आष्टा 23 अगस्त (नि.प्र.)। एक सितम्बर से 6 सितम्बर के बीच में स्वास्थ्य मंत्रालय नई दिल्ली का एक दल आष्टा सिविल अस्पताल का निरीक्षण एवं विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिये आने की उम्मीद को लेकर पूरा स्वास्थ्य महकमा भोपाल से लेकर आष्टा तक का सक्रिय नजर आ रहा है। उक्त दल के आगमन की सूचना के बाद आज आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमति अलका उपाध्याय, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य भोपाल संभाग डॉ.बी.एस. ओहरी, सीएमओ श्री मरावी ने आज सुबह से लेकर शाम तक आष्टा सिविल अस्पताल का निरीक्षण कर उसे चकाचक करने के स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन को कड़े निर्देश दिये। आज भोपाल से सुबह आई अलका उपाध्याय ने सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया तथा यहां पर व्याप्त गंदगी को देखकर कड़ी नाराजी व्यक्त करते हुए अधिनस्थों को सख्त निर्देश दिये कि दिल्ली से आने वाले दल के पूर्व सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद होना चाहिये। आज उन्होने प्रसूति कक्ष, बच्चा वार्ड, मरीज वार्ड, पट्टी कक्ष, एक्स-रे कक्ष व अन्य स्थानों का निरीक्षण कर विभिन्न अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने के सख्त निर्देश दिये। इसके बाद डॉ. बी.एस. औहरी ने दिनभर आष्टा में रहकर विभिन्न व्यवस्थाओं को सुधारे जाने के कड़े निर्देश दिये। उन्होने आज विभिन्न स्थानों से आई नर्सो को ट्रेनिंग देते हुए बताया कि उन्हे जहाँ पदस्थ हैं क्या-क्या कार्य वहां करना चाहिये, उनका लक्ष्य क्या होना चाहिये। अगर वे अपनी सेवाएं नहीं देंगी तो उसका कितना नुकसान मरीज को हो सकता है। श्री ओहरी ने शाम को जाते वक्त फुरसत से चर्चा करते हुए बताया कि ओपीडी की पर्ची व्यवस्था सुधारे जाने के निर्देश दिये हैं। फुरसत ने जब उनका ध्यान अस्पताल के उपस्थिति रजिस्टर में किस प्रकार चिकित्सक अपनी काटा-पीटी कर उपस्थिति दर्ज करते हैं तब उन्होने तत्काल उक्त रजिस्टर को मंगाकर निरीक्षण किया जिसमें पाया कि महिला चिकित्सक डॉ.श्रीमति अंजना सिंह, दंत चिकि. एस.के.माहोर के नाम के आगे कई महिनों से इस प्रकार काटा पीटी कर हस्ताक्षर किये जा रहे हैं। इस पर उन्होने डॉ. माहौर को शोकाज नोटिस जारी करने तथा श्रीमति अंजना सिंह के खिलाफ भी कार्यवाही करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि आष्टा में शीघ्र ही ब्लड स्टोरेज की इकाई बने इसके प्रयास होंगे।
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