सीहोर 2 सितम्बर (नि.सं.) विकास विरोधी विधायक रमेश सक्सेना और जनता पर लोकतंत्र की हत्यार कर थोपे गए नपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया के साथ न तो जनता है न ही नगर के जनप्रतिनिधि ऐसे हालात में इन दोनों नेताओं को नैतिकता के आधार पर स्वयं ही पद से इस्तीफा देकर राजनीति छोड़ देना चाहिए।
उक्त आशय की बात यहां जारी बयान में युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजकुमार जायसवाल ने कही है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद में आज तैंतीस पार्षद है किन्तु सोमवार को हुई परिषद की बैठक में मात्र ग्यारह पार्षद आए और बाईस पार्षद बैठक से गैर हाजिर रहे। बाईस पार्षदों की अनुपस्थिति में विधायक रमेश सक्सेना, थोने गए नपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया कई घंटे तक पार्षदों का इंतजार करते रहे उन पर दबाव डालते रहे मगर ग्यारह पार्षद ही बैठक में आए बाईस पार्षद नहीं आए इससे तय है कि विधायक रमेश सक्सेना और थोपे गए नपाध्यक्ष श्री सिसोदिया के साथ पार्षदों का बहुमत नहीं है ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट हो गया है कि नया अध्यक्षीय आसंदी पर थोपे गए व्यक्ति को कोई भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
श्री जायसवाल ने कहा कि शहर की जागरूक जनता ने सीहोर बन्द कर यह खुले रूप से पहले ही बता दिया कि शासन द्वारा की गई लोकतंत्र की हत्यार पर पहलू में गलत है और आज बाईस पार्षदों ने सहासिक कदम उठाकर बता दिया कि वह अन्याय के साथ नहीं है लोकतंत्र में आजादी की राजनीति और विकास के वह पक्षधर है। नपा कार्यालय में आज ईमानदार राजनीति की जीत हुई है जिसमें मात्र ग्यारह पार्षदों की मौजूदगी और बाईस पार्षदों की अनुपस्थिति के चलते विकास विरोधी विधायक रमेश सक्सेना और थोपे गए नपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा ऐसे नेताओं ने नैतिकता के तौर पर राजनीति का हक खो दिया है। युवा कांग्रेस ने कहा कि सच का साथ देने वाले सीहोर वासी बधाई के पात्र है जिन्होंने बन्द में सहयोग दिया और सभी पार्षद धन्यवाद का हक रखते है क्योंकि बाईस पार्षदों ने नपा की बैठक में गैर हाजिर रहकर बता दिया हे कि वह मात्र विकास के पक्षधर है दबाव लोभ, भय और लालच की राजनीति में वह किसी को उनका उपयोग नहीं करने देगें।
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