Saturday, August 23, 2008

अंतत: अशोक सिसोदिया का अध्यक्ष पद के लिये नाम निर्देशित, कार्यभार संभाला

जो 4 साल में नहीं कर पाये वो हम 2 महिने में करके बतायेंगे -रमेश सक्सेना

सीहोर 22गस्त (नि.सं.)। अंतत: नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर आज भाजपा पार्षद दल के नेता नगर पालिका उपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया आसीन हुए। जिन्होने विधायक रमेश सक्सेना की उपस्थिति में कार्यभार संभाला। शाम 5 बजे शुभ चौघड़िया ने कार्यभाल संभालते ही यहाँ नगर पालिका में ढोल-ढमाके के साथ नारेबाजी हुई। एक स्वागत जुलूस में अशोक सिसोदिया नगर में निकला।

उल्लेखनीय है कि 3 दिन पूर्व अचानक भोपाल से यह खबर सीहोर पहुँच गई थी कि नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय को अनियमितताओं के आरोप में राय शासन नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा पदच्यूत किया जा रहा है। इसकी जानकारी सीहोर आते ही रात चर्चाओं का बाजार गर्मा गया था। हालांकि ऐसे कोई आदेश आज तक किसी के द्वारा भी सार्वजनिक नहीं किये गये थे।

लेकिन इसके बावजूद दूसरे ही दिन नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने एक पत्रकार वार्ता बुलाकर विधायक रमेश सक्सेना व मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। उन्होने यह तक कहा था कि विकास को रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है। और जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि को इस प्रकार हटाया जाना जनता जनार्दन का अपमान है। राय के तीखे आरोपों के बाद भी विधायक रमेश सक्सेना ने चुप्पी साध रखी थी। लोगों का विश्वास था कि सक्सेना की चुप्पी के पीछे जरुर कोई राज है।

आज तीसरे दिन सुबह भागवत कथा स्थल पर पहुँचने के पूर्व से ही विधायक श्री सक्सेना की व्यस्तताएं बढ़ गई थी और इसके बाद वह कथा श्रवण करने की बजाय सीहोर से बाहर चले गये थे। शाम जब श्री सक्सेना लौटे को नगर में भाजपाईयों और सक्सेना समर्थकों में खुशी की लहर पैदा हो गई थी।

विधायक श्री सक्सेना अपने साथ मध्य प्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के उपसचिव एस.के. उपाध्याय द्वारा जारी एक आदेश की कापी लाये थे जिसमें लिखा था 22 अगस्त का ही आदेश क्रमांक एफ 4-2660718-3, मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 37 (2) में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए श्री अशोक सिसोदिया, उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद सीहोर को अध्यक्ष की समस्त शक्तियाँ तथा कर्तव्यों का पालन करने के लिये नाम निर्दिष्ट किया जाता है।

जैसे-जैसे यह खबर लोगो को लगने लगी यहाँ नगर पालिका कार्यालय पर भी एकत्र होने लगी। विधायक रमेश सक्सेना अपने हाथ में आदेश की कापी लाये। यहाँ मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आदेश की कापी दी गई। इसके बाद बकायदा अशोक सिसोदिया को मुख्य नगर पालिका अधिकारी डी.एस. परिहार ने कार्यभार सौंपा। श्री सिसोदिया के हस्ताक्षर करते ही यहाँ आतिशबाजी की गई साथ ढोल की थाप युवक नाचे भी। यही विधायक श्री सक्सेना एक निजी दूरदर्शन वाहिनी (न्यूज चेनल) को दिये साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि विगत 4 साल में जो नहीं हो सका उसे हम आगामी दिनों में करके बता देंगे। जो काम 4 साल में नहीं किया गया उसे 2 माह में करके दिखायेंगे औ यह भी सिखा देंगे कि काम कैसे होता है। श्री सक्सेना ने कहा कि हालांकि आचार संहिता लगने वाली है समय बहुत कम है, हो सकता है हम काम न भी कर पायें। श्री सक्सेना ने कहा कि विकास का मतलब यह नहीं कि सिर्फ दिखावे काम हो, आप सड़क बनवा तो दो लेकिन पता चले कुछ ही दिनों में उखड़ जाये, इसे विकास नहीं कहते। उन्होने कहा कि नगर पालिका में हुई अनियिमितताओं को भी जनता के सामने लाया जायेगा और क्या-क्या गड़बड़ी हुई उसे जनता को बताया जायेगा।

4 पार्षद छोड़ सारे पार्षद गायब दिखे

सीहोर। आज भारतीय जनता पार्टी के लिये इतनी बड़ी खुशी का मौका था लेकिन यहाँ भारतीय जनता पार्टी के सारे पार्षदगण इस खुशी में शामिल नजर नहीं आये। आज जब नगर पालिका में अशोक सिसोदिया का नाम अध्यक्ष पद के लिये निर्दिष्ट हुआ तो यहाँ भाजपा के बहुसंख्यक पार्षदगणों की अनुपस्थिति तो चर्चाओं में रही ही बल्कि भाजपा का एक धड़ा भी गायब रहने और इस खुशी के माहौल से दूर रहने की चर्चाएं सरगर्म हो गई। जबकि सक्सेना समर्थकों में खासा उत्साह नजर आया।



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