सीहोर 3 अप्रैल (नि.प्र.)। अधिवक्ता, पत्रकार रामनारायण ताम्रकार पर दमनात्मक कार्यवाही करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने पर अभिभाषकों ने गंभीरता से लेकर अपने आंदोलन को तेज गति देने का निर्णय लेकर आठ अप्रैल को तहसील कार्यालय के बाहर धरना देंगे। प्रदेश स्तर पर वकीलों को शामिल करने की पहल करने के साथ ही जिले भर के वकील मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजकर कार्यवाही की मांग करेंगे।
यह निर्णय गुरुवार को जिला अभिभाषक संघ के सभागृह में संघर्ष समिति के अध्यक्ष मेहरबान सिंह बलभद्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिये गये। संघर्ष समिति के प्रवक्ता अधिवक्ता के.यू.कुरैशी ने बताया कि बैठक 24 मार्च के पश्चात की गई कार्यवाही पर चर्चा हुई। सरकार स्तर पर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने पर चिंता व्यक्त कर आंदोलन को गति देने का निर्णय सर्वानुमति से लिया गया। इस घटना को लेकर प्रदेश भर के वकीलों को शामिल कर हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिये पहल होगी। इसके अलावा आठ अप्रैल को तहसील कार्यालय के सामने धरना दिया जायेगा। जिसमें वकीलों के अलावा राजनैतिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री का ध्यान केन्द्रित करने के लिये जिले भर के वकील मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजकर कार्यवाही की मांग करेंगे। इधर वकीलों द्वारा किया जा रहा राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार भी जारी रहेगा।
म.प्र.बार कौंसिल अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा के नेतृत्व में वकीलों का प्रतिनिधि मण्डल रायपाल तथा मुख्यमंत्री से भी मिलेगा। इस बैठक में जिला अभिभाषक संघर्ष समिति के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता सुदर्शन महाजन, जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष मुकेश सक्सेना, सचिव अरुण टिंगोरिया, एन.पी.उपाध्याय, के.एस.भार्गव, केयू. कुरैशी, महेश दयाल चौरसिया, प्रदीप पहलवान, सीएस लाम्बा, मोहन राजपूत, राजेश काशिव, अनिल दुबे, रामनारायण ताम्रकार प्रमुख रुप से शामिल थे।
यह निर्णय गुरुवार को जिला अभिभाषक संघ के सभागृह में संघर्ष समिति के अध्यक्ष मेहरबान सिंह बलभद्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिये गये। संघर्ष समिति के प्रवक्ता अधिवक्ता के.यू.कुरैशी ने बताया कि बैठक 24 मार्च के पश्चात की गई कार्यवाही पर चर्चा हुई। सरकार स्तर पर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने पर चिंता व्यक्त कर आंदोलन को गति देने का निर्णय सर्वानुमति से लिया गया। इस घटना को लेकर प्रदेश भर के वकीलों को शामिल कर हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिये पहल होगी। इसके अलावा आठ अप्रैल को तहसील कार्यालय के सामने धरना दिया जायेगा। जिसमें वकीलों के अलावा राजनैतिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री का ध्यान केन्द्रित करने के लिये जिले भर के वकील मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजकर कार्यवाही की मांग करेंगे। इधर वकीलों द्वारा किया जा रहा राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार भी जारी रहेगा।
म.प्र.बार कौंसिल अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा के नेतृत्व में वकीलों का प्रतिनिधि मण्डल रायपाल तथा मुख्यमंत्री से भी मिलेगा। इस बैठक में जिला अभिभाषक संघर्ष समिति के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता सुदर्शन महाजन, जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष मुकेश सक्सेना, सचिव अरुण टिंगोरिया, एन.पी.उपाध्याय, के.एस.भार्गव, केयू. कुरैशी, महेश दयाल चौरसिया, प्रदीप पहलवान, सीएस लाम्बा, मोहन राजपूत, राजेश काशिव, अनिल दुबे, रामनारायण ताम्रकार प्रमुख रुप से शामिल थे।