अपनी बात
आष्टा 24 जून (सुशील संचेती)। वो आ रहे हैं नहीं-नहीं वो नहीं आ रहे हैं, उनकी जगह दूसरे आ रहे हैं ऐसी अनेकों चर्चाएं जिले में चल रही थी, जब से कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह का सीहोर से स्थानान्तरण हुआ और शासन ने उनके स्थान पर रीवा कलेक्टर श्री डी.पी.आहूजा को सीहोर भेजा कल आखिर कर सभी चर्चाओं को उस वक्त विराम लग गया। जब श्री आहूजा ने सीहोर पहुँचकर पदभार ग्रहण किया। आज जब आष्टा क्षेत्र के नागरिकों, नेताओं, सामाजिक-संगठनों पत्रकारों ने समाचार पत्रों में पढ़ा की जिले की कमान युवा उर्जावान कलेक्टर डीपी आहूजा ने संभाल ली है और जिला मुख्यालय पर पद्भार ग्रहण करते ही उन्होने सबसे पहला निरीक्षण जिला चिकित्सालय पहुँच कर किया। नवागत कलेक्टर श्री आहूजा का पद्भार ग्रहण करने के तत्काल बाद जिला चिकित्सालय पहुंचना एक संकेत है कि उनकी जिले में क्या प्राथमिकता होगी। नवागत कलेक्टर श्री आहूजा से आष्टा क्षेत्र को भी काफी उम्मीदे हैं जिलाधीश जी आष्टा मे बहुत कुछ अच्छा है तो बहुत कुछ गड़बड़ भी हैं। जो गड़बड़ हैं उसके लिये आपकी पैनी नजरों को गड़बड़ी वाले विभागों में गहराई में जाना होगा तथा जो जहाँ अच्छा है उसे आपके मार्गदर्शन और आशीर्वाद की भी अपेक्षा है।आष्टा में सबसे पहले आपको पाले के बाद जो सर्वे हुआ सर्वे के बाद तहसील में आज जो सैकड़ों शिकायतें जांच का इंतजार कर रही हैं पाले के सर्वे कार्यों में आपको गहराई में जाना होगा हो सके तो आष्टा क्षेत्र में इसकी जांच भी हो तो पटवारी एवं पटवारियों के दलालों के चेहरे उजागर हो जायेंगे, जिन्होने पाले के सर्वे में छापा किया है। ऐसा नहीं है कुछ शिकायतों की आष्टा में जांच भी हुई है एवं कुछ पटवारियों पर इसकी गाज भी गिरी है। आष्टा विकास खण्ड की पंचायतों में क्या हा ेरहा है क्या चल रहा है आपकी पैनी नजरों को वहाँ तक भी पहुँचना होगा हाल ही में एक ग्राम पंचायत हकीमाबाद में ग्रामीणों की शिकायत के बाद जो उजागर हुआ है उससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायतों में वरिष्ठ अधिकारियों के आशीर्वाद की छांव में क्या-क्या हो रहा है। कुछ दिनों पूर्व ग्राम भामूरा के एक युवक ने पंचायतों में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत की थी उसकी जांच जब शुरु हुई तो कईयों के पैरों से जमीन खिसकने लगी तब समझौता एक्सप्रेस शुरु हुई और बंद कमरे में शिकायतकर्ता और प्रभावित होने वालों में समझौता हो गया, जांच दबकर रह गई। भामूरा की जांच तो होना ही चाहिये कि जो शिकायत हुई थी जांच भी हुई उसके क्या परिणाम निकले? इन दिनों क्षेत्र में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 4-5 बड़े डेम बन रहे हैं इन डेमों में गुणवत्ता का काफी अभाव है, इसकी शिकायत अरनिया जौहरी क्षेत्र के ग्रामीणों ने एवं युवा नेता देवेन्द्र ठाकुर ने एसडीएम आष्टा को भी की थी लेकिन एक जनप्रतिनिधि ठेकेदार के सामने ना जाने क्यों सुरक्षा कवच के रुप में बार-बार खड़े हो जाते हैं जब उक्त डेम में गड़बड़ नहीं है तो जनप्रतिनिधि महोदय क्यों सुरक्षा कवच के रुप में यह कहते नजर आते हैं कि नहीं सब कार्य ठीक-ठाक हो रहा है। इसी प्रकार आष्टा क्षेत्र की सार्वजनिक वितरण प्रणाली, शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग महिला व बाल विकास, मंडी व अन्य विभागों की और भी अगर श्री आहूजा अपनी नजर घूमायें तो बहुत कुछ नजर आयेगा। निश्चित ही आपकी निगाह यहाँ पड़ेगी तो सुधार भी होगा और सुधार होने पर आम जन को राहत भी मिलेगी और योजनाओं को लाभ भी मिल सकेगा। कलेक्टर साहब अब बात है लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की, आपके पूर्व सीहोर में जितने भी जिलाधीश रहे (राघवेन्द्र सिंह को छोड़कर ) सभी ने जिले भर के पत्रकारों से सतत सम्पर्क बनाये रखा और उसका लाभ प्रशासन को कई मामलों में मिला। राघवेन्द्र सिंह का स्थानान्तरण भले ही एक सामान्य प्रक्रिया दर्शाई गई हो लेकिन उनका जाना उसी दिन तय हो गया था जब सीहोर में कलम को लटठ से दबाने का काला अध्याय लिखा गया था। नवागत जिलाधीश जी जिले में जो त्रैमासिक पत्रकारों की बैठकों का दौर थमा है उसे आप पुन: जीवित करेंगे ऐसी जिले की प्रेस को पूरी उम्मीद है। क्योंकि प्रशासन और प्रेम में जब तक जीवित सम्पर्क और संबंध नहीं होंगे, निश्चित ही अनेक जगह अवरुध्दता आयेगी। आष्टा क्षेत्र के सभी नागरिकों, पत्रकारों की और से नवागत कलेक्टर श्री आहूजा का स्वागत है, आष्टा को उनसे जो उम्मीदें हैं निश्चित वे जीवंत सम्पर्क स्थापित कर उम्मीदों को पूरा करेंगे।