सीहोर 22 अक्टूबर (नि.सं.)। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती भावना वालिम्बे ने चुनाव संबंधी पैम्फलेट, पोस्टरों और मुद्रित चुनाव सामग्री के मुद्रण और प्रकाशन पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निहित प्रावधान लागू किए हैं।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निहित प्रावधानों के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर मुद्रित नहीं करायगा जिसके मुख पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम पता नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति निर्वाचन पैम्फलेट या पोस्टर तब तक मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा अथवा करायगा जब तक कि उसके प्रकाशक की पूरी पहचान कायम न हो जाय। प्रकाशक अपने स्वयं के द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे दो व्यक्ति जो उसे ठीक तरह पहचानते हों उनके द्वारा प्रमाणित द्विप्रतीक घोषणा, मुद्रक को नही दे देता। किसी अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के समूह के निर्वाचन को प्रतिकूल रूप में प्रभावित करने वाले पैम्फलेट या पोस्टर, पर्चा या अन्य दस्तावेज या निर्वाचन के प्रति इंगित करने वाले प्लेकार्ड को निर्वाचन पैम्फलेट या पोस्टर माना जायगा।
जो भी व्यक्ति लोक प्रतिनिधित्व में निहित प्रावधानों का उगंघन करेगा वह छ: माह के कारावास या दो हजार तक के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जा सकेगा। उप जिला दण्डाधिकारी ने यह साफ कर दिया है कि विधानसभा निर्वाचन के तहत आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है अत: अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक किसी भी चुनावी पैम्फलेट, पोस्टर या मुद्रित इसी तरह की अन्य सामग्री की प्रिन्ट लाइन पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता स्पष्ट से लिखा जायगा। मुद्रणालयों के स्वामियों को बता दिया गया है कि वे प्रकाशन से प्राप्त विज्ञप्ति सहित मुद्रित सामग्री और उसकी मुद्रित तीन प्रतियां मुद्रण के तीन दिन के भीतर जिला निर्वाचन कार्यालय को आवश्यक रूप से मुहैया कराएंगे। उप जिला दण्डाधिकारी ने कहा है कि उगंघन की स्थिति पर नजदीकी नजर रखी जायगी और ऐसे मामलों में राज्य के संबंधित कानूनों के तहत कार्यवाही होगी जिसमें मुद्रणालय के लायसेन्स का प्रतिसंहरण भी शामिल है। जैसे ही चुनावी पैम्फलेट या पोस्टर प्राप्त होंगे उनकी जांच की जायगी कि प्रकाशक और मुद्रक ने कानून की अपेक्षाओं और आयोग के निर्देशों का ठीक तरीके से पालन किया है या नहीं। निर्वाचन पैम्फलेटों, पोस्टरों आदि के प्रकाशन संबंधी मामलों में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों और आयोग के निर्देशों के उगंघन की दशा में दोषियों के विरूध्द अभियोजन किए जांएगे। सभी राजनैतिक दलों से कहा गया है कि वे सावधानी से निर्धारित प्रावधानों, अनुबंधों और उपबंधों का ध्यान रखें।