Saturday, September 6, 2008

विलम्ब क्यों हुआ : बताना पड़ेगा कारण

सीहोर 5 सितम्बर (नि.सं.)। कलेक्टर डी.पी.आहूजा ने उन अधिकारियों कर्मचारियों से कैफियत चाही है जिन्होंने जिले में कार्यवाही के लिए आने वाले पत्रों, आदेश, निर्देश या जन सामान्य से प्राप्त जरूरी आवेदनों के प्रस्तुतीकरण में विलम्ब किया है। कलेक्टर द्वारा स्टेनो को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे प्राप्त सभी नस्तियों में दिन प्रतिदिन की गणना करें और तीन दिन से अधिक का विलम्ब होने पर संबंधित विभाग से स्पष्टीकरण लेने के बाद ही नस्ती प्राप्त करें।
कलेक्टर द्वारा इस सिलसिले में सभी कार्यालय प्रमुख को भी जरूरी हिदायतों के साथ पत्र भेजा गया है। जारी पत्र में कहा गया है कि शासकीय प्रक्रिया में होने वाले अनावश्यक विलम्ब को सुशासन के विपरीत माना गया है और इसे हर सूरत में समाप्त किया जाना चाहिए। पत्र में यह खुलासा किया गया है कि शासन के पत्र या प्राप्त आवेदन कलेक्टर से संबंधित होते हैं जिन्हें प्रक्रिया के मुताबिक संबंधित विभाग अथवा शाखा को तत्समय प्रस्तुत करने के लिए भेजा जाता है। नियम के मुताबिक ऐसे दस्तावेज आवेदन का प्रस्तुतीकरण ज्यादा से ज्यादा तीन दिन में हो जाना चाहिए। कार्यालय मेनुअल में भी इसका पालन अपेक्षित है। इसके बावजूद नस्तियों के प्रस्तुतीकरण में अनावश्यक विलम्ब किया जाना पूरी तरह नियम के खिलाफ है। कलेक्टर श्री आहूजा ने स्पष्ट किया है कि इस कार्यालय से संबंधित पत्र को लम्बित रखने या उस पर डिसीजन लेने का अधिकार किसी को नहीं है।
कलेक्टर श्री आहूजा द्वारा इस बात पर भी कड़ी आपत्ति ली गई है कि अत्यन्त विलम्ब से प्रस्तुत नस्ती के संबंध में न तो कोई अनुमति ली जाती है और न ही नस्ती प्रस्तुतीकरण के वक्त कोई स्पष्टीकरण बताया जाता है। उन्होंने साफ कर दिया है कि अब इस प्रकार की विलम्ब पूर्ण कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।