सीहोर 19 जुलाई (नि.सं.)। पिछले दो-ढाई वर्ष में नगर पालिका में कुछ भू-माफियाओं ने जिस प्रकार जमीनों के नामांतरण में घालमेल किया है उसकी शिकायतें उभरने लगी हैं। कुछ मामले छनकर बाहर आने लगे।
ऐसे में कांग्रेस नेता सतीश यादव ने भी ऐसे कुछ मामलों का उल्लेख कर जिलाधीश को शिकायत की जिस पर नगर पालिका और नजूल से संबंधित कागजातों के पूरे दस्तावेज बुलवा लिये गये। इधर जांच शुरु हुई ही थी कि तीसरी ही रात रजिस्ट्रार कार्यालय आग के हवाले हो गया। आग ऐसी फैली की उसमे वर्ष 2000 के बाद के सारे आवश्यक कागजात स्वाहा हो गये। जो हो फर्जी रजिस्ट्रयों का मामला बहुत पेचिदगी के साथ सामने आ रहा है जिसकी जांच की जाने की आवश्यकता है।
इस संबंध में जिलाधीश को यादव मित्र मण्डल द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि भू-माफिया एवं गुंडे बदमाशों व कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से सीहोर में जमीन व प्लाट व मकानों की फर्जी रजिस्ट्री व नामांतरण मिलीभगत से हो रहे हैं। इस संबंध में कुछ प्रमाण भी जिलाधीश के समक्ष उपलब्ध कराये गये हैं। जिस पर जिलाधीश श्री आहूजा ने गंभीरता से लेते हुए जिला पंजीयक, उपंपजीयक से न केवल चर्चा की बल्कि नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा भूमाफियाओं से मिलकर फर्जी नामांतरण किये जाने की जांच करने के निर्देश दिये।
कु छ भू-माफियाओं ने नगर पालिका फर्जी तरीके से मालिक का नाम बदलवा लिया है और अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली है जो सर्वे नंबर में भी उपलब्ध नहीं है। कई लोगों के मकान इधर से उधर नामांतरण करवा लिये गये हैं अभी लोगों को पता ही नहीं है। भूमाफियाओं का जाल सा फैला हुआ है। इस दृष्टि से लोगों को भी अपने खसरा-खतौनी की नकल देख लेना चाहिये कि कहीं उनकी सम्पत्ति भी तो किसी और के नाम नहीं कर दी गई है।
सूत्रों का कहना है कि इस तरह की शिकायत के बाद नगर पालिका के संबंधित फाईलें और कागजात जांच के लिये बुला लिये गये हैं। आर.आई. मनोहर राजपूत नजूल ने इसकी जांच भी की है और नगर पालिका के कागजात भी उन्होने बुला लिये थे। इधर जांच शुरु हुई और दूसरे-तीसरे दिन ही उपपंजीयक कार्यालय में अचानक संदिग्ध आग लग गई जो अभी तक जांच का विषय बनी हुई है। कहीं उपरोक्त भूमाफियाओं का ही तो यह कमाल नहीं है।
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