सीहोर 22 अक्टूबर (नि.सं.)। सरकारी अधिकारी कर्मचारी चुनावी डयूटी से बचने के लिए बीमारी का बहाना नहीं बना सकेंगे। मेडीकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद ही अब तय होगा कि बीमारी का बहाना कारगर हो पायगा या नहीं।
चुनावों में चुनावी डयूटी से बचने की प्रवृत्ति आम है पर यह खास बन जाय तो चुनाव कौन करायगा । यह यक्ष प्रश्न सामयिक हो पाए इसके पहले ही कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने इसका इंतजाम कर दिया है। चुनावी डयूटी से बचने के लिए बीमारी का बहाना अब मुश्किल ही कारगर हो पायगा। बहुतायत में बीमारी के आवेदन प्राप्त होने के कारण यह तय किया गया है कि जिन भी सरकारी कर्मचारियों ने बीमारी के कारण चुनावी डयूटी से मुक्त रहने के लिए आवेदन दिए हैं उनका मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराया जाय। परीक्षण के लिए डाक्टरों का एक बोर्ड प्रत्येक मंगलवार को कलेक्ट्रेट में बैठेगा और वह उन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगा जिन्होंने बीमारी के कारण चुनावी डयूटी से मुक्त होने के लिए आवेदन किया है।
गौरतलब है कि चुनावी डयूटी से बचने के लिए एक बड़ी संख्या में आवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंच रहे हैं जिनमें यह तय कर पाना मुश्किलों भरा साबित हो रहा है कि किसे किस बीमारी से ग्रासित माना जाय। अब यह काम डाक्टरों का बोर्ड करेगा कि किसे किस बीमारी ने ग्रस रखा है। इस प्रक्रिया के चलते चुनावी डयूटी से तभी मुक्ति मिलेगी जब व्यक्ति वास्तविक रूप से बीमार होगा। बहुतों का चुनाव डयूटी का बुखार अब उतार पर होगा।