Wednesday, September 3, 2008

5 दिवसीय युग शिल्पी प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन समारोह

सीहोर 1 सितम्बर (नि.सं.) स्थानीय जन जागृति केन्द्र गायत्री शक्तिपीठ सीहोर पर युग शिल्पी कार्यकर्ता प्रशिक्षण के समापन दिवस पर जोनल प्रभारी शांतिकुंज प्रतिनिधि शिव कुमार पाण्डेय ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें गुरुदेव के अंग अवयवों की तरह कार्य करना चाहिए ।
हम गुरुदेव के अंग अवयव बन जावें आचार्य श्री ने अपने सहृदय आत्मीय प्रेम ईमानदार निष्पक्ष उज्वल चरित्र भेदभाव रहित जीवन जिया। जो कहा उसी अनुरूप अपने आपको ढाला गढ़ा गुरु अनुशासन उसी अनुरुप हमें भी वही जीवन जीने की प्रेरणा सभी कार्यकर्ताओं को दी गई। हमें अपने आचरण पर विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि जनता हमारे भाषण प्रवचन से नहीं सीखती अगर सीखती होती तो कभी का युग निर्माण हो गया होता। जनता हमारे आचरण कर्म व्यवहार से ज्यादा प्रभावित होती है।
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा जो कि 8 नवम्बर 08 को होना है उक्त परीक्षा जो कि गति देने हेतु कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज बच्चों में मानव मूल्यों का ह्ास हो रहा है। उसकी परिणती माता पिता व गुरुजी को बच्चे सम्मान नहीं करते यहां तक कि महाविद्यालयों में अपमान ही नहीं करते बल्कि उनकी हत्याकर दी जाती है भारतीय संस्कृति का ज्ञान परीक्षा का मुख्य उद्देश्य बच्चों में मानव मूल्यों का विकास करना है।
बच्चे माता पिता गुरु जी का व अपने बयोवृद्धों का सम्मान करना सीखे। इस हेतु प्रत्येक गांव-गांव विद्यालय -विद्यालय जाऐं प्रधान अध्यापकों प्राचार्यो से परीक्षा में शामिल हेतू प्रेरित करने हेतु निवेदन करें ताकि बच्चे अधिक से अधिक परीक्षा में शामिल हो सकेंगे और हमारी गौरव शाली परम्परा की पुर्नस्थापना करने में सहयोग व मार्गदर्शन प्रदान करें।
सभी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने गांव विद्यालयों में परीक्षा कराने हेतु संकल्प लिया व छात्र-छात्राओं हेतु उपयोगी साहित्य भी अपने साथ लेकर खुशी-खुशी बिदा हुए बिदाई का क्षण बड़ा मार्मिक था कार्यकर्ता एक दूसरे को छोड़ने में असहाय महसूस कर रहे थे।