Saturday, August 30, 2008

दिल्ली से टीम के आने की खबर के बाद अस्पताल लगने लगा है कि ये है अस्पताल

आष्टा 29 अगस्त (नि.प्र.)। जगह-जगह पान के पीक, वरामदे में कुत्तों का विचरण, बंद पड़े पंखे, जंग लगे स्ट्रेचर-ट्राली, गंदे तकिये, चद्दर, यत्र-तत्र बिखरी पड़ी उपयोग की गई सूई घावों पर से उतारी पट्टियाँ साफ-सफाई के अभाव में उड़ती बदबू, जगह-जगह से गिरती छतें, उखड़ी बिजली की लाईन, प्रांगण में बहता पानी की टंकी का पानी यह सब देखकर कोई भी सिविल अस्पजाल को यह नहीं कह सकता था कि यह अस्पताल है।
जहाँ मरीज ठीक होने आता है लेकिन भला हो भारत सरकार का जिसने केन्द्र के सहयोग से चलने वाली विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति तथा योजनाओं के लिये भेजी राशि को कहाँ पर कितना उपयोग दुरुपयोग हुआ को देखने आने के लिये दिल्ली से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भेजने का निर्णय लिया जब से भोपाल के एअर कंडीशन कमरों में बैठे स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को यह सूचना मिली की दिल्ली से टीम आयेगी और अस्पतालों में पहुँचेगी वे भागते-फिर रहे हैं इसी कड़ी में गत दिवस आला अफसर एअर कंडीशन कमरों से बाहर निकले और अस्पताल-अस्पताल भागते फिर रहे हैं। आष्टा भी श्रीमति अलका उपाध्याय, श्री वीएस ओहरी, डॉ.श्री मरावी आष्टा अस्पताल पहुँचे और जब अस्पताल को देखा तो बिगड़ी साफ-सफाई इलाज के लिये बरामदे में बैठी अनेकों महिलाओं, पर्ची की जगह कागज की स्लिप व अन्य समस्याओं को देखकर दंग रह गये।
उक्त दिल्ली का दल आष्टा पहुँचे इसके पहले सबकुछ ठीक-ठाक करने के निर्देश बीएमओ को दिये कई मामलों में तो उन्हे कड़वा भी सुनना पड़ा लेकिन उसके बाद से अचानक जो सुधार कार्य, रंग-रोगन, साफ-सफाई आदि का कार्य शुरु हुआ तो अब सिविल अस्पताल देखने में लग रहा है कि क्या ये वो ही आष्टा का सिविल अस्पताल है जो आज के पहले दिखता था।
सूत्र बताते हैं कि साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाओं के साथ अस्पताल में दिन रात आय-व्यय के लेखा भी व्यवस्थित किये जा रहे हैं क्योंकि उक्त टीम खास तोर आष्टा में यहीं तो देखने आ रही है कि केन्द्र ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कितना भेजा कितना उपयोग किया ? कहाँ-कहाँ उपयोग किया, कहीं दुरुपयोग तो नहीं किया तथा जो लक्ष्य दिया था उसे पूरा किया कि नहीं। अब भले ही 1 से 6 सितम्बर के बीच दिल्ली का उक्त दल आष्टा आये तो बहुत ही अच्छा और अगर नहीं आये तो आष्टा की जनता उक्त टीम को जरुर धन्यवाद देगी क्योंकि जो कार्य वर्षों से आष्टा तो क्या सीहोर के अधिकारी आष्टा अस्पताल को सुधारने में नहीं कर पाये थे वो कार्य केवल टीम के आने की सूचना पर ही हो गया है।


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