Monday, June 30, 2008

दहेज के दानवों ने बहु को घांसलेट डालकर जलाया

आष्टा 29 जून (सुशील)। 10 साल पूर्व आष्टा तहसील के ग्राम नानजीपुरा (सिध्दिकगंज) निवासी फू ल सिंह ने अपनी बेटी का विवाह ग्राम लसूड़िया पार निवासी ओंकार सिंह के पुत्र लखन से कर बेटी को खुशी-खुशी विदा किया था। लेकिन लड़की के पिता ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस परिवार में वो अपनी बेटी को दे रहे हैं वो एक दिन दहेज के दानव के रुप में सामने आकर उसी बेटी को जलाकर मार डालने का भी प्रयास कर सकते हैं। दहेज के लोभियों द्वारा अपनी बहु को जला देने की इस हृदय विदारक घटना दो दिन बाद खुलासा हो हुआ है।
थाना प्रभारी अतीक अहमद खान ने फुरसत को इस संबंध में बताया कि आज लकड़ी का पिता फूल सिंह थाने पहुँचा तथा उसने बताया कि उसकी बेटी जिसका विवाह ग्राम लसूड़िया पार में किया गया था वहाँ ससुराल वालों ने उसे जलाकर छुपा रखा है। पुलिस को यह सूचना मिलते ही पुलिस गांव पहुँची तथा जिस महिला को जलाया था उसे इलाज के लिये सिविल अस्पताल आष्टा लेकर आये।
उक्त महिला का नाम श्रीमति मेमकला पत्नि लखन सेंधव उम्र 25 वर्ष नवविवाहिता के रुप में सामने आया। मेमकला ने पुलिस को बताया कि 27 जून को सुबह से ही सास, जेठ, जेठानी, पति, मुझसे लड़ रहे थे तथा दहेज के लिये बार-बार प्रताड़ित करते थे। 27 जून को लगभग 1 बजे मेमकला की सास ने कहा कि तू खेत पर चली जा। तब मेमकला ने कहा कि थोड़ी देर से नहाकर जाऊंगी। तब उसको प्रताड़ित करने लगे । घर में जेठ नहीं था। उसको भी बुला लिया तथा पति मारने लगा। जब पति मार रहा था मेमकला बहुत गिड़गिड़ाई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। तब सास ने कहा कि इसे जलाकर मार दो। थोड़ी देर बाद सास तेल से भरी कुप्पी लेकर आ गई तथा परिवार के अन्य लोगों ने मेमकला को पकड़ा और उस पर घांसलेट डालकर आग लगा दी। क्रोध में भरे ससुराल के लोगों ने इस घटना को अंजाम तो दे दिया लेकिन सामने खतरा भी उन्हे नजर आया तब इसे आग से बचाने भी लगे। लेकिन तब तक मेमकला काफी जल चुकी थी। तब ससुराल वालों ने एक कमरे में ही बंद कर दिया । आग लगने से तड़प रही मेमकला ने ससुराल वालों के सामने खूब गिड़गिड़ाई की मुझे आष्टा ले चलो मेरा इलाज करा दो। लेकिन किसी ने भी इसकी दर्द और पीड़ा को नहीं समझा। जब यह घर में जलने के कारण हो रही जलन से चिल्लाने लगी, तब ससुराल वालों को लगा कि यह बात मोहल्लें वालों को पता चल सकती है तब उन्होने गांव के ही एक डाक्टर को बुलाया और उससे घटना का रुप बदलकर बताया कि यह चिमनी में धागा डाल रही थी जिससे जल गई। इसका इलाज कर दो। ग्राम के डाक्टर जिसका नाम ओम प्रकाश श्रीवास्तव बताया गया है (डाक्टर फर्जी है या असली इसका खुलासा होना बाकी है) ने इस महिला को कुछ इंजेक्शन लगाये तथा जले हुए स्थान पर मल्हम लगाया एवं कोई शीशी भी पीने के लिये दी और इस तरह 29 जून महिला का घर के अंदर ही इलाज चलता रहा। ससुराल के लोगों ने पूरी तरह डरा धमका दिया था कि किसी को भी घटना का बताया कि तूझे मार डालेंगे कोई पूछे तो यही बताना कि वो चिमनी धागा डाल रही थी और एक दम चिमनी से जल गई। लेकिन इसी दौरान महिला के लाख कहने पर भी उसके पिता के यहाँ खबर नहीं की गई।
मेमकला ने अपने ससुर से गिड़गिडाते हुए कई बार कहा कि मुझे आष्टा इलाज के लिये ले चलो, मेरे पापा को बुला दो। लेकिन ससुर यह जबाव दे रहा था कि क्या तेरे पापा को बुलाकर हमें फंसना है। हम तेरा इलाज करा रहे हैं ठीक हो जायेगी।
लेकिन जैसे-तैसे गांव से उक्त खबर नानजीपुरा में रहने वाले मोतीसिंह को लगी। मोतीसिंह ने लड़की के पिता को खबर दी। तब फूल सिंह आज पुलिस को लेकर गांव पहुँचे। और इस प्रकार मेमकला की रिपोर्ट पर पुलिस ने सास अमृत बाई, पति लखन, जेठ जसपाल, जेठानी सुशीला, ससुर ओंकार के खिलाफ धारा 498 ए, 34 दहेज अधिनियम, 326, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। बयान में और भी बात सामने आई है जिससे आरोपियों पर और भी धाराएं बढ़ सकती है।
क्या है असल किस्सा- मेमकला विगत एक साल से अपने मायके में ही रह रही थी। अभी 12 दिन पूर्व ही उसका नंदोई मायके से ससुराल लेकर आया था। और इन 12 दिन बाद ही यह घटना घट गई। मेमकला को बार-बार गरीब घर की होने और घर से दहेज में कुछ भी नहीं लाने को लेकर प्रताड़ित किया जाता था।
चिकित्सको ने कहा- डॉ. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि उक्त महिला जलने से लगभग 40 प्रतिशत जली है। इसका इलाज प्रारंभ कर दिया गया है। पुलिस की सूचना के बाद नायब तहसीलदार वीरेन्द्र सिंह अस्पताल पहुँचे तथा उक्त महिला के बयान दर्ज किये।