Saturday, August 23, 2008

कान का काम है सुनना तय आपको करना है कि कानों ने धर्मवाणी सुने या गीत संगीत

आष्टा 20 अगस्त (नि.प्र.) जो व्यक्ति विषयों में मस्त रहता है वो मर कर नरक में जाता है और व्यक्ति विषयों से विरक्त होने पर पांचों इन्द्रियों तथा छटा मन इन सब पर विजय पाता है। जो चक्रवर्ती राजा होता है वो छ खंड का राजा होता है लेकिन वो मरकर नरक में जाता है क्योंकि वो विषयों में मस्त रहता है, पांच इन्द्रियों में से एक इन्द्री है मन मन का काम है सुनना तय आपको करना है कि इस को धर्म की वाणी, गुरू भक्तों के प्रवचन सुनाये या फिर गीत-संगीत उक्त उद्गार पूज्य म.सा. श्री मधुबाला जी ने आज प्रवचन के दौरान महावीर भवन स्थानक में कहे।

म.सा. ने कहा कि जो व्यक्ति पांचों इन्द्रियों और छटा मन पर विजय पा लेता है वो आत्मा कर्मी से मुक्त हो जाती है और शासवत सुख को पा लेती है। जो व्यक्ति मीठे काम भोग से पीता है उसे पीछे इसके बदले कड़वे फल भोगना पड़ते है। विषयों के विरक्त होने के लिए तैयार हो जाओ क्योंकि पर्वो का राजा महापर्व पयूर्षण आ रहे है।

इस अवसर पर सुनीता जी म.सा. ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में नीति और प्रमाणिकता होना चाहिये उसके जीवन में अनुशासन को प्राथमिकता देना चाहिये। वो ही व्यक्ति सफल और उसका जीवन सार्थक होगा आत्मशुद्धी का महापर्व पयूर्षण आ रहा है 352 दिनों में हमने जो कुछ पाप गलतियां की उसका आत्म चिन्तन करें और क्षमावाणी पर क्षमा याचना करे।

पर्व हमेशा आत्मा में झांकने के लिए आते है। तेले के कडी में तेला करने वाले श्रावक दिलीप सुराना का श्राविका कुमारी गोलू देशलहरा ने सम्मान किया।



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