Thursday, August 28, 2008

गायत्री मंत्र उर्दू में गाया तो श्रोता झूम उठे

सीहोर 27 अगस्त (नि.प्र.) अल्लामा इकबाल साहित्य प्रभाग, साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग के तत्वाधान में ब्ल्यू बर्ड स्कूल में आयोजित शाम-ए-मौसिकी में देश के ख्यातनाम कलाकारों ने अपनी शानदार गजलों की प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। इस अवसर पर प्रतिभावान छात्रा शिरोनी पालीवाल की प्रस्तुति पर उसे सम्मानित किया गया।

रंगारंग संगीत का यह आयोजन विधायक रमेश सक्सेना के मुख्य आतिथ्य और साहित्य अकादमी निदेशक डॉ. देवेन्द्र दीपक की अध्यक्षता और सिंधी साहित्य अकादमी निदेशक और प्रभारी इकबाल प्रभाग झम्मू छुंगाणी के विशेष आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रावलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। बैच ब्ल्यू बर्ड स्कूल की श्रीमति अश्विनी विश्वकर्मा और कुमारी भूमिका दासवानी द्वारा लगाए गए। स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार डा. कैलाश गुरू स्वामी, पंकज पुरोहित सुबीर, कलाकार विजय पालीवाल, सुनील भालेराव तथा अतिथि कलाकार जुल्फिकार अली, कीर्ति सूद और पत्रकार बसंत दासवानी ने किया। मां सरस्वती की वंदना और मां भारती की वंदना ब्ल्यू बर्ड स्कूल की कक्षा छटी की छात्रा शिरोनी पालीवाल ने प्रस्तुत की।

झूम उठे श्रोता

संगीत के इस अनूठे आयोजन में जब संगतकार तबला मो. नईम, वायलिन रईस शाह, सिंथसाइजर मो. शाहिद, आक्टोपैड मो. वसीम तथा हारमोनियम जितेन्द्र ने जब संगत प्रदान की तो देश के ख्यातनाम कलाकार जुल्फिकार अली ने अपनी गजल जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है, संग हर शख्स ने हाथों में उठा रखा है, सितारों से आगे जहां और भी है अभी इश्क के इम्तेहां और भी हे, कीर्ति सूद ने सफी तर्ज पर खिदबंदों से क्या पूंछू कि मेमरी इब्तिदा क्या है, लब पर आती है दुआ बनकर तमन्ना मेरी जिन्दमी शम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी, शोभना प्रधान ने फिर चरागे लाला से रोशन हुए कोहो दमन फिर मुझे नगमों पे उकसाने लगा मुर्गे चमन, लाऊं तिनके कहां से आशियाने के लिए बिजलियां बेताब है जिनको जलाने के लिए तथा विजय सप्रे ने हिन्दुस्तान बच्चों का कौमी गीत, चिश्ती ने जिस जमी पर पैगामे हक सुनाया, उजागर आज अपने जख्में पिन्हां करके छोछूंगा लहू रो रो के महफिल को गलिस्तां करके छोडूंगा की प्रस्तुति दी तो श्रोता वाह-वाह कर उठे।

गायत्री मंत्र उर्दू में

कार्यक्रम में सभागार उस समय तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कविताओं को स्वरबद्ध करने वाले जुल्फिकार अली ने गायत्री मंत्र को उर्दू में ऐ आफताब रूहो रवाने जहां है तू प्रस्तुत किया। इससे पहले गायक कलाकार शोभना प्रधान ने गायत्री मंत्र सुनाया शोभना प्रधान और कीर्ति सूद ने श्रोताओं की मांग पर भगवान श्री कृष्ण की भक्ति भावना से ओतप्रोत भजनों को सुनाकर जन्माष्टमी की पूर्व रात्रि को सार्थकता प्रदान की।

शिरोनी सम्मानित

शहर की प्रतिमा सम्पन्न कलाकार शिरोनी पालीवाल को विधायक रमेश सक्सेना ने पांच सौ एक ओर साहित्य अकादमी निदेशक डॉ. देवेन्द्र दीपक ने अपनी ओर से पांच सौ एक रूपए भेंटकर सम्मानित किया इस अवसर पर विधायक रमेश सक्सेना ने कहा इतने इच्छे आयोजन के लिए साहित्य अकादमी बधाई की पात्र है। निदेशक डॉ. दीपक ने कार्यक्रम की रिर्पोट प्रस्तुत की और स्वागत भाषण झम्मू छुगाणी ने दिया। संचालन मुमताज खान ने किया आभार बसंत दासवानी ने माना।