सीहोर 24 जून (नि.सं.)। शहर की साहित्यिक संस्था शिवना द्वारा पावस आगमन का स्वागत वर्षा मंगल का आयोजन करके किया । उर्दू के वरिष्ठ शायर असगर ताज के मुख्य आतिथ्य में ये कार्यक्रम संपन्न हुआ । वरिष्ठ साहित्यकार श्री नरायण कासट नदीम के निवास पर शिवना द्वारा वर्षा मंगल का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम मुख्य अतिथि ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
तत्पश्चात शिवना की ओर से कवि आमप्रकाश तिवारी ने मुख्य अतिथि का पुष्पहार से स्वागत किया । मां सरस्वती की वंदना ''पूजन अर्चन वंदन मां बिन कुमकुम बिन चंदन मां '' का युवा कवि जोरावर सिंह ने सस्वर पाठ कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। ओज कवि ओम प्रकाश तिवारी ने भारत मां की वंदना के कुछ मुक्तक पढ़े और साथ ही राष्ट्र भक्ति की कविता ''जिसके समीर से सांस चले जिसके अमृत से प्यास बुझे'' का सस्वर पाठ कर समां बांध दिया । कार्यक्रम का संचालन कर रहे युवा कवि पंकज सुबीर ने वर्षा के आगमन पर अपनी '' गाल गरज कर झूम कर बादल उठे हैं आ भी जाओ तुम तुम्हारी राह में मौसम बिछे हैं आ भी जाओ तुम'' का पाठ किया ।
जोरावर सिंह ने मंहगाई का कटाक्ष करते हुए अपनी रचना ''सुनो तुम आजादी के हाल सुनो तुम आजादी के हाल को'' पढ़ा जिसे खूब सराहा गया । शायर धर्मराज देशराज ने गजल ''दुनिया से यूं भी इश्क का रिश्ता निभाइये'' पढ़ी । गीतकार रमेश हठीला ने वर्षा की अगवानी में गीत ''कारो मेघा धीरे बरसो रे '' और गजल ''पहली बरसात का मजा लीजिये हुजूर भीग कर'' पढ़ कर वर्षा का सजीव चित्रण कर दिया ।
सुकवि हरीओम शर्मा दाऊ ने मुक्तक और क्षणिकाएं ''दिल से नहीं दिल पे नहीं दिल नहीं बोलता'' पढ़े । मुख्य अतिथि असगर ताज ने कई गजलों का पाठ किया न%म ''जब दूर से देखा तेरा आंचल उड़ता हुआ'' को काफी सराहा गया ।
वरिष्ठ साहित्यकार नारायण कासट नदीम ने कई मुक्तक पढ़े श्रोताओं के अनुरोध पर उन्होंने अपनी गजल ''दीप कोई जब जलाया जाएगा गीत मेरा गुनगुनाया जाएगा यूं सहज ही हार मानूंगा नहीं मौत से पंजा लड़ाया जाएगा'' का सस्वर पाठ किया । अंत में आभार हरीओम शर्मा दाऊ ने व्यक्त किया ।