आष्टा 21 (सुशील संचेती) आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कांग्रेस ही संकट का कारण बन सकता है इसका प्रमुख कारण यह है कि कांग्रेस में जो दावेदारों से आवेदन मांगे वो आवेदन करने वाले जिनकी चुनाव लड़ने के लिए आत्मा जा गई है आष्टा विधानसभा से अब कांग्रेस में स्थानीय का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है ।
जब स्थानीय दावेदारों ने देखा की आष्टा के लिए अनेको दावेदारों ने आवेदन देकर ऊपर जोड-तोड प्रयास सम्पर्क शुरु कर दिये है तथा वे दावेदार स्थानीय नेताओं से भी सतत सम्पर्क में है तो स्थानीय दावेदारों ने एक एकता सम्मेलन होटल सन्तुष्टी पर उन दावेदारों को चिन्ता में डाल दिया है जो बाहरी है और आष्टा से टिकिट पाकर चुनाव लड़ना चाहते है।
गत दिवस आष्टा से जिन स्थानीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस में आवेदन देकर अपनी उम्मीदवारी जताई है उन्होंने एक बैठक आहुत की बैठक में लगभग 19 दावेदार उपस्थित थे तथा प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया की केवल स्थानीय उम्मीदवार ही स्वीकार करेंगे चाहे किसी को भी टिकिट दे वही यह भी प्रस्ताव पास किया गया कि उक्त भावना से प्रदेश एवं जिला कांग्रेस को भी अवगत कराया जाये।
प्रेस को भेजी विज्ञप्ति में बैठक में उपस्थित दावेदारों के हस्ताक्षर है जो दावेदार बेठक में उपस्थित थे उनके नाम बाबूलाल मालवीय, गोपाल इंजिनियर, घनश्याम जांगडा, एच.आर. परमाल, बंशीलाल धनवाल, सेवालाल सोलंकी, श्रीमति रेशम बाई सोलंकी, जगदीश चौहान, श्रीमति रम्बा धनवाल, श्रीमति सुमित्रा परमाल, दिलीप मालवीय, दिनेश सिलोरिया, मखमल सिंह डूमाने, मेहरबान सिंह, रामप्रसाद बरोदिया, फूलसिंह मालवीय, दयाराम मालवीय एवं माखन सिंह मालवीय उक्त स्थानीय दावेदारों की एकता ने उन बाहरी उम्मीदवारों को चिन्ता में डाल दिया है जो आष्टा से टिकिट के दावेदार बने हुए है।