आष्टा 19 जुलाई (नि.प्र.)। इन दिनो आष्टा का वन विभाग अनाथ हो गया है इसका कौन नाथ है यह अभी तय नहीं है इसका पूरा फायदा वन विभाग के अधिनस्थ भरपूर जेबे गरम कर उठा रहे हैं। जब से वन विभाग आष्टा में रेंजर पद को लेकर शह और मात का खेल चल रहा है। अधिनस्थों के मजे हो गये हैं।
अभी तक कोर्ट के स्टे पर श्री सिंह रेंजर के पद पर आष्टा में पदस्थ थे स्टे की अवधि खत्म होते ही मौके की तलाश में बैठे विनोद वर्मा ने अपना आदेश आष्टा का कराकर वाईन करके चले गये। अब ना ही विनोद वर्मा आष्टा में है और ना ही श्री सिंह को यह आदेश मिले हैं कि उनको कहा जाना है वैसे अभी भी सिंह आष्टा की इच्छा पाले हैं। इन रेंजरों के झगड़े में अधिनस्थों के मजे हो गये हैं वे आरा मशीनों पर से सेवा शुल्क ला रहे हैं और मजे ले रहे हैं। कई तो लकड़ी चोरों से जेब गरम कर मजे लूट रहे हैं। कुछ तो रोजाना घूम कर लकड़ी चोरों को पकड़ कर उनसे हाथों की खुजाल मिटवा कर उन्हे खुला छोड़ रहे हैं।
खबर है कि 13 जुलाई को एक छोटे कर्मचारी ने अपने सहयोगी के साथ एक मोटर साईकिल जिस पर लकड़ी चोर सागोन ला रहे थे को घर पकड़ा ओर बाद में उससे अपने मन माफिक चर्चा होने पर छोड़ दिया। कुछ कर्मचारी तो लकड़ी चोरों को लकड़ियों के साथ पकड क़र मौके पर ही छोड़कर खुशी-खुशी कार्यालय आ जाते हैं। वहीं जो कम वन विभाग को करना चाहिये वो काम आष्टा पुलिस को करना पड़ रहा है। खबर है कि गत दिवस पुलिस ने एक मोटर साईकिज जिस पर 2-3 लोग सवार थे और सागौन की लकड़ी ले जा रहे थे को पकड़ा बाद में उक्त प्रकरण पुलिस ने वन विभाग को सौंपा है वहीं एक बार पुन: वन विभाग के लिये सोना उगलने वाला सिध्दिकगंज क्षेत्र चर्चा में है।
खबर है कि महिनों पूर्व जो जंगल रातों रात कट गया था उसे बड़ी मेहनत से कर्मचारियों ने पुन: हरा भरा करने के लिये कटे पेड़ों की ड्रेसिंग कर पनपाया था उन्हे भू-माफियाओं ने काटकर उस जगह वार बोकर अतिक्रमण कर लिया है। इसमें भी क्षेत्र के वन विभाग के लोगों के साथ इस क्षेत्र के दलालों का पूरा हाथ माना जा रहा है। क्या वन विभाग के जिला अधिकारी इस अनाथ रेंज के बारे में कुछ सोचेंगे।
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