Wednesday, March 26, 2008

राकेश राय को पार्टी में शामिल करने पर कैलाश परमार ने सुरेश पचौरी के खिलाफ मोर्चा खोला


आष्टा 25 मार्च (हो.सं.)। सीहोर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार के लगता है अब पर निकल आये है एक समय था जब वे अपने आका केन्द्रिय मंत्री सुरेश पचौरी के सामने जाने से भी डरते थे आज उनकी बदौलत एक बार नही दो बार न.पा. अध्यक्ष का टिकिट फिर जिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद पाने के बाद अब वह पचौरी के खिलाफ ही मोर्चा खोल रहे हैं। परमार पचौरी के निर्णय का खुलकर विरोध करने लगे है ।
किस्सा यूं है कि सुरेश पचौरी जिन्हें दस जनपथ से प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया उसके बाद पचौरी ने पूरे प्रदेश मे जब निगाह धुमाई तो चारों और उन्हें अंधकार ही अंधकार नजर आया क्योंकि जनता और कार्यकर्ताओं से कभी उनका जमीनी साथ रहा ही नहीं ऐसे में जब उन्हें प्रदेश की बागडोर सौंपी गई तो अब क्या करें प्रदेश में आये घूमे-फिरे तो उन्हें चारण-भाट की जरूरत तो पड़ती ही थी क्योंकि वे ही उनके गुणगान करेंगे । जब देखा की उनके नाम की घोषणा होते ही चारों और विरोध के स्वर उठने लगे है । तो ऐसे में उन्होंने अपने समर्थकों की जाग्रती (पुन: पार्टी में शामिल करने की मुहिम)चलाई । जब उनकी निगाह सीहोर पहुंची तो पाया उनका पंखे वाला समर्थक राकेश राय पार्टी से निष्कासित पड़ा है तत्काल कैलाश परमार को खबर की कि जिला कांग्रेस से प्रस्ताव भेजे की राकेश राय को पुन: पार्टी में शामिल किया जाये । खबर आते ही कैलाश परमार ने अपने राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी विजय देशलहरा, सुरेश पालीवाल, द्वारका सोनी, प्रदीप प्रगति, आदि को किलेरामा बुलाया और मंत्रणा की परमार की इस चौकड़ी ने एक स्वर में अपने राजनीति के लम्बे अनुभव को आगे करते हुए कहा कि भाई साहब क्या कर रहे है प्रस्ताव मत भेज देना ये राकेश राय आष्टा के प्रेमराय मामा के भांजे है । मामा ने अपने को कितना परेशान किया है मामा का बदला अपन मामा से तो नहीं ले सकते क्योंकि अपन को भी यहीं रहना है और फिर मामा के पास ऐसा ठेका है जिसके आगे सब नतमस्तक हैं अपन को मामा के बदले बदला भांजे से लेना है । इसलिए प्रस्ताव मत भेजों उन्हें बाहर ही रहने दो कल से अगर आप सीहोर से चुनाव लड़े तो परेशानी आयेगी राकेश राय की न.पा. अध्यक्ष के रूप में जो मट्टी पलीत हो रही है उसका पूरा फायदा अपन को विधानसभा के चुनाव में मिलेगा ।
अनुभवों की चौकड़ी की राय परमार के गले उतर आई और प्रस्ताव नहीं भेजा लेकिन जब पचौरी सीहोर रैली में आये तो उन्होंने मंच से राकेश राय को पुन: पार्टी में शामिल करने की घोषणा कर उनका स्वागत कर दिया । बस फिर क्या था परमार ने इसी दिन से पचौरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष को पचौरी की शिकायत कर डाली अब परमार ने पूरा मन बना लिया है कि वे राकेश राय को कांग्रेस मेें आने के बाद भी घांस नहीं डालेंगे उल्टा पूरा प्रयास करेंगे कि वे न.पा.अध्यक्ष के रूप में जनता के रोष का शिकार बने और इसके लिए सीहोर में उत्पन्न गंभीर जल संकट का समय परमार ने चुना है । खबर है कि सीहोर में उत्पन्न जल संकट को देखते हुए जल उपयोगिता समिति के निर्णय के बाद रामपुरा डेम से सीहोर के लिए पानी छोड़ा उस पानी को परमार जैसे भी हो बंद करवाने में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने गुप्त चर्चा भी कहीं की है। उन्होंने तर्क दिया है कि आष्टा के लिए जब उक्त पानी सुरक्षित है तो उसे सीहोर क्यों भेजा जा रहा है। सीहोर रामपुरा डेम के कमान्ड क्षैत्र में आता ही नही है । आष्टा के लिए भी डेम से जब पानी छोड़ा जाता है जब न.पा. सिंचाई विभाग को चैक देती है सीहोर न.पा. ने जब पैसे जमा ही नही कराये तो पानी क्यों छोड़ा गया है । वही परमार ने सीहोर न.पा. के कुछ पार्षदों के कंधों पर हाथ रख दिया है। जो राकेश राय के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं जब यह हीन हरकत प्रेमराय मामा को ज्ञात हुई तो उन्होंने कसम खा ली है कि परमार को आष्टा में इसके बदले वे जब भी मौका मिलेगा सबक सिखायेंगे । वहीं प्रस्ताव नही भेजने पर पचौरी -परमार में ठन गई है । देखना है यह उठा विवाद क्या रंग लाता है । मामा ने कह दिया है छोडूंगा नहीं ।