सिंधिया-कमलनाथ समर्थकों के चेहरे उतरे
आष्टा 13 फरवरी (फुरसत)। यूँ तो सभी को पूरी उम्मीद थी कि रायसभा सदस्य एवं केन्द्रिय मंत्री सुरेश पचौरी जिनका राय सभा कार्यकाल समाप्त हो रहा है एवं 10 जनपथ में अच्छी पेठ रखने वाले सुरेश पचौरी को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है वहीं कांग्रेस के ही सिंधिया कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह समर्थकों को उम्मीद नहीं थी कि पचौरी प्रदेश अध्यक्ष बन जायेंगे लेकिन आज जैसे ही खबर आई सुरेश पचौरी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन गये हैं पूरे प्रदेश में कांग्रेस के खासकर पचौरी समर्थकों में अपार उत्साह छा गया। सीहोर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष केलाश परमार पचौरी के प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनते ही और पावर फुल हो गये क्योंकि जिले में कैलाश परमार पचौरी के पुराने और कट्टर समर्थक माने जाते हैं वहीं कैलाश परमार आज जिस मुकाम पर हैं अगर यह कहें की यह सब पचौरी के ही कारण है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। म.प्र. कांग्रेस की कमान सुरेश पचौरी के हाथों में सौंपे जाने के बाद अब प्रदेश में कांग्रेस में कई नये गणित उभरकर सामने आयेंगे। पचौरी को प्रदेश कांग्रेस की कमान ऐसे समय में सौंपी है जिस वक्त कांग्रेस में अभी प्राण वायु देने की जरुरत है क्योंकि पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान जब सुभाष यादव को सौंपी थी उसके बाद वर्षों तक वे कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी तक घोषित नहीं कर पाये थे केवल प्रवक्ताओं के भरोसे ही वे प्रदेश में कांग्रेस चला रहे थे। हाँ पूर्व मंत्री सान सिंह वर्मा ने जरुर अपने चिरपरिचित अंदाज में एवं हमेशा कार्यकर्ताओं को तबाो देने के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में खासकर इन्दौर-देवास, आष्टा-सीहोर उजैन सक्रिय देखे जाते रहे थे। पचौरी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद सौंपा जाना निश्चित उनके सिर पर एक ऐसा कांटो का ताज है जिसे आने वाले विधानसभा के चुनाव में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे पहले सुरेश पचौरी के सामने अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल चुनाव के लिये तैयार करना होगा उसके बाद प्रदेश की कार्यकारिणी का गठन करना भी उनके सामने एक विशाल चुनौती होगी क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, विजय सिंह, अर्जुन सिंह, जमुना देवी और निवृत्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष यादव को अपने साथ खड़े करने में उन्हे पसीना आ सकता है। fursat sehore