Friday, August 22, 2008

हत्या के आरोपीगण को आजन्म कारावास एवं अर्थदण्ड

सीहोर 21 अगस्त (नि.सं.)। विद्वान सत्र न्यायाधीश, ए.एच.एस. पटेल ने थाना मंडी सीहोर के अपराध क्रमांक-1152007 के आधार पर बने सत्र परीक्षण क्रमांक 992007 में ग्राम जमोनिया, थाना मंडी निवासी आरोपी शिवप्रसाद मेवाडा पुत्र छतर सिंह एवं उसकी माता श्रीमति रामकली बाई पत्नी छतरसिंह को ग्राम जमोनियां में दिनांक 26-4-07 को धनराज पुत्र अमरसिंह की चाकू से मारपीट करने के परिणाम स्वरूप हुई हत्या का दोषी सिद्ध पाकर आजन्म कारावास का दंड एवं दोनों पर दो-दो हजार रुपये अर्थदण्ड का निर्णय सुनाया।
अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुये लोक अभियोजक ओमप्रकाश मिश्रा के अनुसार दिनांक 26-4-07 को सुबह करीबन 7 बजे मृतक धनराज का भाई जयराम अपने खेत पर निंदाई के लिये मजदूर लेने गया था तब श्रीकिशन खाती के घर के पास हल्ला सुनकर दोड़कर पहुंचने पर उसने देखा कि उसके भाई धनराज को आरोपी रामकलीबाई ने पकडा था और आरोपी मुकेश लाठी से तथा शिवमेवाड़ा चाकू से मारपीट कर रहे थे। अस्पताल सीहोर लाये जाने पर धनराज की मृत्यु हो गयी। जयराम की सूचना पर से देहाती नालिसी लेखकर मर्ग कायम किया गया व जांच के पश्चात अभियोजन के अपराध की कायमी की गयी। अभियोजन की ओर से 14 एवं बचाव पक्ष की ओर से 4 साक्षीगण के कथन कराये गये।
विद्वान सत्र न्यायाधीश एच.एस. पटेल ने अपने 22 पृष्ठीय निर्णय में साक्ष्य का समुचित मूल्यांकन करते हुये व दोनों पक्षों की अंतिम बहस सुनने पश्चात अभियुक्त रामकली बाई को धारा 30234 भादवि तथा शिवप्रसाद मेवाड़ा को धारा 302 भादवि का दोषी सिद्ध पाकर उन्हें आजन्म कारावास की सजा तथा प्रत्येक अभियुक्त पर 2000-2000- रुपये का अर्थदण्ड का फैसला सुनाया।
आरोपी मुकेश मेवाड़ा को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया अभियाजन की। ओर से पैरवी लोक अभियोजक ओ.पी. मिश्रा ने की।


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