Saturday, January 3, 2009

शहादत तथा इबादत का पर्व मोहर्रम प्रारंभ, नगर देता है साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश

      जावर 2 जनवरी (नि.सं.)। हजरत हुसैन और हजरत हसन की याद मे मनाऐं जाने वाले शहादत तथा इबादत के पर्व मोहर्रम की तैयारिया इस समय नगर में जोरो पर है मोहर्रम पर्व को लेकर बच्चों तथा युवाओं मे खासा उत्साह देखा रहा हैं।

      मुस्लिम कैलेन्डर अनुसार मोहर्रम पहला महीना होता है और इसी माह दीन तथा धर्म तथा ईमान के खातिर हजरत हसन तथा हजरत हुसैन की शहादत हुई थी इन्ही की याद को ताजा करने के लिऐ मोहर्रम माह की पहली तारिक से ही इस पर्व का प्रारंभ होता है। नगर में पारम्पारिक रूप से मनाऐं जा रहें मोहर्रम का प्रारंभ चौकी धुनाई रस्म से प्रारंभ होता है तथा ताजियों का निर्माण बडेसाहब, तथा बुरखि का श्रृंगार प्रारंभ होता है। तो वही घरों तथा मस्जिदों में नफली नमाज रोजे तथा खिचड़ा बनाकर खिलाना प्रमुख है। इस माह की विशेष तारिकों में विवाह भी वर्जित माना गया है पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी बडे साहब जुलूस अखाडों व सवारियों के साथ निकाला जावेगा इस वर्ष सा.का शब्बू खॉ हाफिज खॉ हब्बू शाह जमात अली शाह कतलुभाई द्वारा तथा बुरखि का श्रृंगार गुल मोहम्मद खॉ, शौकिन खॉ, तथा अतहर खॉ के द्वारा किया जा रहा है तो बाबू शाह के द्वारा ताजिऐ का निर्माण किया जा रहा हैं।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में मोहर्रम का जुलूस सात,नौ,ग्यारह तथा बारहा तारिक को निकाला जावेगा जो कतरन विश्वरजन के साथ समाप्त होगा।

सद्भावना की मिशाल देता है नगर।

      हिन्दु उत्सव समिति मोहर्रम पर्व में निकाले जाने वाले जुलूस सहित सभी धर्म के लोगों जगह-जगह अखाडे के उस्तादों,खलिफाओं, को साफा बांधकर तथा बडे साहब,बुरखि,ताजियों का पूजन कर स्वागत करते है। वही बड़ी संख्या में लोग अपनी मुराद करते है।