Saturday, September 6, 2008

क्षमा वीरों का आभूषण है कायरों का नहीं- श्री मधुबालाजी

आष्टा 5 सितम्बर (नि.प्र.)। बदला लेने की भावना का आनन्द केवल एक दिन का होता है जब कि क्षमा का आनन्द हमेशा गौरव प्रदान करता है। गुलदस्ता कांटों का नहीं फूलों का बनाओं तो सबको खुशबू दे मंथन पानी का नहीं दही का करें। चिन्तन अच्छे कार्यो का नहीं गलतियों का करो। जीवन तभी सफल माना जायेगा जब क्षमा मांगना और देना व्यक्ति सीख लेगा।
क्षमा वीरों का आभूषण है कायरों का नहीं उक्त उद्गार आज श्री महावीर भवन स्थानक मंडी श्वेताम्बर जैन श्री संघ्ज्ञ की सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में पूज्य म.सा. श्री मधुबाला जी ने कहे। म.सा. ने कहा कि वो व्यक्ति वीर होता है जो क्षमा मांगता है और क्षमा देता है। इस अवसर पर श्री सुनीता जी म.सा. ने कहा कि जो भव्य आत्मा अन्ताकारण से क्षमा मांगता है और क्षमा देता है वो आत्मका अपने दुर्लभ मानव जीवन को सार्थक करता है। क्षमा चार प्रकार की बताई है। राग से युक्त क्षमा, स्वार्थ से युक्त क्षमा, उपकार से चुकाने वाली क्षमा, उपकारी के उपकार करने वाले के प्रति क्षमा। संवत्सरी और क्षमावाणी के पावन पर्व पर दिल से क्षमा मांगों और क्षमा दो। सामूहिक क्षमावाणी पर्व पर आज श्रीमति साधना रांका एवं सीमा टांटीया ने भजन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक चन्दनमल बनवट, सवाईमल बोहरा, लख्मीचन्द पारख, कल्याणमल रूगवाल, दिलीप संचेती, कैलाश गोखरू, जवरचन्द्र चतरमुथा, महेन्द्र सुराना, प्रसन्न बनवट, अशोक देशलहरा, सुंदरलाल बोहरा, भविष्य सुराना, शिखर सुराना, शिखर बोहरा, पारसमल सिंघवी, साधनारांका, बेला सुराना, चन्दा बोहरा, अलका रांका, मुकेश चत्तर, देवनारायण टेलर, श्रेयांस सुराना, दिनेश रांका, प्रकाश कोपर, पवन सुराना, रविन्द्र रांका, नगीन बोहरा, निर्मल रांका, राकेश सुराना आदि ने सम्बोधित कर सभी से क्षमा याचना की। इस अवसर पर पूज्य म.सा. ने श्री संघ से क्षमा याचना की। किले मंदिर पर पधारे स्वाध्याइ भाई कुवरलाल रांका, मुकेश चत्तर, यतिन्द्र भंडारी एवं विनोद संघवी का स्वागत सम्मान भी किया गया। आज श्रावक विजय देशलहरा के उपवास करने पर घोषणा अनुरूप लखमीचन्द्र पारख परिवार द्वारा सभी तपस्या करने वालों का स्थानक में पारखा रखा गया। क्षमावाणी पर्व पर बाद में सदस्यों ने घरों पर पहुंचकर भी एक दूसरे से क्षमायाचना की। सामूहि क्षमावाणी पर्व पर आज स्थानक में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। क्षमावाणी कार्यक्रम का संचालन सुशील संचेती ने तथा आभार दिलीप सुराना व्यक्त किया।