Saturday, March 22, 2008

जसपाल ने बनाई टिकिट समाधान पार्टी, स्वयं बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

सीहोर 21 मार्च (होली सं.)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने जबसे अखलेश राय को टिकिट देने का मन बनाया है तभी से पचौरी के बालसखा और कांग्रेस के दमदार नेता जसपाल सिंह अरोरा ने विद्रोह की आग फूंकते हुए आज शहर के वरिष्ठ और कनिष्ठ पत्रकारों के बीच घोषणा करते हुए टिकिट समाधान पार्टी बनाने का ऐलान किया है। अरोरा की यह पहल संभवत: अपने आप में अनोखी है। यह पार्टी प्रदेश स्तरीय रहेगी जिसमें पूरे प्रदेश के विरोधियों को सम्मिलित किया जायेगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में स्वयं अरोरा ही काबिज रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से चल रही खींचतान के बाद जैसे ही श्री पचौरी के सुर अखलेश राय के पक्ष में हिले तभी से राकेश राय तो फूले नहीं समा रहे हैं क्योंकि उन्होने जो सोचा था वह आज उन्हे परिलक्षित होता दिखाई दे रहा है। राय का कहना है कि हमने पालिका चुनाव जीतकर चुनाव मैनेजमेंट के जो गुर सीखे हैं वह निश्चित ही विधानसभा चुनाव में मील का पत्थर साबित होंगे।
लेकिन जैसे-जैसे अखलेश का नाम क्लियर होता जा रहा है वैसे-वैसे यहाँ विद्रोह के स्वर फूटने लगे हैं। कांग्रेस के दमदार, पचौरी के खास और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा जिनकी कांग्रेस के टिकिट पर दावेदारी बड़ी मजबूत थी वह खासे नाराज हो गये हैं। आनन-फानन में अरोरा ने टिकिट समाधान पार्टी का गठन कर दिया आज पत्रकार वार्ता में श्री अरोरा ने कहा कि एक प्रदेश स्तरीय टिकिट समाधान पार्टी का गठन किया गया है जिसके प्रदेश अध्यक्ष पद पर स्वयं श्री अरोरा ही रहेंगे। यह पार्टी कांग्रेस के उन समर्पित नेताओं को टिकिट उपलब्ध करायेगी जिन्हे टिकिट नहीं दिये गये हैं। पार्टी का एक नारा भी दिया गया है कि ''दे दो टिकिट वरना गिरा देंगे विकिट''