सीहोर 24 नवम्बर (नि.सं.)। वर्तमान चुनाव के परिप्रेक्ष्य में तीन तेरह नौ अट्ठारह वाली कहावत एकदम फिट बैठती प्रतीत हो रही है। जहाँ पूरा चुनावी समीकरण तीन लोगों के बीच में उलझकर रह गया है वहीं चुनाव आयोग का डण्डा मतदाताओं की तरफ भी मुडते हुए तेरह परिचय पत्र की सूची जारी कर चुका है। अब तीन में से यदि किसी एक को चुनना है तो उन तेरह में से भी किसी एक को साथ लाना जरुरी है।
अंक गणित के हिसाब से इस बार सीहोर में तीन-तेरह की स्थिति बड़े ही असमंजस व तनाव की हो गई है। इस बार लम्बे समय बाद खुद विधायक रमेश सक्सेना के निर्दलीय चुनाव की स्थिति बन गई है। जब विधायक सक्सेना ने कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ा था और तब कांग्रेस की ही जमानत जप्त करवा दी थी। अब वह भाजपा में हैं लेकिन भाजपा से बगावत हो गई है और जनशक्ति पार्टी ने सन्नी को खड़ा कर दिया है। कुल मिलाकर एक बार फिर एक तीसरा व्यक्ति भले ही वह किसी पार्टी से हो लेकिन भाजपा का बागी है और उसके कारण त्रिकोणीय स्थिति लगातार नजर आ रही है। अंदर स्थिति क्या है यह कहा नहीं जा सकता लेकिन बाहर से देखने पर स्थिति त्रिकोणीय ही नजर आ रही है। मतलब कांग्र्रेस, भाजपा और जनशक्ति के रुप में तीन लोग ही आमने-सामने हैं और जनता भी इस तीन के कारण असमंजस की स्थिति में है। इन तीनों में से किसी एक को चुनना तो मुश्किल पड़ ही रहा है यह भी समझ नहीं आ रहा कि आखिर जीतेगा कौन ?
हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।