सीहोर 14 जून (नि.सं.)। नगर पिछले दिनों एक सर्कस आया था और उसे देखने वालों की भीड़ भी बहुत थी। सर्कस ने भारी भरकम जमीन पर अपना सर्कस फैलाकर कई दिनों तक सीहोर की जनता का मनोरंजन किया लेकिन इससे नगर पालिका ने मनोरंजन कर के नाम पर आधी से भी कम राशि वसूली। जबकि हर दिन कई नगर पालिका कर्मी यहाँ सर्कस देखने पहुँच जाया करते थे।
जिस नगर पालिका का अध्यक्ष खुद हजारों रुपये का मनोरंजन कर हर माह चुकाता हो उसी नगर पालिका ने मनोरंजन कर में भारी छूट किसी बाहरी सर्कस कम्पनी को दे डाली। अब इसे छूट कहें या सेटिंग लेकिन पिछले दिनों जो ईसा स्टार सर्कस बस स्टेण्ड के पास लगा हुआ था उसके प्रतिदिन 2 शो के हिसाब से बहुत बड़ी राशि मनोरंजन कर के रुप में बनती थी लेकिन नगर पालिका के कुछ कर्मचारियों ने इससे मनोरंजन की उक्त राशि जमा ही नहीं करवाई।
उल्लेखनीय है कि सर्कस करीब एक माह से अधिक समय तक सीहोर में रहा और हर दिन इसके दो शो हुए। हालांकि बीच में इसकी दो दिन के लिये छुट्टी थी क्योंकि सर्कस के कर्मचारियों का आपस में विवाह समारोह था। सर्कस 17 अप्रैल से आया था और 18 मई तक इसने अपना प्रदर्शन किया था। इस प्रकार दो शो रोज के हिसाब से प्रति शो 50 रुपये के मान से भी 3 हजार रुपये के करीब इसका मनोरंजन कर जमा कराया जाना था । सुविज्ञ सूत्रों का कहना है कि मनोरंजन कर की बड़ी राशि ईसा स्टार सर्कस से वसूली जाना थी । क्या उसे वसूला गया या नहीं इसे तो नहीं कहा जा सकता लेकिन मात्र 1 हजार रुपये जमा करवा दिये गये हैं जबकि राशि अधिक वसूल की जाना चाहिये थी। इस दौरान कुछ नगर पालिका के कर्मचारी अक्सर अपने परिजनों या मिलने वालों के साथ सर्कस देखने पहुँच जाते थे यह अलग बात है। लेकिन विचारणीय बात यह है कि जिस नगर पालिका का अध्यक्ष ही हजारों रुपये का मनोरंजन कर चुकाता है उसी नगर पालिका ने किसी दूसरे पर इतनी रहमदिली कैसे दिखा दी ? देखते हैं क्या नगर पालिका अध्यक्ष इस खुले आम हुई गड़बड़ी की जांच करते हैं या नहीं ।