Saturday, January 3, 2009

क्या सिर्फ अखाड़ो के हथियार होंगे या होगा शक्ति प्रदर्शन

      सीहोर 2 जनवरी (नि.सं.)। मोहर्रम के पर्व को लेकर सीहोर में खासा उत्साह है और इसकी तैयारियाँ बहुत जोर-शोर से चल रही हैं। कई मोहल्लों में लग्गियाँ लगाकर उन्हे सजाया गया है। पहली तारीख को चौकी धोने वाले जुलूस के दिन जहाँ कस्बा में हथियारों के साथ निकले युवकों की अचानक दौड़ ने यहाँ माहौल गड़बड़ा दिया वहीं छावनी में शांति पूर्ण निकले जुलूस ने कुछ व्यवस्था बनाकर रखी लेकिन गत वर्ष मोहर्रम के जुलूस में चूंकि आसपास के लोग भी आये थे अपेक्षा से अधिक हथियार जुलूस में उपयोग किये गये थे इसको लेकर इस बार बाजार में सरगर्मी बनी    हुई है।

      असल में मोहर्रम का जुलूस अखाड़ों के मार्गदर्शन में निकलता है और एक अखाड़े में जितने हथियार होना चाहिये और जिन खलिफाओं के हाथ में वह होना चाहिये वह हथियार उन खलिफाओं के हाथ से निकलकर हर एक बच्चे के हाथ में थमा दिये जाते हैं और हथियार इतने अधिक हो जाते हैं फिर वह शोभा बढ़ाने की अपेक्षा माहौल में तनाव पैदा करते हैं। गत वर्ष चूंकि जुलूस में आसपास के ग्रामीणों को बुलाया गया था और हर एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे क्षेत्र में एकत्र कर जुलूस की भव्यता और अनगिनत हथियारों का प्रदर्शन हुआ था उसके कारण ही इस वर्ष सीहोर में मोहर्रम के जुलूस को लेकर चर्चाएं खास हो रही हैं।

      हालांकि इस बार मुस्लिम त्यौहार कमेटी ने मशालों के उपयोग बहुत कम मात्रा में करने की बात कही है, लेकिन हथियारों को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट बयानबाजी नहीं आई है। संभवत: इसी तारतम्य में जिला प्रशासन आज शांति समिति की बैठक भी आहूत की है।