सीहोर 2 जनवरी (नि.सं.)। श्रीदेवी, शत्रुघ् सिन्हा, राजबब्बर से प्रसिध्द अभिनेताओं के अलावा अनेक प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, नेताओं तक को अपनी दैवीय चमत्कार से प्राप्त फेस रीडिंग की कला से प्रभावित कर देने वाले संजीव राज मुखिया ने इन दिनों सीहोर में डेरा डाला हुआ है। पारम्परिक भील आदिवासी संजीव विकट बीमारियों का जड़ी-बूटियों से इलाज भी करते हैं, यह इनका पारम्परिक पुस्तैनी धंधा भी है। इन दिनों यह सीहोर में डेरा डाले हुए हैं।
मूलत: बस्तर जिले के रहने वाले और अब आंध्रप्रदेश के निवासी संजीव राज मुखिया अपने छोटे भाई और परिवार के साथ इन दिनों सीहोर में आये हुए हैं। संजीव विगत 4-5 दिनों से सीहोर में हैं और उन्होने सीहोर के कुछ वरिष्ठ नेताओं तथा पुलिस अधिकारियों से मिलकर उनकी फेस रीडिंग की है। इसकी अच्छी फेस रीडिंग के कारण यह लोग चमत्कृत भी हुए हैं ।
संजीव राज बस्तर जिले के आदिवासी जाति का एक भील परिवार में जन्मा युवक है। इनके समुदाय में करीब 40 परिवार जुड़े हुए हैं। इनका अपना एक डेरा है। इस डेरे के बड़े परिवार का यह सदस्य है। यह भील परिवार दंतेश्वरी देवी का भक्त हैं और उनका आशीर्वाद भी इन्हे प्राप्त है। संजीव राज के पूर्वज जंगल में ही रहते थे और संजीव का बचपन में जंगलों में ही बीता है। भीलों के लिवास में रहने वाला संजीव राज की बस्ती ने विगत 20 साल पहले से शहरी सभ्यता के अनुसार स्वयं ढाला है। यह भील जाति जंगलों में विभिन्न औषधियों के जानकार हैं और उन्ही के उपयोग से स्वयं का भरण पोषण करते हैं। इस कला में यह भी पारंगत है।
संजीव पूर्व में देश के प्रसिध्द सिने अभिनेत्री रही श्रीदेवी सहित शत्रुघ्न सिन्हा, राज बब्बर आदि अनेक लोगों को अपनी विद्या से प्रभावित कर चुका है। इसने देश भर के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधि कारियों को अपनी फेस रीडिंग से प्रभावित किया है तथा उन्होने अपने प्रमाण-पत्र भी इसे बनाकर दिये हैं।
संजीव राज ने आज फुरसत से बातचीत करते हुए कहा कि हम गठियावाय, दमा, खांसी, माइग्रेन सिरदर्द, पेट संबंधी गैस की समस्या, धुंआ-धूल से एलर्जी की समस्या आदि अनेक बीमारियों के लिये इलाज करते हैं, उनके लिये हमारे पास औषधियों से बनी दवाईयाँ हैं।
तमिल व हिन्दी में मिली जुली भाषा बोलने वाला संजीव राज बहुत अच्छे नाड़ी वैद्य हैं और सुबह बिना कुछ खाये-पिये जब कोई व्यक्ति अपना इलाज नाड़ी के माध्यम से कराता है तो फिर यह उससे उसकी बीमारी के लिये कुछ भी नहीं पूछते बल्कि हाथ पकड़कर उसकी नाड़ी की गति नापना शुरु करते हैं और फिर उसके शरीर की सारी स्थिति बोलते हुए उसकी समस्त बीमारियाँ बताना शुरु कर देते हैं।