आष्टा 15 अक्टूबर (नि.प्र.) क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा है हालत यह है कि सिविल अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में बुखार पीड़ित आ रहे है। इनमें से अधिकांश मरीज मलेरिया से पीड़ित है। अस्पताल में डाक्टरों की कमी के चलते फर्जी डिग्री लेकर झोलाछाप नीम हकीम खबरा ए जान चांदी काट रह ेहै।
सरकार अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिलने के कारण मरीजों को मजबूरी वश झोला छाप डाक्टरों की शरण लेना पड़ रही है। यह डाक्टर मरीजों को बेतरतीब इलाज कर न सिर्फ अपनी जेबे गर्म कर रहे, बल्कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने पर भी तुले है। बावजूद इसके जिले का स्वास्थ्य महकमा अभी तक इस गंभीर मुद्दे को लेकर कोई नेता कदम नहीं उठा पाया है।
बिना डिग्री कर रहे इलाज
यूं तो शहर में डिस्पेंशरी खोले बैठे झोला छापों की संख्या अनगिनत है। गली-गली मोहल्लों में ये लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है। लेकिन इनमें से बहुत से डाक्टर ऐसे होंगे, जिनके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्था से वैध मेडीकल डिग्री अथवा डिप्लोमा हो।
यह कथित डाक्टर थोड़ी बहुत प्रेक्टिस के आधार पर गले में आला डालकर मरीजों का उपचार कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले तथा अनपढ़ ग्रामीण बिना जानकारी के ही इन नीम हकीमों की गिरफ्त में आ जाते है, जिससे न केवल उनके रुपए की बर्वादी होती है बल्कि उनकी जान पर भी बन आती है। आष्टा में इस प्रकार की घटनाऐं हो रही है। एक डाक्टर पर कार्यवाही कर मुहिम बंद तहसीलदार बिहारी सिंह ने एक नीम हकीम की डिस्पेंशरी को सील किया था, उसके बाद यह मुहिम नहीं चली, जबकि नगर में महिला विशेषज्ञ तक फर्जी डिग्री लेकर मरीजों की जिंदगी से खेल रही है।