नगर के बीच चौराहे पर किया नुक्कड़ नाटक, धारा 144 का हुआ खुला उल्लंघन
सीहोर 22 अक्टूबर (नि.सं.)। विधानसभा चुनाव के गर्मागर्म माहौल में जब धारा 144 भी लग चुकी है ऐसे में तरह-तरह के प्रचार-प्रसार के प्रयास विभिन्न पार्टियों द्वारा किये जाना शुरु हो गये हैं। आज धारा 144 का खुला उल्लंघन करते हुए भोपाल से अचानक एक नुक्कड़ नाटक करने वाला दल आया और उसने यहाँ नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ पोटा कानून के महत्व को प्रतिपादित किया तथा जिन लोगों ने इसका विरोध किया उन नेताओं को गद्दार व देशद्रोही कहा। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भरे चौराहे पर नेताओं को गालियाँ देने के अलावा इस दल ने यह भी कहा कि यदि हम जिंदा है तो सिर्फ इसलिये क्योंकि आतंकवादियों ने हमें अब तक निशाना नहीं बनाया है।
धारा 144 लगे होने के बावजूद विगत दो दिनों से एक टाटा सूमों पर मातृभूमि रक्षा मंच के स्टीकर और कुछ बेनर आदि लगाकर कुछ युवकों की टोली सीहोर में आ रही है कल इन्होने लीसा टाकीज चौराहे पर बिना पूछे-ताछे अपना नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, आज नगर के व्यस्त नमक चौराहे पर इन्होने जीप अड़ा दी और करीब एक घंटे तक अपना नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। देश में व्याप्त आतंकवाद के प्रति जनता में जागरुकता फैलाने का इनका ध्येय यह बता रहे थे लेकिन क्या वाकई इनका ध्येय यही था या सिर्फ राजनीति पर अंगूली उठाना और किसी एक पार्टी पर तीर यह छोड़ने के लिये यह प्रस्तुति दे रहे थे।
मातृभूमि रक्षा मंच के विनोद महंत लेखक द्वारा यह नुक्कड़ नाटक लिखा गया था जिसमें रोशन मकोरिया, नीतेश गोलेला, ब्रह्मानंद दिलवालिया, सुशील, नीरज पीपले, अंगद गिरी, विजेन्द्र रजक, प्रीति आदि ने प्रस्तुति दी।
इनके नाटक में आये कुछ डायलाग की वानगी इस प्रकार थी। एक युवक बोलता है ''अरे भाई तो तुम सब लोग क्या सोचते हो अगर हम सब लोग जिंदा है तो इस देश की सरकार की वजह से ? ऐसा नहीं है यदि हम सब जिदा है तो इसलिये क्योंकि'' इसके बाद सारे कलाकार एक साथ तेज आवाज में बोलते हैं 'क्योंकि आतंकवाद की प्राथमिकता में हमारी मौत शामिल नहीं है''।
एक अन्य वाक्याशं युवक बोलता है ''आज के पेपर में कितना भयानक दृश्य दिया है, खून से लथपथ लाशे, मदद की पुकार लगाते लोग, क्या यही किस्मत रह गई है हमारे देश के लोगों की, बिल्कुल ठीक कहते हो भैया हमारा देश आतंकवाद रुपी जहर के डंस से छटपटा रहा है, और हमारे देश की सरकार कुछ नहीं कर रही''। इतने में दूसरा युवक बोलता है ''अरे तो भैया हमारे देश में क्या ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे इन आतंकवादियों को खत्म कर दिया जाये....? एक युवक पूरे आक्रोश में बोलते हुए ''था ऐसा कानून था पोटा कानून... जिससे आतंकवादियों की रुह तक कांप जाती थी'', दूसरा युवक - लेकिन भैया पोटा कानून ऐसा था और इससे आतंकवादियों की रुह तक कांप जाती थी, जब यह देश के हित में था तो फिर देशहित में काम करने वाले इस पोटा कानून का देश के नेताओं ने विरोध क्यों किया ? ''अरे सीधी सी बात है भैया आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिये, मैं तो कहता हूं की ऐसे नेताओं को सूली पर चढ़ा देना चाहिये...बिल्कुल ठीक कहते हो, अगर हमारे देश की सरकार चाहती तो मजाल है किसी आतंकवादी की जो हमारे देश में घुस जाता । यह तो हमारी देश की सरकार को सोचना है कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना है या फिर देश बांटना है...।''
इस पर एक युवक सरकार का मजाक उड़ाते हुए कहता है ''अरे भैया हमारी सरकार तो उनको पालती है''
आतंकवाद पर प्रहार के साथ पोटा कानून का विरोध करने वाले नेताओं को तो इस नाटक मंडली ने घेरा ही बल्कि आतंकवादी को मौत की सजा नहीं देने की बात भी उछालते हुए यह बोलते हैं ''अरे मैं आप लोगों से पूछता हूं कि जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने उस आतंकवादी को फांसी की सजा सुना दी थी तो क्या जरुरत थी हमारे देश की सरकार को उसे बचाने की, आतंकवादियों को पनाह दे रही है हमारे देश की सरकार, उन्हे पाल-पोस रही है। है इस बात का किसी के पास कोई जबाव? ''
इस पर एक बारगी देश के सर्वोच्च न्यायालय के लिये यह कहते हैं कि ''हमारे यहाँ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नहीं माना जाता बल्कि आतंकवादियों को दावते दी जाती हैं दावतें...यह है हमारा हिन्दुस्तान।'' हम पूछना चाहते हैं इस जनता आवाम से जो भी आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं इस सबका जिम्मेदार कौन है ? इन आतंकवादियों को बढ़ावा कौन देता है हमारे देश के कुछ नेता । यह आतंकवाद खत्म होगा कानून से, युवाओं के संगठन से, देश के प्रति प्रेम से तो आईये हमारे साथ और देश इस मातृभूमि की रक्षा के लिये शपथ लीजिये। आतंकवाद एक सवाल है कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारे देश को तोड़ना चाहते हैं यह आतंकवादी यह क्या सोचते हैं की हमारा देश नपुंसक है। ऐसा नहीं है जब हमारे देश का नौजवान जागेगा तो आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले नेताओं को खदेड़-खदेड़ कर भगायेगा।
और इस प्रकार यह मातृभूमि रक्षा मंच अपनी बात एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वही ही साफगोई से कह गया। प्रदेश में भाजपा का शासन है, चुनाव आचार संहिता लग चुकी है और नेताओं को खुले आम इस मंच के माध्यम से कोसा गया। ऐसे में जब अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री मिश्रा से इस संबंध पूछा गया तो उन्होने कहा कि अभी मुझे जानकारी नहीं थी, लेकिन तत्काल में कार्यवाही करता हूं। सूत्र बताते हैं कि यह दल बस स्टेण्ड पर भी अपनी प्रस्तुति देने वाला था लेकिन इसे तहसील कार्यालय में तलब कर लिया गया था।