Friday, April 4, 2008

30 ट्रक बैलों से भरे आष्टा पुलिस ने पकड़े

आष्टा 3 अप्रैल (नि.सं.)। भिण्ड जिले के रोंद से भराकर खंडवा जिले के आशापुर मेले में विक्रय हेतु 30 ट्रकों में भरकर जा रहे बैलों के ट्रकों को थाने के सामने आष्टा टीआई अतीक अहमद खान के नेतृत्व में पुलिस ने पकड़ा। इन सभी ट्रकों के चालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज किये गये हैं जो व्यापारी इन बेलों को मेले से खरीद कर मेले में बेचने ले जा रहे थे उनके पास बैलों को खरीदी की रसीद पशु चिकित्सकों की परीक्षण रिपोर्ट एवं बेलों के कानों में मोहर लगी हुई है। टीआई अतीक अहमद खान ने बताया कि जब उक्त ट्रक श्यामपुर से सीहोर की और आ रहे थे तब इन ट्रकों को शिवसैना और बजरंग दल के लोगों ने रोकने के प्रयास किये जब ये नहीं रुके और भागे तो इन्होने अपने सम्पर्क सूत्रों को आष्टा खबर की पुलिस को जब खबर लगी तो पुलिस ने थाने के सामने इन्हे घेराड्ड कुछ ट्रक पदमसी तक भाग निकले थे उन्हे वहाँ से पकड़ा और थाने लाया। ट्रकों के साथ जो व्यापारी हैं उन्होने सभी कागज बेलों को खरीदी के मेले की रसीद, डाक्टरी रिपोर्ट आदि बताई है लेकिन इन बेलों को ट्रकों में निश्चित से अधिक ठूंस-ठूंस कर भरा था, इसलिये इन सभी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज किये हैं। बेलों का आष्टा पशु चिकित्सक से प्रशिक्षण भी कराया गया है। बेलों का व्यापार करने वाले एक व्यापारी इख्तयार आत्मज कमरुद्दीन निवासी अलीगंज जिला गंगापुर सिटी राजस्थान ने बताया कि बगेरे मेले में उक्त बैल खरीदे थे और उन्हे बेचने के लिये आशापुर के मेले में ले जा रहे थे। 10 ट्रकों में भरे बैल उनके व अन्य व्यापारियों के हैं। एक अन्य व्यापारी प्रभु मेनबर पुत्र पीत्या ग्राम नादूगत जिला बूंदी ने बताया कि उन्होने रौन्द जनपद के इंन्दुर्खी मेले से उक्त बेल खरीदे हैं और आशापुर बेचने जा रहे हैं पकड़े गये ट्रक अभी थाने में खड़े हैं। तथा आरोपियों राधेश्याम शर्मा, सद्दू, ओम प्रकाश, सुनील कुमार, कैलाश, बबलु, हरीशंकर, रुप सिंह, गुरुनाथ सिंह, अमृतलाल, भूरा, श्रीकृष्ण, सलीम, जावेद, राजेन्द्र, महेश, हाकम सिंह, मुकेश, राम विलास, शिवनाथ, वहीद खां, शिवचरण, अब्दुल अजीज, फकरुद्दीन, धर्म सिंह, साहउद्दीन, सलाम, कैलाश, प्रीतम व अवधेश को गिरफ्तार कर इनके विरुध्द पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। 30 ट्रकों में लगभग 520 बेल भरे थे जिन्हे उतार कर कालेज के सामने बाले मैदान में चराने के लिये छोड़ा गया है। थाने से इनके लिये नगर पालिका के माध्यम से पानी व अन्य स्त्रोतों से भूसे की व्यवस्था की है।