जावर 14 फरवरी (फुरसत)। बुधवार को ग्राम ग्वाला में माता पूजन का कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया ग्राम में माता पूजन को लेकर गांव वासियों में उत्साह का माहौल था। इस दौरान ग्राम में बड़ी संख्या में मेहमानों का आगमन हुआ था। यह पूजा ग्राम में एकता के रुप में भी मानी जाती है। बुधवार प्रात: तीन बजे ग्राम पटेल द्वारा शीतला माता का पूजन विधि-विधान से करने के बाद पूजन का सिल सिला शुरु हो गया था जो दिन चढ़ने तक चलता रहा। शीतला माता का पूजन सभी समाज के लोगों द्वारा किया गया। ग्राम के मांगीलाल पटेल ने बताया कि माता पूजन के दौरान महिलाएं अपने सिर पर अगि्युक्त सिगड़ी रखकर नंगे पैर पूजन के लिये पहुँची। इस दौरान दोनो हाथ कच्चे सूत से बंधे थे। बाद में पूजन स्थल पर पहुँची जहाँ पर इन महिलाओं के भाई द्वारा अगि्युक्त सिगड़ी उतारी गई। गौरतलब है कि ग्राम पटेल को एक माह पहले स्वप् आता है उसके बाद पटेल द्वारा सभी लोगों को इसकी जानकारी दी जाती है उसके बाद ग्रामवासी मिलकर पंडित से माता पूजन करने का मुहूर्त निकलवाते हैं। मुहूर्त निकलने के बाद सभी ग्राम वासी माता पूजन की तैयारी में जुट जाते हैं। घरों की साफ सफाई की गई महिलाएं द्वारा मंगल गीत गाये गये। माता पूजन कार्यक्रम को लेकर ग्राम के सभी समाज के लोगों द्वारा अपने-अपने रिश्तेदारों एवं मिलने वालों को आमंत्रित किया गया था माता पूजन कार्यक्रम में हजारों की तादात में लोग पहुँचे थे। गांव में जहाँ कई परिवारों द्वारा शुध्द शाकाहारी भोजन की व्यवस्था की गई थी वहीं कुछ परिवारों में पशुओं की बली भी चढ़ाई गई थी इस दौरान कुछ लोगों ने मदिरा का भी जमकर सेवन किया था। माता पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिये एक दिन पहले से ही मेहमान बड़ी संख्या में पहुँच गये थे। गांव में कोई घर ऐसा नहीं था जहां मेहमान नहीं थे। बुधवार को पूरे गांव में उत्साह जैसा माहौल दिखाई दिया। इस दौरान बाहर से आये मेहमान अपने रिश्तेदारों के लिये कपड़े लेकर भी पहुँचे थे। माता पूजन कार्यक्रम में कोई किसी प्रकार की गड़बडी न हो इसके लिये गांव में पुलिस बल भी लगाया गया था।
मुस्लिम समाज द्वारा भी पूजन सामग्री भेजी गई
मुस्लिम समाज द्वारा भी पूजन सामग्री भेजी गई
गांव गेर माता पूजन कार्यक्रम में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा भी सहयोग प्रदान किया गया। सरपंच सलीम खां ने बताया कि माता पूजन कार्यक्रम में हमारी तरफ से भी नारियल अगरबत्ती व पूजन साम्रगी दी गई। fursat sehore