Sunday, September 14, 2008

मुट्ठी बांधे आया जग में, हाथ पसारे जाएगा-भागवताचार्य पं. प्रदीप मिश्रा

सीहोर 13 सितम्बर (नि.सं.) पंचायती धर्मशाला बड़ा बाजार में चौथे दिन की श्रीमद भागवत कथा में भागवताचार्य पं. प्रदीप मिश्रा ने वामन द्वादशी की नगर वासियों को हार्दिक बधाई दी जीवन में सुख भी आता है मानव का जीवन ही दुख है, भानव के जीवन में सुख है यह तो मनुष्य के जन्म के क्रमानुसार आते जाते रहते है जिस प्रकार हारमोनिया में काले एवं सफेद बटन होते है। काले बटन दुख के एवं सफेद बटन सुख के होते है जब दोनों बटन का साथ-साथ प्रयोग करेगें तो ही मधुर संगीत उसमें से उत्पन्न होगा। इसी प्रकार मनुष्य को अपने जीवन में सुख के क्षण में एवं दुख के क्षण में आनन्द पूर्वक रहना चाहिये।

उदाहरण देते हुए पं. मिश्रा ने बताया कि दो मित्र थे एक गोवर्धन परिक्रमा पर गया और दूसरा होटल में मदिरापान कर रहा था व अपने मित्र का जो परिक्रमा पर गया था उसका बार-बार चिंतन कर रहा था कि उसे कितना आनन्द आ रहा होगा इसी तरह जो मित्र गोवर्धन परिक्रमा का रहा था उसका ध्यान में बार-बार अपने मित्र की और जाता कि वह मंदिरा पान कर रहा होगा जब दोनों मित्रों की मृत्यु हुई तो परिक्रमा करने वाला मित्र नरक में गया होटल में मदिरा पान कर रहा था वह स्वर्ग में गया और जो गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने वाला का चिन्तन ही उसे नर्क में ले गया। मंदिरों में आज भक्त भगवान के जल नारियल, ककड़ी सेवफल आदि अनेक प्रकार की वस्तुऐं चढ़ाते है यदि कोई हमारे उपर भी इसी तरह चीजें चढ़ाये तो हमें कैसा लगेगा। भक्तों को भी विचार करना चाहिये कि क्या वह यह सब सही कर रहे है। पुष्प तुलसी दल भगवान के चरणों में समर्पित है जो समर्पित हो चरणों में हो, परन्तु समर्पित कर समय भक्त कही भी किसी भी अंग पर कुछ समर्पित कर देते है यह ठीक नहीं है। भगवान के दर्शन तो उसे होते है जो पापी न हो जिसने इस जन्म तो क्या पिछले जन्म में भी पाप नहीं किया हो भगवान तो हर भक्त के दरवाले पर खड़े रहते है बस उन्हें पहचानने की दृष्टि होनी चाहिए। अगर आप धर्म के पथ पर चलेगें तो धर्म भी आपकी ओर बढ़ेगा आज मनुष्य लगभग सभी दुखी है क्योंकि मनुष्य ने अपने कर्मो को बदल लिया है इसी लिये दुखी है केवल वही मनुष्य सुखी है जो भगवान का भक्त है।

बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ कान्हा का जन्म उत्सव मनाया गया एवं सभी को कान्हे के जन्म दिन पर बधाई दी। मीडिया प्रभारी पं. दुष्यंत समाधिया ने जानकारी दी कि उक्त कथा महिलाओं पुरुषों का जन सैलाब उमड़ रहा है कल दिनांक 13 सितम्बर को दोपहर 2 बजे नन्द महोत्सव छप्पन भोग गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम है सभी वैष्णव भक्त नन्द महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होवे।



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