हे पटवारी ने भरपूर मुआवजा राशि के चेक दिलवा दिये। जिन किसानों के सर्वे सूची में नाम नहीं हैं वह फिर से तहसील में आवेदन दे रहे हैं और छूटे खेतों का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलवाने की मांग कर रहे हैं। तहसीलदार एमडी शर्मा ने बताया कि ठंड व पाले से हुए नुकसान के सर्वे कार्य में लापरवाही बरतने पर टप्पा क्षेत्र के दो पटवारी को अभी तक निलंबित किया जा चुका है।