Saturday, September 6, 2008

गौपालकों की खैर नहीं... सुअर वालों से बैर नहीं...

सीहोर 5 सितम्बर (घुमक्कड़)। संभवत: कल से एक बार फिर नगर की संस्कृति को जीवित रखे गाय पशुओं को क्रूरता पूर्वक पकड़ा जायेगा और डंडे बरसा-बरसाकर उन्हे अस्थायी जेल में ठूंसा जायेगा उसके बाद इन्हे गौशालाओं में भेजा जायेगा जहाँ से यह कहाँ गायब हो जायेगी कभी खबर नहीं लगेगी। इधर हर बार की तरह सुअर वालों से इस बार भी प्रशासन को कोई बैर नहीं है, सुअर प्रशासन के कुछ खास अधिकारियों की पहली पसंद बने हुए हैं।
जिला प्रशासन ने एक बार फिर उसी चमत्कारी कार्यक्रम की तैयारी शुरु कर ली है जिसके तहत मूक हिन्दु आस्था की केन्द्र गौमाता को डंडे मार-मारकर एकत्र किया जाता है, बेहोंशी के इंजेक्शन लगाकर उन्हे सुलाया जाता है, डंडे मारने से उनके हाथ-पैर तोड़ दिये जाते हैं, कुछ मर भी जाते हैं....और उन्हे किसी भी तरह मार-मारकर घेरकर गौशाला भेजकर जिला प्रशासन पुण्य अर्जन करता है और अपने प्रिय पसंद के पशु सुअर को छोड़ दिया जाता है।
सूत्रों का कहना है कि गोवंश को पकड़कर रखने के लिये एक अस्थायी जेल बना ली गई है। और संभवत: एक-दो दिन में ही इन्हे पकड़ने का आह्वान शुरु हो जायेगा। पिछली बार के अभियान में गई 200 से अधिक गौवंश में से कितने जानवर आखिर गौशाला में बचे हैं इसका हिसाब भी प्रशासन के पास नहीं है।