Saturday, March 22, 2008

कविता इनके नाम रोती है

नारायण कासट : खाट पर पड़े हैं
कृष्ण हरि पचौरी : बहुत दुखी हैं
रमेश हठीला : भूल गये कविता पढ़ना
लक्ष्मीनारायण राय : वही पुराना ढर्रा
कैलाश गुरु स्वामी : मुझे हिन्दी नहीं आती
प्रमोद जोशी गुंजन : बस कभी कभी
हरि ओम दाऊ : मौके की तलाश
संतोष जैन संतु : अवसर की खोज
धर्मराज देशराज : चलती का नाम गाड़ी
सुभाष चौहान : समय नहीं मिलता
राजेश शम्बर : घुसपैठिया
सुभाष जोशी : पतझड़
विष्णु फुरसतिया : वे समय का रागी
डॉ. आजम : चाँदनी रात
रमेश गोहिया : चढ़ गई है
जोरावर सिंह : महाकवि की लालसा
ब्रजेश शर्मा : कविता का खुमार
पंकज पुरोहित : निराला बनना चाहता हूं
विवेक पाराशर : कभी कभी
राजेन्द्र तिवारी : स्वर दूसरे का
विनोद तिवारी : हाँ जी
द्वारका वांसुरिया : जरा झूम के
कु.पूजा जोशी : मेरा नाम मोना
चौथमल वर्मा : हर कहीं
कमलेश आर्य : वनवास से आये हैं
देवकरण आर्य : भूल गये कविता
रामनारायण राठौर : लजीली बाई
श्याम चतुर्वेदी : बीता बसंत