सीहोर 7 नवम्बर (नि.सं.)। पाँचवी बार विधानसभा की उम्मीद्वारी जताते हुए लोकप्रिय नेता रमेश सक्सेना ने पूर्व के सारे इतिहासों में उलट-फेर करते हुए विशाल जनसमुह का रैला लाकर एक बारगी नया इतिहास रच दिया, जहाँ सक्सेना समर्थकों का विशाल जनसमूह देख लोग दांतों तले अंगुली दबा रहे थे, वहीं विरोधियों की आंखे फटी की फटी रह गई थी। आज विधायक रमेश सक्सेना ने अपने चिरपरिचित अंदाज में रैले के साथ पहुँचकर नामांकन पत्र दाखिल किया, अंत में सभी आये ग्रामीणों को धन्यवाद दिया।
जैसा की अनुमान लगाया जा रहा था कि आवेदन भरने के अंतिम दिन विधायक रमेश सक्सेना सबसे आखिरी में अपना रैला लाक र पूर्व के सारे समीकरण बिगाड़ देंगे, यह अनुमान सही साबित हुआ। हमारे संवाददाता के अनुसार वनखेड़ा ग्राम में माता जी के मंदिर में पूजा अर्चना कर माँ का आशीर्वाद लेकर चले रमेश सक्सेना ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए जब नरसिंहगढ़ नाके की तरफ बढ़ रहे थे। तब ट्रेक्टर-ट्रालियों का एक सिरा मण्डी था तो दूसरा श्यामपुर में था। यहाँ मण्डी से विधायक रमेश सक्सेना आज पैदल ही चल दिये, उनके साथ समर्थक ग्रामीणों का
हुजूम भी पैदल दौडने लगा। धीरे-धीरे रैला बढ़ता और फैलता गया।
जिला पंचायत के सामने से होते हुए कुलदीप सेठी के मकान के सामने से पंचमुखी हनुमान मंदिर चौराहा पार करते हुए यह रैला मछली पुल चौराहे की तरफ बढ़ा और वहाँ से गंज के गाड़ी अड्डा चौराहे पर पहुँचा। यहाँ से आगे बढ़ते हुए रैला कोतवाली चौराहे तक पहुँच गया।
इधर विधायक रमेश सक्सेना तो कोतवाली चौराहा पर जब पहुँच गये थे तब हमारे नेहरु कालोनी चौराहा संवाददाता के अनुसार बहुत बड़ी संख्या में रैला मण्डी की तरफ से आता ही जा रहा और दूर कुलदीप सेठी के बंगले तक ग्रामीणों की भीड़ नजर आ रही थी। उधर मण्डी गेट तक ग्रामीण आते नजर आ रहे थे और मण्डी थाने तक और उससे भी आगे तक ट्रेक्टर-ट्राली भरी हुई आ रही थी।
कुल मिलाकर करीब 3 किलो मीटर लम्बा पैदल रैला और ट्रालियों के हिसाब से बहुत अधिक लम्बा रैला आज विधायक रमेश सक्सेना के साथ आया था।
आज रैले का अनेक जगह पानी के पाउच से व पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ। कई जगह विधायक रमेश सक्सेना को मालाएं भी पहनाई गई। विधायक सक्सेना इस बार कोतवाली चौराहे से भी किसी ट्रेक्टर ट्राली पर सवार होने की बजाय पैदल ही चले और उन्होने अंदाज बदलते हुए कोई साफा भी नहीं बांधा।
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