सीहोर 24 अक्टूबर (नि.सं.)। चुनाव आचार संहिता लगने के साथ ही और धारा 144 लगने के बाद समस्त शस्त्रों को जमा कराये जाने के आदेश भी जारी हो चुके हैं। मुख्यालय पर तो बकायदा इसके लिये एलान भी कराया गया है। जब भी कभी चुनाव आते हैं तो शस्त्र जमा कराये जाने का कार्यक्रम चलाया जाता है। स्पष्ट आदेश दिये जाते हैं कि जिस किसी व्यक्ति के शस्त्र जमा नहीं होंगे उनका लायसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। आम तौर पर यही माना जाता है कि इस दौरान सभी के शस्त्र जमा हो जाते हैं और जिनके जमा नहीं हो पायें समझ लो उनकी तो खैर ही नहीं है।
लेकिन यह बात सही है ? क्या हर बार जिले भर के प्रमुख राजनेताओं और चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले राजनेताओं, प्रत्याशियों के लायसेंसी शस्त्र जमा होते हैं ? अथवा नहीं ? क्या पुलिस 100 प्रतिशत शस्त्र जमा करवा लेगी अथवा कुछ रह जायेंगे। और वह जो रह जायेंगे क्या वह इन्ही खासमखास लोगों के रहेंगे।
यदि राजनेताओं के ही शस्त्र जमा नहीं हो रहे हैं जिनके कारण ही शस्त्रों की तरफ शासन ध्यान देता है ? यदि नेता जी शस्त्र जमा नहीं करायेंगे जो चुनाव में जुटे रहते हैं और आये दिन गर्मागर्मी के माहौल से गुजरते हैं तो फिर आम नागरिक को शस्त्र जमा कराने की आवश्यकता ही कहा है। देखते हैं इस बार सीहोर जिले में कितने प्रतिशत शस्त्र जमा होते हैं।