Saturday, November 1, 2008

ठाकुर का घूमना कई चर्चाओं को जन्म दे गया (चुनाव सरगर्मी)

            सीहोर 31 सितम्बर (नि.सं.)। सीहोर विधानसभा में पूर्ववर्ती कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह ठाकुर द्वारा दीपावली पर ग्रामीण क्षेत्रों के बाद सीहोर नगर में देर रात तक घूमना ढेर सारी चर्चाओं को सरगर्म कर गया है। उनका हर एक मिलना और उससे इशारों में जो बातचीत की गई वह भी चर्चाओं में है। इधर राय परिवार का दीपावली के दिन भी ठण्डा दिखना और राकेश राय के अकेले घूमने की चर्चाएं भी सरगर्म हैं। आज से मात्र 7 दिन के अंदर कांग्रेस की दूसरी सूची तय भी होना है और प्रत्याशी को नामांकन भी भरना है ऐसी स्थिति में भी सीहोर से कांग्रेस के टिकिट की दावेदारी जताने वालों का उत्साहहीन होना और सुरेन्द्र सिंह की सक्रियता ने एक नई ही चर्चा को जन्म दे दिया है। हालांकि युवा नेता अक्षत कासट निश्चित रुप  से दीपावली के दिन सक्रिय रहे लेकिन प्रमोद पटेल का उत्साह नजर नहीं आया।

      चुनाव आचार संहिता लग चुकी है, विभिन्न उम्मीद्वारों द्वारा अपना-अपना प्रचार शुरु कर दिया गया है। दीपावली के शुभ मुहूर्त में कई उम्मीद्वारों ने एक तरह से चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी थी और वह दीपावली मिलने अपने समर्थकों के साथ नगर में निकले। कांग्रेस को लेकर चूंकि अभी तक स्थिति यादा असमंजस में है इसलिये कांग्रेस से कितने लोग दीपावली मिलने निकले इसको लेकर यादा ही निगाह रखी जा रही थी।

      अभी तक कांग्रेस से चार उम्मीद्वार पूरी दमदारी से सामने नजर आ रहे हैं। कमलनाथ गुट से युवा नेता अक्षत कासट पहले ही दिन से चर्चा में हैं। दूसरे सुरेश पचौरी के करीबी माने जाने वाले राय परिवार की चर्चा है जिसमें अखलेश राय या स्वदेश राय का टिकिट मिलना तय माना जा रहा है तीसरे एक बार फिर दिग्विजय सिंह के समर्थक सुरेन्द्र सिंह ठाकुर की दमदारी भी मानी जा रही है जिनके लिये दिग्गी राजा का स्पष्ट कहना है कि सीहोर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को इतने अधिक मत दिलाने वाला सुरेन्द्र सिंह एक अच्छा व प्रभावी उम्मीद्वार है। इनके अलावा प्रमोद पटेल के घर से काकी का नाम भी चर्चाओं में बना हुआ है।

      चारों ही नाम चर्चाओं में बने रहने के बावजूद चूंकि कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी हैं और पूरी विधानसभा क्षेत्र में वह सिर्फ सीहोर से अपने समर्थक को टिकिट दिलायेंगे इस दृष्टि ये राय परिवार को टिकिट मिलना तय माना जा रहा है। लेकिन जैसे ही 3 बार हारने के नियमों की छूट दिल्ली में मिली और सुरेन्द्र सिंह ठाकुर की सक्रियता और उनके पास पहुँचने वाले सीहोर के समर्थकों की संख्या बढ़ना शुरु हुई उसके साथ ही धीरे-धीरे ठाकुर का नाम भी उफान पर आने लगा। ठाकुर चूंकि पिछले बार कांग्रेस की विपरीत लहर में सीहोर से लड़े थे और जिस दमदारी से उन्होने सीहोर भाजपा के दमदार प्रत्याशी रमेश सक्सेना को परेशान कर दिया था वह पूरे प्रदेश में चर्चाओं में आ गया था। इतना ही नहीं सुरेन्द्र सिंह ठाकुर ने बहुत भारी मत प्राप्त कर सक्सेना की जीत का अंतर 11 हजार तक समेट दिया था। इसलिये ही सुरेन्द्र सिंह ठाकुर की दावेदारी बहुत दमदार प्रतीत हो रही थी,और अब तो सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय सिंह भी एक बारगी फिर ठाकुर के लिये सक्रिय हो गये हैं।

      कांग्रेस की पहली सूची जिसमें 117 लोगों के नाम घोषित कर दिये गये हैं उसमें जिस प्रकार सुरेश पचौरी ने अपने समर्थकों के नाम वापस लेकर अन्य नेताओं के समर्थकों को टिकिट दिये हैं उससे लगता है कि पचौरी बहुत सोच-समझकर ही प्रदेश की राजनीतिक बिसात बिछा रहे हैं। इसलिये क्या वह सीहोर के लिये अपने समर्थक के नाम पर अडिग रहेंगे या फिर किसी दूसरे प्रदेश स्तरीय नेता के उम्मीद्वार को टिकिट देंगे यह भी विचार होने लगा है।

      जो भी हो...कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रहे सुरेन्द्र सिंह ठाकुर का दीपावली मिलने के लिये सीहोर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में घूमना सर्वाधिक चर्चाओं में रहा। वह अनेक ग्रामों में पहुँचे आराम से समय दिया, बातचीत की, इशारों में बातचीत हुई इसके बाद वह दोपहर में सीहोर आये और देर रात 2-3 बजे तक विभिन्न जगहों पर गये। इस दौरान वह अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मिलने भी पहुँचे और काफी देर बातचीत की। ठाकुर के साथ अनेक सीहोर के उनके समर्थक भी चल रहे थे। एक स्थान पर तो श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि गणेश मंदिर से आज चुनाव प्रचार का श्रीगणेश क रुंगा और रात 10.30 बजे वह गणेश मंदिर भी पहुँचे। दीपावली मिलन के साथ ठाकुर का सीहोर में सक्रिय होना अनेकानेक चर्चाओं को जन्म दे गया।


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