Saturday, March 22, 2008

श्मशान घांट के पथप्रदर्शक

डॉ. अनिल शर्मा : मैं हूँ ना
डॉ. आर.के.गुप्ता : बस एक ख्वाब और है...
डॉ. रमेश वर्मा : सर जी मेरी क्या गलती है
डॉ. एस.एस.तोमर : नाइट डयूटी के मजे
डॉ. गिरीश जोशी : बीएमओ सिंह भला आदमी
डॉ. एल.एन.नामदेव : ओपीडी टाइम से दुखी
डॉ. आनन्द शर्मा : सौजन्यता से सभी खुश
डॉ. कनेरिया : कब तक पिसते रहेंगे
डॉ. एस.आर.गट्टानी : चलो दांगी स्टेट
डॉ.एस.एस.राठौर : एज ए रुल
डॉ. मांझी : 25 अप्रैल का इंतजार
डॉ. मेश्राम : सरकार ने दुखी कर दिया
डॉ.श्रेष्ठा सक्सेना : सर्वश्रेष्ठ
डॉ. एस.के.जैन : वी.आर.एस. की धमकी
डॉ.विनोद मोदी : बुढ़ापे में मत करो परेशान
डॉ. ए.ए.कुरैशी : प्रमोशन से परेशान
डॉ. श्रीमति एफ.ए.कुरैशी: बच्चों की पहली पसंद
डॉ. रेखा भाटी : अब वो दिन नहीं रहे
डॉ. टी.एन.चतुर्वेदी : हिज मास्टर्रस वाइस
डॉ. कैलाश अग्रवाल : मिश्री की डली
डॉ. बी.के. चतुर्वेदी : सबका मालिक एक
डॉ.श्रीमति मंजू सक्सेना: अल्ला मियां की गाय
डॉ. वी.एन.सक्सेना : किस्मत साथ नहीं दे रही
डॉ. एम.एल.भारती : विकलांग केम्प लगते रहें
डॉ. डी.आर.अहिरवार : दलित पैंथर
डॉ. उमेश श्रीवास्तव : हर हाल में खुश
डॉ. अभय खरे : हमारे बैतूल में ऐसा नहीं था
डॉ. श्रीमति शोभा खरे : डॉ.सा. बहुत सीधे हैं
डॉ. मालती आर्य : नया दौर
डॉ.भरत आर्य : चाहे कोई मुझे जंगली कहे
डॉ श्रीमति नीरा श्रीवास्तव: मासूम