आष्टा 3 सितम्बर (नि.प्र.)। छटवें वेतनमान व गजट से निराश अध्यापक शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनायेगा। शासन की भेदभावपूर्ण नीति व अपने 2003 के चुनावी घोषणा पत्र जिसमें समान कार्य के लिये समान वेतन देने की बात की थी, से मुकरने के कारण प्रदेश भर के एक लाख पच्चीस हजार शिक्षाकर्मियों व संविदा शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। 13 अगस्त 08 को जारी मध्य प्रदेश शासन के राजपत्र में अध्यापकों को पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को समाप्त करने से राज्य अध्यापक संघ ने आगामी 04 सितम्बर को जिला स्तर पर राजपत्र की होली जलाने व 5 सितम्बर 2008 को कालादिवस मनाने का निर्णय लिया है।
इसके बाद भी यदि शासन ने अध्यापकों की इन मांगों को नहीं माना तो प्रदेश भर के अध्यापक 10 सितम्बर 2008 से भोपाल में डेरा डालों घेरा डालों अभियान में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री व मंत्रियों का घेराव करेंगे जो मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा।
राज्य अध्यापक संघ द्वारा इन आंदोलनों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की है। अपील करने वालों में राजेन्द्र शर्मा, यशवंत ठाकुर, जयसिंह ठाकुर, मो. सितवत खान, मनीष सारसिया, जीवनसिंह ठाकुर, सुभाष दुबे, अशोक परमार, कृपालसिंह ठाकुर, कमल वर्मा, चंदर तोमर, ओ.पी. सारसिया, आर.पी. मालवीय, जगदीश मालवीय, भारतसिंह, लखनसिंह, कैलाश जाट, मो. इलियास, चंदन पाटीदार, मनोज श्रीवास्तव, मनोहर जैन, ज्ञानसिंह मेवाड़ा, सोभाल सिंह ठाकुर, सजन तोमर, संजय बड़ोले आदि प्रमुख है।